*दीक्षाभूमी नागपुर के समस्त प्रवेश द्वार तथा स्मारक के समस्त द्वार "धम्म चक्र प्रवर्तन दिन" के उपलक्ष में, बौध्द बांधवो को अभिवादन करने हेतु दिनांक २४ - २५ - २६ अक्तुबर २०२० को तथा १४ अक्तुबर २०२० को खुले रखने हेतु तथा स्टाल लगाने हेतु नोटिस...!*
नोटिसकर्ता :
*डॉ. मिलिन्द पंढरीनाथ जीवने*
राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
५९४, जीवक सोसायटी परिसर, नया नकाशा
स्वास्तिक स्कुल के पास, नागपुर ४४००१७
मो.न. ९३७०९८४१३८, ९८९०५८६८२२
इ मेल - dr.milindjiwane@gmail.com
दिनांक - २९ सितंबर २०२०
प्रती,
१. *भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई जी*
अध्यक्ष, प.पु. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिती
दीक्षाभूमी, नागपुर ४४००१०
द्वारा - इंदोरा बुध्द विहार, इंदोरा, नागपुर ४४०००४
२. *डॉ. सुधिर सदानंद फुलझेले*
सचिव, प.पु. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिती
दीक्षाभूमी, नागपुर ४४००१०
द्वारा - आंबेडकर टाऊन, धरमपेठ, नागपुर ४४००१०
३. *समस्त ट्रस्टी,* प.पु. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिती
दीक्षाभूमी, नागपुर ४४००१०
४. *मा. विभागिय आयुक्त,* नागपुर ४४०००१
५. *मा. जिल्हाधिकारी,* नागपुर ४४०००१
६. *मा. आयुक्त, महानगर पालिका* नागपुर ४४०००१
* *Very Very Urgent*
महोदय,
आप को इस नोटिस द्वारा विनंती कि जाती है कि,
१. प.पु. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिती ने, दिनांक २५ सितंबर २०२० को पत्रक क्र. १३/२०२०-२१ अन्वये, समस्त जनता को जाहिर किया है कि, कोरोना संक्रमण - कोविड के कारण तथा "धम्म चक्र प्रवर्तन दिन" - २५ अक्तुबर २०२० को समस्त कार्यक्रम रद्द करने की जानकारी दी है. *"कोरोना संक्रमण वा कोविड यह बहुत ही घातक बिमारी है, इसका अब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नही मिला है."* या कोविड रोगी के एवं कोविड मॄत्यु के, जो आकडे सरकार की ओर से बतायें गये है, वह प्रामाणिक संख्या किस आधार पर मान लिया जाए, यह भी प्रश्न है. *"क्यौं कि, आज तक सदर कथित रोगी की Autopsy या Biopsy ही नहीं की गयी."* अगर आप या सरकार का कोई अधिकारी यह प्रमाण सादर करे. और उस की प्रत हमें दे. शायद कोरोना संक्रमण यह कोई आंतरराष्ट्रीय षडयंत्र हो...! क्यौं कि, इस विषय पर दुसरे पक्ष ने *"कोरोना संक्रमण - कोविड को एक साधारण बिमारी माना है."* और जो मॄत्यु संख्या बतायी जाती है, वह मॄत्यु उस व्यक्ती को होने वाले, अन्य बिमारी से हुयी है. या *"कोरोना के फैलाये गये भयावह डर से...!!!"*
२. *दीक्षाभूमी, नागपुर* - यह भारत ही नही तो, विश्र्व के समस्त बौद्ध समुदायों की, ऐतिहासिक धरोहर है. आप लोग तो, उस ऐतिहासिक धरोहर के *"केवल ट्रस्टी"* है. *"ट्रस्टी का अर्थ होता है विश्वस्त."* अर्थात आप उस धरोहर के *"कानुनन मालिक"* नहीं है. अत: *"धम्म चक्र प्रवर्तन दिन"* के उपलक्ष में, समस्त विश्व के बौध्द समुदाय की भावनाएं जुडी है. अत: धम्म चक्र प्रवर्तन दिन के पुर्व संध्या तथा धम्म चक्र दिन का दुसरा दिन अर्थात *दिनांक २४ - २५ - २६ अक्तुंबर २०२० को,* तथा डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी ने १४ अक्तुबर १९५६ को दीक्षा देने के कारण, *दिनांक १४ अक्तुबर २०२० को,* दीक्षाभूमी नागपुर के *समस्त प्रवेश द्वार* तथा *स्मारक के अंदरुनी समस्त द्वार* बौध्द समुदाय को, अभिवादन करने के लिये खुले रखने का तथा बौध्द जनता को पुस्तक वा अन्य वस्तु के खरिद के लिये स्टाल लगाने की अनुमती देने का, हम निवेदन करते है.
३. भारत में कोरोना संक्रमण काल में, समस्त भारत में हजारों की संख्या में, *"जगन्नाथ रथयात्रा"* निकाली गयी. यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने *"जगन्नाथ रथयात्रा"* को झाडु भी लगाया. दुसरा कार्यक्रम *"अयोध्या रामजन्म महोत्सव"* यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपस्थिती में, धुमधाम से केवल अयोध्या ही नहीं, समस्त भारत में मनाया गया. महत्त्वपुर्ण विषय यह है कि, *"मा. सर्वोच्च न्यायालय के सरन्यायाधीश शरद बोबडे, न्या. दिनेश माहेश्वरी, न्या. ए.एस. बोमन्ना इनके खंडपीठ ने, सदर जगन्नाथ रथयात्रा के आयोजन को, २२ जुनं २०२० को अपनी अनुमती प्रदान की थी."* और संबंधित याचिकाकर्त्यां ने, वह भारत के करोडो जनता का श्रध्दा का विषय बताया था. *क्या धम्म चक्र प्रवर्तन दिन, यह हमारा श्रध्दा का विषय नहीं है...?"*
४. *डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जन्म दिन १४ अप्रेल २०२०* को, इसी कोरोना संक्रमण का संदर्भ देकर, हमें सामुदायिक कार्यक्रम ना करने की अपिल, सरकारी मशीनरी की ओर से की गयी थी. और हम ने उस अपिल का सन्मान कर, बहुत ही साधारण रूप से, वह दिन मनाया था. परंतु आज समस्त भारत में, समस्त व्यवहार यह अच्छे रुप से चल रहे है. ऑफिस खुल गये है. उद्दोग - व्यापार खुल गये है. होटल खुलं गये है. सभी दुकाने खुल गये है. वही कुछ मंदिर भी खुल गये है. और कुछ जगह सार्वजनिक कार्यक्रम भी दिखाई देते है. तो फिर, *"कोरोना डर छाया"* यह दीक्षाभूमी संदर्भ में क्यौं..? *क्या आप लोगों के पास, कोरोना संक्रमण या कोविड का पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण है...?* जो आप आंतरराष्ट्रीय हवा को, वैज्ञानिक या वैद्यकीय सही प्रमाण मान रहे है...!!!
५. आप को इस खुले नोटिस द्वारा विनंती करते है कि, आप *"धम्म चक्र प्रवर्तन दिन"* पर, हम बौध्द समुदाय को अभिवादन करने हेतु *दिनांक २४ - २५ - २६ अक्तुबर को तथा १५ अक्तुबर को पुरे २४ घंटे दीक्षाभूमी नागपुर के प्रवेश द्वार तथा स्मारक के अंदरुनी द्वार खुले करे. तथा आने वाले बौध्द समुदाय को पुस्तक तथा अन्य वस्तुओं के खरीद के लिये स्टाल लगाने की अनुमती दे.*
६. नोटिसी क्र. १ से ३ ये, स्मारक समिती के ट्रस्टी है तथा नोटिसी क्र. ४ से ६ ये, सरकार के प्रतिनिधि है. अत: सरकार के प्रतिनिधि होने के नाते, आप का दायित्व है कि, आप इस संदर्भ जल्द से जल्द, सदर कार्यक्रम की व्यवस्था करने हेतु *"आवश्यक मिटिंग"* बुलाये. तथा बौध्द समुदाय के सदर अभिवादन कार्यक्रम के लिये, उचित आर्थिक प्रावधान करते हुयें, उचित व्यवस्था करे. वही स्मारक समिती ने, *"उस दिन सार्वजनिक कार्यक्रम ले या ना ले....!"* यह स्मारक समिती का अपना अधिकार हो सकता है. *"परंतु बौध्द समुदाय को, उस दिन अभिवादन करने से रोकने का, किसी को कोई नैतिक अधिकार नहीं है. ना ही वह अधिकार, सरकारी प्रतिनिधी को है....!"*
७. अत: आप को यह खुली नोटिस दी जाती है कि, आप *"सात दिवस के अंदर"* इस संदर्भ में, अति आवश्यक मिटिंग ले. तथा *"नोटिस कर्ता को सुचित करे."* अगर आप इस संदर्भ उचित पहल ना कि तो, आप पर *"कानुनी कार्यवाही"* की जाएगी. यह आप सभी नोटीसी धारी ज्ञात रखे. अत: आवश्यक कार्यवाही की आशा के साथ...!!!
* सही
*डॉ. मिलिन्द पंढरीनाथ जीवने*
राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
मो.न. ९३७०९८४१३८, ९८९०५८६८२२
इ मेल - dr.milindjiwane@gmail.com
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