🤝 *थायलंड की TIIKM HQ : Srilanka द्वारा आयोजित आंतरराष्ट्रीय परिषद २०२५ !*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७
राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
एक्स व्हिजिटिंग प्रोफेसर, डॉ बी आर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ महु मप्र
मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२
श्रीलंका की आंतरराष्ट्रीय संस्थान *"The International Institute of Knowledge Management"* (TIIKM) इनके द्वारा, विश्व के विभिन्न देशों में, *"International Conference of Arts & Humanities"* का आयोजन किया जाता है. उसी कडी में ही, दिनांक ४ - ५ सितंबर २०२५ को *थायलंड* इस बौध्द देश के *"होटेल एम्बसॅडर"* फाईव्ह स्टार (दर्जा) में, *"The 12th International Conference of Arts & Humanities 2025"* (ICOAH 2025) (Cornerstones of Belonging : Building sustainable communities) का सफल आयोजन किया गया. सदर परिषद में विश्व के विद्वान संशोधकों ने, उनके *"संशोधन पेपर"* सादर किये हुये है. तथा विश्व के *"गणमान्य संशोधक मान्यवरों"* का मार्गदर्शन भी मिला है. उन मान्यवरों में *डॉ. एल्डाड स्टाबरी / प्रा. पॉल आर्थर / प्रा. जेम्स गार्डिनर / प्रा. हल्संग जवालंगकारा / प्रा रुबिका डक्लस / डॉ कॅनिथ ली जी वुल / प्रा. डा. बानु बायबर्क्स हॉक्स / डॉ. कुक्मी किम / प्रा. अबिर झेलबॅक हद्दपार* इनका उल्लेख किया जा सकता है. सदर आंतरराष्ट्रीय परिषद में जो भी संशोधक *"संशोधन पेपर"* सादर करते है या जो भी सहभागी होते है, उन्हे *"डेलिगेशन फी"* भरनी होती है. अपवाद केवल *"निमंत्रित मान्यवर"* होते है, जो डेलिगेशन फी से अलिप्त होते है. जो भी संशोधक *"संशोधन पेपर"* सादर करते है, उनका संशोधन पेपर का उचित *"समिक्षण / मुल्यांकन"* करने समय, उस संशोधन पेपर के सादर कर्ता का संशोधन पेपर, जो *"समिक्षक"* (Reviewer) जाच करता है, उसे भी *"संशोधन कर्ता"* का नाम मालुम नहीं होता. सदर संशोधन पेपर को *"एक कोड नंबर"* डालकर, उस संशोधन पेपर का समिक्षण करने *"एक फार्मेट"* में भेजा जाता है. और उसी फार्मेट में सदर संशोधन पेपर का, *"मुल्यांकन"* करना होता है कि, उस संशोधन कर्ता का संशोधन पेपर का *"Abstract को स्वीकार किया जाए या नहीं,"* यह संदर्भ भी लिखना होता है. अगर संशोधन पेपर *"स्वीकार"* हो तो, वह पेपर क्यौ *"स्वीकार"* हो और अगर *"अस्वीकार"* हो तो, वह पेपर क्यौं *"अस्वीकार"* हो, यह कारण संशोधन पेपर का *"मुल्यांकन"* करनेवाले *"समिक्षक"* (Reviewer) को देना होता है. अर्थात संशोधन पेपर का *"मुल्यांकन"* करना इतना सरल भी नहीं होता है. आंतरराष्ट्रीय *"फार्मोट पेपर"* अंतर्गत ही वह मुल्यांकन करना होता है. *"समिक्षक"* को आंतरराष्ट्रीय परिस्थिती की उचित जानकारी होना, बहुत जरुरी है. सदर आंतरराष्ट्रीय परिषद में इतनी कठिण परिक्षा होती है. *"मुझे स्वयं"* सदर आंतरराष्ट्रीय परिषद का *"समिक्षक"* (Reviewer) बनना यह सुखद अनुभव रहा है. मैने स्वयं भी *"कुछ संशोधन पेपर"* का मुल्यांकन किया है. परंतु मेरी कुछ व्यस्ततावश *"मैं व्यक्तीश:"* सदर आंतरराष्ट्रीय परिषद में उपस्थित नहीं हो सका. *मुझे* भी सदर आंतरराष्ट्रीय परिषद में *"मेरे द्वारा संशोधन पेपर के मुल्यांकन"* पर स्पिच देना था. सदर परिषद का माध्यम *"अंग्रेजी"* था. परंतु मेरी कुछ व्यस्ततावश अनुपस्थित होना, यह मेरे लिये बडी दु:खद अनुभुती रही है.
*"जागतिक बौध्द आंतरराष्ट्रीय परिषदों"* का आयोजन मैने स्वयं भी किया है. साथ ही *"कुछ देशों"* में / *"भारत"* मे भी आंतरराष्ट्रीय परिषदों के लिये गया भी हुं. लेकिन *"श्रीलंका सरकार"* द्वारा *अनुराधापुर"* के "बौध्द भिक्खु विद्यापीठ" का बहुत अच्छा अनुभव है. मैं श्रीलंकन सेना की सुरक्षा में, *"व्हीव्हीआयपी"* समकक्ष मुझे *"विमान से उतरने से लेकरं श्रीलंका छोडने तक,"* मेरा सुखद अनुभव रहा है. दुसरा अनुभव *"दक्षिण कोरिया"* में HWPL HQ. Korea द्वारा आयोजित *"विश्व शांती परिषद"* में सहभागीता रहा है. दक्षिण कोरिया मैं व्हाया *"व्हिएतनाम"* गया था. व्हिएतनाम हवाई अड्डे पर *"थाई मशहुर अभिनेता एप्पो नॅटविन"* से मेरी भेट हुयी थी. HWPL HQ. Korea द्वारा *"नयी दिल्ली"* में भी "आंतरराष्ट्रीय शांती परिषद" का निमंत्रण था. HWPL HQ Korea तथा मेरी संघटन CRPC इनकी संयुक्त विद्यमान से, ऑन लाईन *"आंतरराष्ट्रीय मीनी शांती परिषद"* का आयोजन, *मेरी अध्यक्षता"* में किया गया था. सदर आंतरराष्ट्रीय परिषद का उदघाटन HWPL के आंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष *"मॅन ही ली* इन्होने किया था. सदर परिषद में *"डॉ अरविंद आलौक / लामा खेनपो किनले गॅलस्टन (भुतान) / डॉ. आर. एस. कुरिल (तत्कालीन कुलगुरू महु) / डॉ. सी. डी. नायक (तत्कालीन कुलगुरू महु) / प्रा. रजनी मलावा पथिराना (श्रीलंका) / डॉ. एक्स. पी. माओ (शिलांग) / श्याम तागडे (आय. एक. एस.) / प्रा. डॉ. सुषमा यादव (कुलगुरू हरियाना* इन मान्यवरों का सहभाग था. सभी मान्यवरो का शब्द सुमनों से स्वागत *वंदना जीवने* / संचालन *दीक्षा रंजन तथा मिस एलेन* / आभार *डॉ. किरण मेश्राम* इन्होने किया था. "*महाबोधी सोसायटी लद्दाख"* द्वारा आयोजित आंतरराष्ट्रीय बौध्द परिषद में निमंत्रण रहा था. *"आंध्र प्रदेश सरकार"* द्वारा आयोजित *"विश्व शांती अमरावती फेस्टिवल"* में, मुख्यमंत्री *चंद्रबाबु नायडु* द्वारा परिषद का भी *मुझे* निमंत्रण था. मेरे साथ *सुर्यभान शेंडे / इंजी. गौतम हेंदरे / मिलिन्द धनवीज* समवेत ५० - ६० के आसपास बौध्द भिक्खु थे. आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा, उन्हे लाने की संपूर्ण जबाबदारी *"मुझे"* दी गयी थी. संपूर्ण खर्च की व्यवस्था *"आंध्र प्रदेश सरकार"* द्वारा ही की गयी थी. *मेघालय* राज्य की *"साऊथ नार्थन विद्यापीठ शिलांग"* में भी मुझे बुलाया गया था. *"डॉ बाबासाहेब आंबेडकर विद्यापीठ महु"* मध्य प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश हैदराबाद के *"डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ओपन विद्यापीठ "* से भी मुझे निमंत्रण था. *"मेरे राष्ट्रिय - आंतरराष्ट्रीय परिषद"* में सहभागीता की यादी लंबी है. *"विश्व शांती रॅली"* का भी सफल आयोजन मेरे नेतृत्व में किया गया. सदर विश्व शांती रैली सफल बनाने में *सुर्यभान शेंडे / दिवंगत दिपाली शंभरकर / वंदना जीवने / डॉ. किरण मेश्राम / डॉ. मनिषा घोष / डॉ. भारती लांजेवार / डॉ. राजेश नंदेश्वर / सुरेखा खंडारे / ममता वरठे / इंजी. माधवी जांभुलकर / इंजी. गौतम हेंदरे / प्रा. डॉ. टी. जी. गेडाम / अधिर बागडे / मिलिन्द गाडेकर* इनका योगदान रहा था. अभी तो महाराष्ट्र शासन आरोग्य विभाग के भुतपुर्व संचालक *डॉ. संजीव कांबळे / पत्रकार प्रभाकर दुपारे / एड. राजेंद्र लाख / प्रा. नितीन तागडे / दिलिप तांदळे / शालिक जिल्हेकर / राजेंद्र घोरपडे / इंजी. विजय बागडे / रवी पाटील / एस. आर. शेंडे (सौंसर) / धर्मेंद्र सिंग / एड. प्रज्ञा निकोसे / सीमा बोरकर / करुणा रामटेके / अपर्णा गाडेकर / ममता गाडेकर / साधना सोनारे / शिवनाथ नागदेवे / डॉ. अमित नाईक / नंदकिशोर पाटील / विजय निकोसे / दिगंबर डोंगरे / मिलिन्द मस्के / अशोक सोनटक्के / विजय सहारे / विजय भैसारे / सरदार कर्नलसिंग दिगवा / मिलिन्द धनवीज / धनराज उपरे* इत्यादी सीआरपीसी वर्ग की भर हो गयी है. अभी हमारा लक्ष हर वर्ष की समान इस वर्ष भी, *"दीक्षाभूमी में आयोजित मोफत वैद्यकीय शिबिर"* सफल बनाने में है. इस वर्ष या आनेवाले अगले वर्ष *"श्रीलंका की TIIKM"* इस आंतरराष्ट्रीय संस्थान को, *"आंतरराष्ट्रीय परिषद ICOAH 2026"* आयोजन, *नागपूर* में कराने का निमंत्रण मैने दिया है. सन १९५६ के *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इनकी धम्मदीक्षा"* के बाद, *"धम्म दीक्षा मिशन"* थमसा गया था. तब हम युवा टीम ने, सन १९८१ से *"धम्म दीक्षा समारोह"* का आयोजन शुरु किया था. *प्रा. डॉ. रुपा कुळकर्णी / प्रा. प्रभाकर पावडे* आदी मान्यवरों ने, *"बौध्द धम्म"* की दीक्षा ली थी. नामवंत कवि *सुरेश भट* भी बौध्द धम्म की दीक्षा देने मजबुर हुआ. *"दलित व्हाईस बंगलोर"* पत्रिका के संपादक *व्ही टी राजशेखर* इन्होने भी *"बौध्द धम्म"* की दीक्षा पटना में ली. *"बौध्द धम्म दीक्षा मिशन"* के लिये *"मुझे"* पटना बिहार और अन्य जगह जाना हुआ. *"थायल़ड"* से ६ फिट की बहुत से *"बुद्ध मुर्ती "* का वितरण भी किया गया. मेरे सहकार्य से कुछ *"बुद्ध विहाऱो"* का निर्माण भी हुआ है. *"तायवान"* से कुछ लाट में *"धम्म पुस्तके"* का वितरण भी किया गया है. परंतु मैने किसी से भी, *"पैसों की मांग"* कभी नहीं की. हमें नया भारत को देखना है. समृद्ध भारत को देखना है. हम उसी दिशा में हम बढ रहे है. जय भीम !!!
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▪️ *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य*
नागपुर दिनांक १९ सितंबर २०२५'
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