Tuesday 26 February 2019

Kiran More posted President of Buldana Dist of Civil Rights Protection Cell

✊ *किरण मोरे जी सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल के बुलढाणा जिला अध्यक्ष पद पर नियुक्त.!*
* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
    राष्ट्रिय अध्यक्ष, सि.आर.पी.सी.

        सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (C.R.P.C.) के बुलढाणा जिला के अध्यक्ष" पद पर *आयु. किरण मोरे* इनकी नियुक्ती *सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्होने की है. मोरे जी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विचारधारा संघटन मे कृतीशील है तथा वे संपादक है..  सदर नियुक्ती पर आयु. एन. पी. जाधव (माजी उप- जिलाधिकारी), कवि सुर्यभान शेंडे, प्रा. दिलिप बारसागडे, दिपाली शंभरकर, वंदना जीवने,  मिलिन्द बडोले (गुजरात), डॉ. नितिन आयवले(कर्नाटक), रेणु किशोर (झारखंड), अँड. रविंदर सिंग घोत्रा (गुजरात),  अविनाश ़गायकवाड (उत्तर महाराष्ट्र), आचल श्रीवास्तव (गुजरात), इंजी. गौतम हेंदरे, अधिर बागडे, डॉ. प्रमोद चिंचखेडे, प्रा. टी.जी. गेडाम, राजेंद्र गवरे (मुंबई ( डॉ मनिषा घोष, बबिता वासे, डॉ किरण मेश्राम, मिलिन्द धनवीज (यवतमाल), नरेश डोंगरे, गौतमादित्य (औरंगाबाद), प्रा. दशरथ रोडे (बीड), डॉ. राजेश नंदेश्रर, संजय फुलझेले, प्रवीण बोरकर, अशोक गणवीर, प्रा. योगेंद्र नगराले(गोंदिया), रजनी थेटे (नासिक(, कांचन वीर, रणजीत तायडे (दिल्ली), अँड. निलिमा लाडे आंबेडकर, डॉ. सौमित्रसेन धिवार, डॉ. देवानंद उबाले, अँड. राजेश परमार, कमलकुमार चौव्हान, हरिदास जीवने, मिलिन्द आठवले, प्रवीण बोरकर, अजय तुम्मे, धनराज उपरे, मनिष खंडारे, सुरेखा खंडारे, सूझंना पोद्दार, चंदा भानुसे, नरेंद्र खोब्रागडे, मिलिन्द गाडेकर, अशोक निमसरकार, सिध्दार्थ सालवे, प्रशांत वानखेडे, ब्रिजेश वानखेडे, अँड. बी.एम. गायकवाड,  विनोद भाई वनकर, धर्मेंद्र गणवीर,  सुधिर जावले, डॉ. भारती लांजेवार, मंगला राजा गणवीर, हिना लांजेवार, ह्रदय गोडबोले, चंद्रिका बहन सोलंकी, महेश महिडा,  विनोद भाई वनकर, प्रवीण देवले, सुधिर मेश्राम, गोपाल यादव, राहुल दुधे, प्रियदर्शी सुभुती, रोहित विनुभाई कचरा, नागसेन पाझारे, आलिया खान, माला सोनेकर, बबीता गोडबोले, पुनम फुलझेले, हिना लांजेवार, साक्षी फुलझेले, प्रिया वनकर, मनिष खंडारे,  सुचित सालवे आदी पदाधिकारी वर्ग ने उनके नियुक्ती पर अभिनंदन किया है.

* *इंजी. विवेक मवाडे,* मराठवाडा प्रदेश अध्यक्ष
* *अविनाश गायकवाड,* उत्तर महाराष्ट्र अध्यक्ष
* *राज अटकोरे,* मराठवाडा प्रदेश महासचिव
* *इंजी. गौतम हेंदरे,* नागपुर जिला अध्यक्ष
* *अधिर बागडे,* नागपुर जिला कार्याध्यक्ष
* *डॉ. प्रमोद चिंचखेडे,* नागपुर शहर अध्यक्ष
* *प्रा. डॉ. टी. जी. गेडाम,* नागपुर शहर कार्याध्यक्ष
* *बबीता वासे*, नागपुर जिला महासचिव
* *नरेश डोंगरे,* नागपुर शहर महासचिव
* *डॉ. किरण मेश्राम,* नागपुर जिला प्रवक्ता
* *डॉ. मनिषा घोष,* नागपुर शहर प्रवक्ता


Sunday 24 February 2019

Aleix Jiwane won Branz Medal in Inter Do Karate Tournaments 2019.

🎖 *अॅलेक्स जीवने को इंटर डोजो कराटे टूर्नामेंट २०१९ में ब्रांझ पदक...!*
            *केंशिन डो शोटोकान कराटे ऑर्गनायझेशन* द्वारा, दिनांक २४ फरवरी २०१९ को नागपुर में *"इंटर डोजो कराटे टूर्नामेंट"* में, *अॅलेक्स जीवने* को अंडर १३ वयोगट में, कुमेते इस प्रकार में, ब्रांझ पदक मिला. अॅलेक्स बिशप कॉटन स्कुल, सदर का छात्र है. तथा *डॉ. आंबेडकर मिशन लष्करीबाग क्लब* के कोच *श्रीकृष्ण भलावी* और सहकोच *रिया मॅम* के मार्गदर्शन में उसने यह यश पाया है. अॅलेक्स को यह मेडल कराटे अार्गनाइजेशन प्रमुख *मा. सुमित नागदवने* के हाथों दिया गया. अॅलेक्स के इस सफलता पर बहुत से हितचिंतको ने, उसका अभिनंदन किया है.







🦗 *मच्छर की गुंजन धारा....!*
        *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
         मो. न. ९३७०९८४१३८

मच्छर की गुंजन धारा
हर कोई सुनता है
अपने कानों मे
वही उसके आने का
अलग ही वह अंदाज
बहुत निराला होता है...
वह बिनधास्त आता है
कानों मे गुंजन करता है
अपने आने की सुचना देता है
शरीर के लहु को चुसता है
निंद हराम कर देता है
कभी कभी बिमारी दे आता है
या परिणाम स्वरूप मौत भी
अत: हमे वो नापसंद होता है
उसे मृत्यु दंड देने की
अकसर हम चेष्टा करते है
क्योंकि कि उसके अॅटीट्युड से
हमे परेशानी होती है
और यह पुर्ण सत्य है...
परंतु
हमारी सत्ता व्यवस्था हो
या न्याय व्यवस्था हो
या समाज व्यवस्था हो
वह हमे बगैर सुचना करे
बहुसंख्य विरोधी भाव निर्णय
हम पर युं ही लाद देता है
तब उस असहनीय अॅटीट्युड पर
हमे परेशानी होने पर भी
ना हम उन्हें मृतु दंड दे पाते है
ना ही उन्हें अपने देश से
बाहर खदेड़ सकते है
बसं युं ही वो अमानवीय अत्याचार
हम बरसों से सहते आये है
और यह भी पुर्ण सत्य है...
भारत प्राचिन इतिहास के
वो अधिकारीक सत्ता नायक
परदेशी रक्तवादीयों के
सत्ता संघर्ष युद्ध में
युं ही मात खाकर
सत्ता से बेदखल हो गये है
और मागासपन की जिंदगी में
उनके समक्ष हात पसारे
अपने अधिकारों का समता विद्रोह
वे पुर्णत: भुल गये है
और यह भी एक सत्य है...
अभी अभी सर्वोच्च न्याय व्यवस्था के
आदिवासी - वनवासी विरोधी निर्णय से
और सत्ताधारी वर्ग के मौन होने पर
वे सभी आहत दिखाई देते है
जिन्होंने जंगल को संजोगे रखा है
जंगल ही उनका जीवन है
जंगल ही उनकी संस्कृती है
जंगल से ही उन्हे बेदखल कर
धर्मांध - देववाद की संस्कृती बताने वाले
वो हिन मानसिकता ग्रस्त समाज देशद्रोही
खुशी का चिअर्स लेते नजर आते है
और जंगलवासीं के
उन नैसर्गिक पारंपरिक अधिकारों का
यह अमानवीय हननीकरण
क्या यही न्यायवादी सत्ता संस्कृती है?
यह भी बहुत बड़ा प्रश्न है...
इन अनुसूचित जाती वर्ग समुह की
तथा बौध्द अल्पसंख्याक समुह की समस्या
उन आदिवासी - वनवासी समुह से
कोई विशेष अलग नही है
वह तथाकथित सत्ता एवं न्याय व्यवस्था
उनसे भी वही कु-न्याय कर रही है
कभी आयसोलेटेड पोष्ट के नाम पर
अधिकार आरक्षण को नकारा जाता है
तो कभी प्रमोशन के आरक्षण नाम पर
लाल क्रास लगाया जाता है
या नान फाऊंड सुटेबल कैंडिडेट कह कर
हमारे मां के गर्भ मेरीट पर
बडा ही प्रश्न चिन्ह लगाया जाता है
और यह भी एक पुर्ण सत्य है...
आज भारत की सीमा आतंकवाद में
हमारे राजसत्ता वादी
पाकिस्तान पर दाग लगाते है!
पर हमारे अंदरूनी समाज युद्ध का क्या?
कभी गो-मांस के भाव पर
कभी राम मंदिर के नाम पर
तो कभी अन्य मंदिर के घुसखोरी पर
तो कभी देववाद के नाम पर
यहां धर्मांधता को परोसते हुये
आंतकवादी जहर बोया जा रहा हो
हमारे अंतर जहां में तो
भारत राष्ट्रवाद कहे
या भारतीयत्व भावना कहे
इस पावन भाव को
पुर्णत: तिलांजली देकर
भारतीय संविधान को जलाने पर भी
भारत के राष्ट्रपती - प्रधानमंत्री - विरोधी नेता
संसद - विधान सभा - विधान परिषद
जहां तक भारत की तमाम मिडिया
और इतना ही नही....!
हमारी वॉच डॉग - सर्वोच्च न्यायालय भी
आंखे बंद कर पुर्णत: मौन रही
वो अति महत्वपुर्ण गंभिर विषय भी
ना कभी यहां चर्चा का विषय रहा
फिर भी वे लोग देशभक्त बन जाते है
यह भी तो पुर्ण सत्य है...
चक्रवर्ती सम्राट अशोक का
वो अखंड महाकाय भारत
और बुध्द के स्वर्णमय युग को
उध्वस्त करनेवाले वे शुक्राचार्य कौन है?
जरा इस पर भी गौर करो..!
हमारे ये खंड खंड हुये भारत में
अब हिंदु राष्ट्रवाद का
धर्मांधी जहर बोनेवाले
वे तथाकथित देशभक्त (?)
धर्मनिरपेक्ष इस वतन में
कश्मीर - मेघालय - त्रिपुरा - नागालँड
मणिपूर - असम - गोरखालैंड - बोडोलैंड
हैद्राबादी निजाम - दलितस्तान
आदी नव राष्ट्र निर्माण की निवं रख रहे है
ये उन्हे पता तो भी है क्या...???
ब्रम्हा - विष्णु ये काल्पनिक बामनी देवसार में
अब्राम्हन महेश को तिसरे स्थान पर रखना
और यज्ञादी बामनी विधी से वंचित रखते हुये
अब्राहम राम - कृष्ण देवनाद का अवतरण
यह बिलकुल युं ही नही है...!
इस कुटिल मायाजाल रोपन में
ओबीसी को मानसिक गुलामगिरी में ढकल कर
धर्मांधवाद की अटुट निव रखीं गयी
अब सोचों - समझों और निर्णय करो
हमे किस दिशा में रहना है
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विचारों के
धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवाद में
तथा जातिविहिन समाज व्यवस्था में
या धर्मांधी मानसिक देववाद मे...???

* * * * * * * * * * * * * * * * * * *
       (भारत राष्ट्रवाद की याद में)

Sunday 17 February 2019

🤝 *भारत राष्ट्रवाद...!*
      *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
       मो. न. ९३७०९८४१३८

भारत राष्ट्रवादाला
आमच्या भीमाने पुकारले
त्याला सत्तेने संपवितांना
धर्मांध स्विकारले ...

रिपब्लिकन शक्तीला
आमच्या बाबांनी घडविले
दुश्मनांच्या काव्याने
आम्ही हत्तीला झुगारले...

समतेच्या ह्या दलाला
आमच्या भीमानी साकारले
गुटवादाच्या पंगतीने
आम्ही त्याला विखारले...

बौध्दांच्या महासभेला
आमच्या बाबांनी घडविले
समतामय भारत स्वप्न
आम्ही मात्र मिटविले...

समाजाच्या विकासाला
बुध्दाला भीमाने स्विकारले
तिरंग्यावर चक्र स्थापुन
अशोक गतीने फिरविले ...

माणसांच्या प्रवृत्तीला
आता पुन्हा मनुने बिघडवले
धर्मांधी गटारात बसवुन
जाती वणवेचे विष पसरवले ...

आज आतंकवादी क्षणाला
बंदुकीच्या धारेने बोलाविले
हे अशांतीचे रान पेटवुन
ह्या देशाचे वाटोळे करविले ...

* * * * * * * * * * * * * * * * *
   (भारत राष्ट्रवाद समर्थक)

Saturday 16 February 2019

🇮🇳 *कश्मीर घाटी में जवानों की शोकाकुल मौत बनाम धर्मांधी देशद्रोहीओं के मकड़ी जाल प्रभाव की भारतीय (?) नंगी राजनीति...!*
             *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य', नागपुर*
              मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

    कश्मीर घाटी कें श्रीनगर - जम्मु महामार्ग पर, १४ फरवरी २०१९ का यह दिन, हमारी भारतीय सेना के लिए बहुत ही दु:खमय कहना होगा. २०० किलो स्फोटक लेकर, आंतकवादी की एक जीप निकलती है. और केंद्रीय राखीव पोलीस दल (सी.आर.पी.एफ.) के, २५४७ जवानों को ले जा रहे ७८ वाहनों में सें एक को, ठोस मार देती है...!!!! वही मरने वालों की संख्या कोई मिडिया ३९ बताता है. तो कोई मिडिया ४० - ४२ - ४३ बता रहा है. *"वैसेे कश्मीर में हमारे जवानों का शहिद होना, यह कोई नयी बात नहीं है. जो हमारे सिविलियन की रक्षा के लिए, अपने आप को कुर्बान कर रहे है."* मै भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में तथा लद्दाख - जम्मू - कश्मीर में घुमकर आया हुं. युं कहे तो, मुझे कभी विद्यापीठ में, तो कहीं संबंधित राज्यों के नामांकित बौद्ध संघटन ने, अतिथी के रुप में निमंत्रित किया था. यही कारण रहा कि, मै उन क्षेत्रों से भलीभांति परिचित रहा हुं. वहां का जीवन देखा हुं. *"वही मै कश्मीर घाटी - पूर्वोत्तर राज्यों के सुंदरता का, बडा ही दिवाना रहा हुं. आकाश की गहराई, बादलों से गुजरना, पहाड़ों की चोटीयां, बर्फीली चट्टानों का आस्वाद, मेरे लिए नया नही है. क्यौ कि, वही भी मेरे लिखाण की प्रेरणा रही है."* ऐसे स्वर्ग में, यह दु:खमय घटना होना, मुझे बडी पिडा दे गया. *"वही भारत में रहने वाले, इन धर्मांधी देशद्रोही - दरिंदों के प्रती बडा गुस्सा भी दे गया. उन राजनेता (?) लोगों के विभिन्न निषेध बयान सुनकर, उन लोगों को भर चौराहे पर, जाहिर फाशी देने का भी मन कर गया."* परंतु मै वो शिक्षा देने का कानुनी तौर पर अधिकारी ना होने से, मेरे कलम ने मुझे कुछ शब्द लिखने के लिए विशेष रुप से प्रेरित किया है.
     कश्मीर घाटी के उस दु:खपुर्ण  घटना पर, कुछ महामहिमों (?) के शब्द भाव को पढा....! और उस पर विचार मंथन भी करने पर..!!! क्या वे महामहिम (?) उस शब्द भाव को रखने के लायक है...???  यह प्रश्न मुझे अपने आप को सताने लगा. भारत के महामहिम (?) राष्ट्रपति मा. रामनाथ कोविंद कहते है कि, *"पुलवामा में हुयें दहशतवादी हल्ले का, मै निषेध करता हुं. शहिद जवानों के दु:ख मे, मै सहभागी हुं. उस दहशतवादी प्रवृत्ती के विरोध में, समुचा देश एक साथ खडा है."* भारत (?) के प्रधानमंत्री (हिंदुस्तान - निच लोगों का देश - संसार का अस्तित्वहीन देश) नरेंद्र मोदी कहते है कि, *"पुलवामा के हल्ले का तिव्र निषेध. शुर वीरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. समुचा देश उन जवानों के परिवार के साथ खडा है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर मैने परिस्थिती का आढावा लिया है."* अब तो नरेंद्र मोदी **आतंकवादी से बदला लेने की बातें कर रहे है."* संघवाद के मुखिया डॉ. मोहन भागवत कहते है कि, *"जम्मू कश्मीर के पुलवामा में, सीआरपीएफ के जवानों पर हुये दहशतवादी हल्ले का, निश्चित बदला लिया जाएगा. हल्ला करनेवाले कों, जैसे के वैसे जवाब दिया जाएगा. यही सभी देश वासियों की भावना है."* अ-ब्राम्हण राजकीय नेता शरद पवार कहते है, *"सीआरपीएफ जवानों पर किया गया हल्ला भयानक है. हम उन जवानों के परिवार के, दु:ख मे सहभागी है. उन जवानों का बलिदान हमेशा याद रहेगा. उन हुतात्माओं को श्रध्दांजली."* जम्मू कश्मीर के माजी मुख्यमंत्री एवं नॅशनल कॉन्फरन्स के नेता फारुख अब्दुल्ला कहते है कि, *"इस घटना से दु:ख हुआ है. कश्मीर में इस तरह के हल्ले होते रहे है. बंदुक यह समस्या का उत्तर नही है. इस हल्ले के लिए, केवल पाकिस्तान ही जबाबदार नही है...!"* वही कांग्रेसी राजकुमारी प्रियंका गांधी कहती है कि, *"कश्मीर में लगातार हो रहे हल्ले की चिंता है. भविष्य में इस तरह का हल्ले ना हों, इस लिए सरकारने कुछ कदम उठाना जरुरी है."* और भी कितने सारे नेताओं ने, अपनी घडियांली वेदनाएं प्रकट कर, उस दु:खमय हल्ले का निषेध किया है. अत: उन नेताओं (?) के उन शब्द भाव की कोई दखल ली जाए, यह मैने जरुरी नहीं समजा...!!! क्यों कि, *"यह केवल एक औपचारिकता ही कहनी होगी...! अंतर्मन की प्रामाणिक वेदना नही...!!!"*
     दुसरी ओर नागपुर में कुछ अ-सामाजिक तत्वों द्वारा, कुछ पोलिसों पर हमले हुये है. तथा एक वकील द्वारा, एक न्यायाधीश को चाटा मारने की घटना भीं, अभी अभी नागपुर में घटी है. निश्चित ही इस घटना का, समर्थन नही किया जा सकता. परंतु पोलिस हो या न्यायाधीश, अगर गलत बर्ताव करता हो तो, उस हिन मानसिकता को, किस तरह लेना चाहिए, यह भी अहं  प्रश्न है...!!! महत्त्व का विषय यह कि, उपरोक्त घटना को संज्ञान लेते हुये, मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ के दो पिठिय बेंच ने कहा की, *"शहर सुरक्षा एवं वाहतुक पोलिसों पर, असामाजिक तत्वों द्वारा हल्ले होना, सहन नही किया जाएगा. उन हल्लेखोरों पर, कडक कारवाई होना जरूरी है. पोलिस ने उन हल्लेखोरों के नाम, न्यायालय को सादर करें...!* मा. उच्च न्यायालय के इस शीघ्र दखल का स्वागत है.  परंतु इस तरह की शीघ्रता, हमें कई अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक एवं राष्ट्र एकात्मता - सद्भावना प्रकरण में, दिखाई नही देती. अत: यह एक बड़ा ही चिंता का विषय है. इस संदर्भ में महत्वपूर्ण उदाहरण ९ अगस्त २०१८ का, नई दिल्ली का जंतर मंतर में देशद्रोही सवर्ण समुह द्वारा, दिल्ली पुलिस के उपस्थिती में *"भारतीय संविधान की प्रतियां को जलाना, और संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर मुर्दाबाद नारे लगाना भी है...!"* सदर निंदनीय घटना का, उपरोक्त महामहिमो़ ने, ना ही निषेध किया था, ना ही कोई गंभीर दखल ली थी. सभी मिडिया खामोश थी. संसद खामोश थी. विधान सभा - विधान परिषद भी खामोश थी. सभी उच्च न्यायालय खामोश थे. सर्वोच्च न्यायालय भी खामोश दिखाई दी. शायद सवर्ण न्यायालय (सर्वोच्च न्यायालय?) में परिवर्तन का परिपाक हो...!!!! *"क्या यह निंदनीय घटना, भारत राष्ट्रवाद का प्रतीक है ? भारत देशभक्ती - देश प्रेम का ताना बाना है...???"* यह देशद्रोहीता नही तों, और हम इसे क्या है....???
      अब हम हमारे उन महामहिमों (?) के बयान पर चर्चा करेंगे. *"राष्ट्रपती - रामनाथ कोविंद"* का परिचय कहे या पात्रता, यह केवल दलित राष्ट्रपती (?) तक ही सिमित है. भारत के इसके पहले ब्राम्हण राष्ट्रपती हुये है. परंतु उनका परिचय हो या पात्रता, ब्राम्हण राष्ट्रपती के रुप में, कभी नही किया गया. इतना ही नहीं, भारत के सर्वोच्च पदों पर, ब्राम्हण समुदाय के लोग विराजमान है. परंतु उनका भी परिचय ब्राम्हण के रुप मे नही किया जाता. इसे क्या कहे...??? दुसरी बात यह कि, रामनाथ कोविंद जी, भारत के संविधान की प्रतियां जलाई जा रही थी. डॉ. आंबेडकर मुर्दाबाद के नारे, देशद्रोही सवर्ण समुह दे रहे थे. तब उनका मौन रहना, रामनाथ कोविंद की वह हिन वैचारीकता बता गया...! अत: उन्हें तो देश के राष्ट्र भावना संदर्भ में, बोलने का कोई नैतिक अधिकार ही नही है. यही बातें *"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी"* को भी लागु है. भारत के आवाम द्वारा टॅक्स के माध्यम से जमा किया पैसा, अनैतिक रुप से, अगर करोडों के रुप में, धर्मांधी कुंभमेला पर खर्च होता हो, या ३००० करोड़ की राशी सरदार वल्लभभाई पटेल के स्मारक पर, खर्च की जाती हो तो, *"भारत यह विकास भारत कैसे होगा...?"*  भारत में धर्मांधवाद - दैववाद को बढ़ावा दिया जाता हो तो, *"भारत बलशाली राष्ट्र कैसे होगा...? "* सम्राट अशोक काल में, "भारत की अर्थव्यवस्था" बडी ही मजबूत थी. भारत यह अखंड बलशाली विशाल राष्ट्र था...! आज वह भारत, हमें दिखाई नहीं देता. वे गद्दार - झारी के शुक्राचार्य कौन है...??? *"वही बिन अकल के - देश के लिए बोजा बने, हे साधु - संत (?) "चेतावनी सभा" लेकर, नरेंद्र मोदी को राम मंदिर बनाने का आदेश देते है...!"* देश का अंतर्गत माहोल खराब कर रहे है...? उस का क्या???  वही उन बिन अकलों को, हमारी राजसत्ता व्यवस्था, फुकट की पेंशन देती हो तो, इसे क्या कहे. उन साधु - संतो (?) का देश के विकास में क्या योगदान है..? मंदिरों में करोडों की राशी, आज भी डंब पडी है...! वे राष्ट्र निर्माण में लग नही रही है. फिर भी हमारी शासन व्यवस्था उस पर, निर्णय लेने में सक्षम नही है..! उस का क्या...??? और पाकिस्तानी आंतकवादी से बदला लेने की बातें की जा रही है...! *"अगर कुंभमेला का पैसा, मंदिरों का पैसा, स्मारकों का पैसा यह भारतीय सुरक्षा - भारत राष्ट्रवाद  पर, लगा होता तो, भारत सशक्त राष्ट्र रहा होता....!"* चीन हो या, अमेरिका हो या, रशिया हो, उनके पास हात फैलाने की गरज हमे महसूस नही होती. इस विषय पर निर्णय लेने के लिए, बडा ही कलेजा चाहिए. बडी ईच्छाशक्ति चाहिए...!!! जो हमें आप लोगों मे दिखाई नही देती. *"संघवादी डॉ. मोहन भागवत "* को भी वे ही बातें लागु है. आतंकवादी से बदला लेने के लिए, बडा जिगर चाहिए. तुम तो राम मंदिर के नाम पर, सामाजिक वातावरण दुषित कर रहे हो. और आतंकवादी भी वही काम कर रहे है. तुम दोनों में फर्क क्या है...? तुम दोनों भी तो आतंकवादी हो...!!! यही आप लोगों की सही औकात है. तो बदला क्या लोगे...??? वैसे कहा जाए तो, मरना इन धर्मांधी देशद्रोहीं को होना चाहिए. परंतु शहिद हमारे जवान हो रहे है. और *"बदला लेना - क्या "सशक्त भारत - अहिंसक भारत - विकास भारत" बनने का सही उपाय है...!!!"* क्या गर्भ मेरिट है, ये "ब्राह्मण वंशवाद का..!!!"
      जम्मु - कश्मीर के माजी मुख्यमंत्री फारुख अब्दुला का कथन तो, थोडा हटकर लगा. *"इस हमले के लिए केवल पाकिस्तान को दोष क्यौ दे..? - निश्चित ही हिंदु ब्राह्मण धर्मांधीता का देववाद धर्म जहर, भारत में आंतरिक आतंकवाद बडे मात्रा में फैला रहा है...!"* यहा हम लोग बंधुभाव मानसिकता से कोंसो दुर है. परंतु शिक्षा तो जवानों को मिल रही है. वही कांग्रेसी राजकुमारी प्रियंका गांधी हो या, राजकुमार राहुल गांधी हो, उन्होंने कांग्रेस का वो पुराना इतिहास, पढा हुआ दिखाई नहीं देता. उन्हें तो हमारे देश का नाम *"भारत"* है, यह तक मालुम नहीं है. और भारत में राजनीति करने निकल पडे है. *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, बंगाल से जीस मतदार संघ से चुनकर आये थे, वह हिंदु बहुल भाग, कांग्रेस ने बटवारें में पाकिस्तान को दिया था."*  और बाबासाहेब के संसद में जाने के,  सारे रास्ते बंद किये थे. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के मृत्यु के पश्चात भी, दिल्ली में अंत संस्कार करने के लिए जगह नहीं दी गयी. मुंबई का हाल भी उसी तरह का रहा था. बाबासाहेब ने जहां *"भारतीय संविधान "* को मुर्त रुप दिया था, वह *" संविधान सभा"* आज भी अज्ञात दिखाई देती  है. कांग्रेस ने उस एतिहासिक वास्तु को *"ऑफिसर दारु के क्लब"* में परिवर्तित किया है. बाबासाहेब को *"भारत रत्न"* यह सर्वोच्च पुरस्कार मिलने के लिए व्ही. पी. सिंग सरकार का इंतजार करना पडा. महात्मा ज्योतिबा फुले - सावित्रीबाई फुले, अन्नाभाऊ साठे, छत्रपती शाहू महाराज को, अभी तक *"भारत रत्न"* पुरस्कार से सन्मानित नही किया गया. देश की कई महत्वपुर्ण जगह, यह केवल गांधी - नेहरु परिवारों के स्मारकों मे परिवर्तित किया गया. परंतु बाबासाहेब के स्मारकों को मिटाने का काम किया गया. सम्राट   अशोक का राष्ट्र चिन्ह को पोष्ट कार्ड - आंतरदेशीय पत्र से हटाया गया. भारतीय करंसी पर भी, सम्राट अशोक का चिन्ह बहुत ही छोटा किया गया. और अनैतिकता के पुजारी मोहनदास गांधी को बडा कर, वहा बिठाया गया है. कांग्रेसी यह अनैतिकता ही, *"भारतीय करंसी के अवमुल्यन का कारण रही है."* कांग्रेसी राज में, पद्म पुरस्कारों में, बामनी समूहों का बोलबाला दिखाई देता है. कांग्रेस ने बांगला के चकमा बौद्धों को पाकिस्तान के हवाले किया. आज भी वे लोग अपने अस्तित्व के लिए, बांगला देश में संघर्ष कर रहे है. त्रिपुरा मेंं स्थलांतरीत हुये, कुछ चकमा बौद्धों की हालत, बहुत ही दयनीय है. भाजपा भी कांग्रेस के उसी राह पर चलते नजर आती है. *"भारत रत्न पुरस्कार के लिए हो या, पद्म पुरस्कार में बामनी समूहों का बोलबाला ही नजर आता है."* मागास समूहों के मौलिक अधिकारों को, खत्म कराने का षडयंत्र चलाया जा रहा है. *"अर्थात कांग्रेस यह बड़ी बहन है. और भाजपा यह छोटी बहन है. एक नरम विचार लेकर चलती है. और एक गरम विचार...!"* दोनों भी बहना यहां के ८५ प्रतीशत समुह को, भावनिक षडयंत्र कर, गुलामी का शिकंजा कसते नजर आती है. और यह बहुसंख्यक समुह इन दोनों बहनों के जाल में फसते हुये नजर आते है. यही तो है *"बामनी कावा...! "*
      आज तक भारत में जितने भी प्रधानमंत्री बने है, उनमें से केवल *"नरेंद्र मोदी ही यह पहला ना-लायक प्रधानमंत्री है, जिसने  प्रधानमंत्री पद की गरिमा को धूमिल किया है !"* भाजपा के ही अटलबिहारी बाजपेयी भी प्रधानमंत्री बने थे. परंतु उन्होंने ने भी प्रधानमंत्री इस पद की गरिमा बनाई रखी. यह अलग बात है कि, भारत आजादी आंदोलन पर, अंग्रेजों से समझौता करने का आरोप उन पर लगाया गया. नरेंद्र मोदी द्वारा भाषण में स्वयं को *" देश का चौकीदार बोलना या, चालवाला बोलना...!"* आदी बातें प्रधानमंत्री पद की गरिमा खंडीत कर गयी. वही कांग्रेसी राजकुमार राहुल गांधी ने भी, उन बातों को हवा देकर, प्रधानमंत्री पद की गरिमा खत्म करने का निंदनीय काम किया है. वही विदेशों में भी, राहुल गांधी ने अपने देश की व्यवस्था का, नंगा प्रदर्शन भाषण देना, इसे उच्च नैतिकता नही कह सकते. अत: इन गधों की, उस कु-कृतीशीलता ने मुझे डॉ. आंबेडकर के, वे शब्द याद कर गये. और मै उन शब्द को कोट कर, मेरे शब्द को भी विराम दुंगा. डॉ. आंबेडकर कहते है, *"अधिकार रुढ दल एवं अधिकार स्तर पर कार्यरत लोगों से मेरे जरुर मतभेद रहे है. परंतु इस कारणवश विदेश में, मै अपने देश की बदनामी नही करुंगा. मै मेरे देश में उन मंत्री या दलीय नेताओं से, आमने सामने दो हात करुंगा. परंतु विदेशों में उन लोगों का मानभंग नही करुंगा...!"* (न्युयॉर्क दिनांक ३१-०५-१९५२)

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *
* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य', नागपुर*
         (भारत राष्ट्रवाद समर्थक)
* राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
* मो. न.  ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

Thursday 14 February 2019

Rajendra Gaware posted as President of Mumbai City Civil Rights Protection Cell

✊ *राजेंद्र गवरे जी सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल के मुंबई शहर अध्यक्ष पद पर नियुक्त.!*
* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
    राष्ट्रिय अध्यक्ष, सि.आर.पी.सी.

        सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (C.R.P.C.) के मुंबई शहर के अध्यक्ष" पद पर *आयु. राजेंद्र गवरे* इनकी नियुक्ती *सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्होने की है. गवरे जी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विचारधारा संघटन मे कृतीशील है...  सदर नियुक्ती पर आयु. एन. पी. जाधव (माजी उप- जिलाधिकारी), कवि सुर्यभान शेंडे, प्रा. दिलिप बारसागडे, दिपाली शंभरकर, वंदना जीवने,  मिलिन्द बडोले (गुजरात), डॉ. नितिन आयवले(कर्नाटक), रेणु किशोर (झारखंड), अँड. रविंदर सिंग घोत्रा (गुजरात),  आचल श्रीवास्तव (गुजरात), इंजी. गौतम हेंदरे, अधिर बागडे, डॉ. प्रमोद चिंचखेडे, प्रा. टी.जी. गेडाम, डॉ मनिषा घोष, बबिता वासे, डॉ किरण मेश्राम, मिलिन्द धनवीज, नरेश डोंगरे, गौतमादित्य, डॉ.  राजेश नंदेश्रर, संजय फुलझेले, प्रवीण बोरकर, अशोक गणवीर, प्रा. योगेंद्र नगराले, रजनी थेटे, कांचन वीर, रणजीत तायडे (दिल्ली), अँड. निलिमा लाडे आंबेडकर, डॉ. सौमित्रसेन धिवार, डॉ. देवानंद उबाले, अँड. राजेश परमार, कमलकुमार चौव्हान, हरिदास जीवने, मिलिन्द आठवले, प्रवीण बोरकर, अजय तुम्मे, धनराज उपरे, मनिष खंडारे, सुरेखा खंडारे, सूझंना पोद्दार, चंदा भानुसे, नरेंद्र खोब्रागडे, मिलिन्द गाडेकर, अशोक निमसरकार, सिध्दार्थ सालवे, प्रशांत वानखेडे, ब्रिजेश वानखेडे, अँड. बी.एम. गायकवाड,  विनोद भाई वनकर, धर्मेंद्र गणवीर,  सुधिर जावले, डॉ. भारती लांजेवार, मंगला राजा गणवीर, हिना लांजेवार, ह्रदय गोडबोले, चंद्रिका बहन सोलंकी, महेश महिडा,  विनोद भाई वनकर, प्रवीण देवले, सुधिर मेश्राम, गोपाल यादव, राहुल दुधे, प्रियदर्शी सुभुती, रोहित विनुभाई कचरा, नागसेन पाझारे, आलिया खान, माला सोनेकर, बबीता गोडबोले, पुनम फुलझेले, हिना लांजेवार, साक्षी फुलझेले, प्रिया वनकर, मनिष खंडारे,  सुचित सालवे आदी पदाधिकारी वर्ग ने उनके नियुक्ती पर अभिनंदन किया है.

* *इंजी. विवेक मवाडे,* मराठवाडा प्रदेश अध्यक्ष
* *अविनाश गायकवाड,* उत्तर महाराष्ट्र अध्यक्ष
* *राज अटकोरे,* मराठवाडा प्रदेश महासचिव
* *इंजी. गौतम हेंदरे,* नागपुर जिला अध्यक्ष
* *अधिर बागडे,* नागपुर जिला कार्याध्यक्ष
* *डॉ. प्रमोद चिंचखेडे,* नागपुर शहर अध्यक्ष
* *प्रा. डॉ. टी. जी. गेडाम,* नागपुर शहर कार्याध्यक्ष
* *बबीता वासे*, नागपुर जिला महासचिव
* *नरेश डोंगरे,* नागपुर शहर महासचिव
* *डॉ. किरण मेश्राम,* नागपुर जिला प्रवक्ता
* *डॉ. मनिषा घोष,* नागपुर शहर प्रवक्ता


Wednesday 13 February 2019

Prof. Dashrath Rode posted as district president of Bid of Civil Rights Protection Cell

🔹 *प्रा.दशरथ वैजनाथ राेडे इनकी सिव्हिल राईट्स के बिड जिले के अध्यक्ष पद पर  मराठवाडा रिजन मे नियुक्ती...*

* इंजी. डॉ. विवेक मवाडे.अध्यक्ष, मराठवाडा प्रदेश, सि.आर.पी.सी.
ईंजी.राज अटकाेरे ,महासचिव मराठवाडा प्रदेश,सि.आर.पी.सी.
* डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'
    राष्ट्रिय अध्यक्ष, सि.आर.पी.सी.

        सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (C.R.P.C.) के मराठवाडा प्रदेश के बिड जिल्हा अध्यक्ष" पद पर  प्रा.दशरथ वैजनाथ राेडे इनकी नियुक्ती की गयी है. व इस नियुक्ती को *सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्होने अनुमती प्रदान की है. सदर मान्यवर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विचारधारा संघटन मे कृतीशील है...  सदर नियुक्ती पर आयु. एन. पी. जाधव (माजी उप- जिलाधिकारी), यशवंत गायकवाड, प्रा. दिलिप बारसागडे, दिपाली शंभरकर, कवी सुर्यभान शेंडे, मिलिन्द बडोले, डॉ. नितिन आयवले, रेणु किशोर, प्रा. सुखदेव चिंचखेडे, अँड. रविंदर सिंग घोत्रा, मिलिन्द धनवीज, अँड. आचल श्रीवास्तव, कांचन वीर, इंजी. गौतम हेंदरे, डॉ. प्रमोद चिंचखेडे, प्रवीण बोरकर, अशोक गणवीर, गौतमादित्य, प्रा. योगेंद्र नगराले, नरेश डोंगरे, रजनी थेटे, रणजीत तायडे, अँड. निलिमा लाडे आंबेडकर, डॉ. सौमित्रसेन धिवार, डॉ. देवानंद उबाले, अँड. राजेश परमार, कमलकुमार चौव्हान, हरिदास जीवने, भोला शेंडे, मिलिन्द आठवले, प्रवीण बोरकर, अजय तुम्मे, धनराज उपरे, मनिष खंडारे, सुरेखा खंडारे, सूझंना पोद्दार, चंदा भानुसे, नरेंद्र खोब्रागडे, मिलिन्द गाडेकर, डॉ. राजेश नंदेश्वर , अशोक निमसरकार, सिध्दार्थ सालवे, प्रशांत वानखेडे, ब्रिजेश वानखेडे, अँड. बी.एम. गायकवाड,  विनोद भाई वनकर, धर्मेंद्र गणवीर,  सुधिर जावले, डॉ. मनिषा घोष, डॉ. भारती लांजेवार, मंगला राजा गणवीर, हिना लांजेवार, ह्रदय गोडबोले, चंद्रिका बहन सोलंकी, महेश महिडा,  विनोद भाई वनकर, प्रवीण देवले, सुधिर मेश्राम, गोपाल यादव, राहुल दुधे, प्रियदर्शी सुभुती, रोहित विनुभाई कचरा, संजय फुलझेले, नागसेन पाझारे, प्रशांत ठाकरे आदीयो ने अभिनंदन किया है...

  * इंजी. डॉ. विवेक मवाडे.
   अध्यक्ष, मराठवाडा प्रदेश
         मुख्यालय नांदेड.



Tuesday 12 February 2019

🇮🇳 *भारत राष्ट्रवाद प्यार हो हर बार...!*
         *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य', नागपुर*
         मो. न. ९३७०९८४१३८

भारत राष्ट्रवाद प्यार हो हर बार
जन जन में चेतना भरे हर बार...

ना हे गद्दारों की सत्ता हो हर बार
चमन मिटाने वाले मरे हर बार
संविधान को बचाना है हर बार
भारत समता नाद हो हर बार...

जन भारत आजाद हो हर बार
हे गद्दार फांशी पेे चढे हर बार
न्याय सत्य की आग उठे हर बार
भारत जाती विहिन हो हर बार...

हे धर्मांधी को मिटाना है हर बार
यहा दु:खों का भी अंत हो हर बार
लहु क्रांती को जगाना है हर बार
भारत बुध्दमय बनाना हो हर बार...

* * * * * * * * * * * * * * * * * *

Sunday 10 February 2019

🍷 *तुम मधुशाला...!*
       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य', नागपुर*
       मो.न. ९३७०९८४१३८

हे नशा में धुत हो, तुम मधुशाला
अधम का रुप हो, तुम मधुशाला...

आग की चिंगारी हो, तुम मधुशाला
मन का तुफान हो, तुम मधुशाला
दीन की मिसाल हो, तुम मधुशाला
नारी का नरक हो, तुम मधुशाला...

गद्दारों की खान हो, तुम मधुशाला
उजाडें का नाम हो, तुम मधुशाला
प्यार की नादानी हो, तुम मधुशाला
डुबाने का राज हो, तुम मधुशाला...

ना चैन की वफा हो, तुम मधुशाला
हिंसा का गदर हो, तुम मधुशाला
सत्ता की मैफिल हो, तुम मधुशाला
देश का कलंक हो, तुम मधुशाला...

* * * * * * * * * * * * * * * * * * *

, Avinash Gaikwad post North Maharashtra President of Civil Rights Protection Cell... Dr. Milind Jiwane






🌹 *वो बुद्ध तराना है....!*
       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
        मो. न. ९३७०९८४१३८

पतझड़ मौसम, एक बहाना है
नव जीवन का, वो बुध्द तराना है...

इन हवा के झोकों से, युं गिरना है
पत्तियों के समुंदर में, खो जाना है
उस में चलने से, आवाज होना है
मेरे प्यार का संदेश, युं दे आना है...

तितली के संग, युं गुंज करना है
इन फूलों के गंधों मे, रम जाना हैै
प्यार के सावन पर, युं बुलाना है
हे चले जाकर, नया लुक देना है...

इन जन मन का, वो गीत गाना है
आसुं के समुंदर से, उठ आना है
तेरे अस्तित्व के बिना, ये तो सुना है
हे जग मां सृष्टि, वां ये खुब बाना है...

* * * * * * * * * * * * * * * * * * *

Saturday 9 February 2019

Avinash Gaikwad posted as regional president of North Maharashtra of Civil Rights Protection Cell.

✊ *अविनाश गायकवाड इनकी सिव्हिल राईट्स के उत्तर महाराष्ट्र के अध्यक्ष पद पर नियुक्ती...!*

     *सिविल राईट्स प्रोटेक्शन सेल*  (सी.आर.पी.सी.) शाखा - उत्तर महाराष्ट्र के अध्यक्ष पद पर *अविनाश गायकवाड*  इनकी नियुक्ती, सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्होंने की है. आयु.  गायकवाड जी, ये आंबेडकरी मुव्हमेंट से जुडे है. एवं बहुत से संघटना मे अध्यक्ष के रुप में काम कर चुके है. *एन.पी. जाधव (मुंबई), कवि सूर्यभान शेंडे, दिपाली शंभरकर, वंदना जीवने, इंजी. डॉ. विवेक मवाडे (नांदेड), अधिर बागडे, इंजी. गौतम हेंदरे, प्रा. डॉ.टी.जी. गेडाम, डॉ. प्रमोद चिंचखेडे, राजु अटकोरे, गौतमादित्य, नरेश डोंगरे, बबीता वासे, डॉ. भारती लांजेवार, चंदा भानुसे, आलिया खान, माला सोनेकर, बबीता गोडबोले, हिना लांजेवार, अॅड. नीलिमा लाडे, पुनम फुलझेले, साक्षी फुलझेले, डॉ. राजेश नंदेश्वर, सुरेखा खंडारे, मिलिन्द गाडेकर, संजय फुलझेले, मिलिन्द धनवीज, प्रिया वनकर, मनिष खंडारे, नरेंद्र खोब्रागडे* आदी पदाधिकारी वर्ग ने उनके नियुक्ती पर अभिनंदन किया है.

* *इंजी. गौतम हेंदरे,* नागपुर जिला अध्यक्ष
* *अधिर बागडे,* नागपुर जिला कार्याध्यक्ष
* *डॉ. प्रमोद चिंचखेडे,* नागपुर शहर अध्यक्ष
* *प्रा. डॉ. टी. जी. गेडाम,* नागपुर शहर कार्याध्यक्ष
* *बबीता वासे,* नागपुर जिला महासचिव
* *नरेश डोंगरे,* नागपुर शहर महासचिव
* *डॉ. किरण मेश्राम,* नागपुर जिला प्रवक्ता
* *डॉ. मनिषा घोष,* नागपुर शहर प्रवक्ता





Thursday 7 February 2019

 ⛩ *भारतीय बौद्ध महासभा के ड्राफ्ट का सार एवं धर्मादाय को स्वयं घोषित अध्यक्ष की शिकायत...!*
   (अंतिम सुधार ड्राफ्ट - धर्मादाय में सुनवाई के बाद)

                *By Speed Post*

प्रेषक:  *डॉ. मिलिन्द पं. जीवने*
           ५८४, जीवक सोसायटी परिसर
           नया नकाशा, स्वस्तिक स्कुल के पास,
            लष्करीबाग, नागपुर ४४००१७ म. रा.
            मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२
            इ मेल: dr.milindjiwane@gmail.com
            दिनांक: ३०/११/२०१८

प्रति,
      मा. धर्मादाय आयुक्त, महाराष्ट्र राज्य
      धर्मादाय आयुक्त भवन, तिसरी मंजिल,
      ८३, अॅनी बेझंट रोड, वरली, मुंबई ४०००१८

विषय: *दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया पंजी. F-982/62 (Bombay) under BPT Act & No. 3227/55 under Society Act) में अब भी आर्थिक गैरप्रकार/घोटालें होने के कारण, आर्थिक घोटाला करनेवाले दोषी पदाधिकारी वर्ग का, अगर उस चेंज रिपोर्ट में नाम हों तो, उस दोषी पदाधिकारी/सदस्य की सदस्यता रद्द कर, उस दोषी सदस्य पर, फौजदारी गुन्हा दाखल करने हेतु पुलिस में सिफारिश कर, आगे सोसायटी पर प्रशासक बिठाकर, पुरे भारत से नये शिरे से सदस्य नोंदणी करते हुए, केवल सोसायटी अॅक्ट के अंतर्गत (BPT Act नियमावली - स्किम के अंतर्गत नही) चुनाव लेकर,  सोसायटी रजिस्ट्रेशन अॅक्ट अनुसार नियम एवं नियमावली में सुधार (Amendment) करने हेतु...!*

गैर अर्जदार:
 *१. राजरत्न अशोक आंबेडकर* (स्वंय घोषित अध्यक्ष), आंबेडकर भवन, जी-२२६, दुसरा माला, बी.एम.सी. बिल्डिंग, स्टेशन रोड, भांडुप (पश्चिम), मुंबई ४०००७८  मो. न. ७६६६७६१३५८
*२. चंद्रभान उर्फ चंद्रबोधी पाटील* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), ३/४, इंशा हटमेंट, आजाद मैदान, फोर्ट, मुंबई ४००००१  मो. न. ७५०७६६६४८६
*३. विश्वनाथ शामराव मोखले* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), ब्लॉक न. ०९ डी/७, भीम कृपा सी. एच. एस. भवानी नगर, मुरमाड रोड, कल्याण (पश्चिम), जिला - ठाणे
*४. आसाराम नारनवरे* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), नागसेन नगर, भीम चौक के पास, नागपुर ४४००२६
*५. मिराताई यशवंत आंबेडकर* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), १७/ए, आंबेडकर भवन, गोकुळदास पास्ता रोड, दादर, मुंबई ४०००१४   निवास: राजगृह, हिंदु कॉलोनी, दादर (पुर्व), मुंबई ४०००१४

महोदय,
           उपरोक्त विषय संदर्भ में आप को सुचित किया जाता है कि, *गैर अर्जदार क्र. १ से ५* इन्होंने *"स्वयं को असंवैधानिक राष्ट्रिय अध्यक्ष "* घोषित कर, अपने मन मर्जी से संघटन चलाकर, कानुन को मजाक समझा है. *और संघटन के नाम पर अवैध आर्थिक व्यवहार भी कर रहे है.* मै स्वयं ही इन लोगों को इकठ्ठा आकर, आपस में समझौता करने के संदर्भ में, आवाहन लेख भी लिखे है. पर वे लोग मतलब की राजनीति कर, अपने अहं भाव को रखकर, बौद्ध समाज के भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे है. अत: उन लोगों के विरोध में, निम्न तक्रार की जाती है....!

१. गैर अर्जदार क्र. ५ *श्रीमती मिराताई आंबेडकर* इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में, Petition for Special Leave Appeal No. 24645/2013, हारने के उपरांत भी, स्वयं को *"दि बुध्दिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया का असंवैधानिक राष्ट्रीय अध्यक्ष"* के रुप में काम करना पुर्ववत चालु रखा है. भारत में उनकी स्थापित शाखाएं चालु है. बौद्ध परिषद, अन्य कार्यक्रमों का आयोजन आदी के लिए, बौद्ध समाज सें दान के रुप में, अवैध रूप से चंदा जमा किया जाता है. वह पैसा कौन से बैंक खातों में जमा किया जाता है, या इसके समस्त अवैध हिसाब की जानकारी से समाज और शासन भी अनभिज्ञ दिखाई देते है. अत: आप से इस अवैध कृती पर, निर्बंध लाने हेतु, और उन दोषियों पर Civil और Criminal Act के अंतर्गत, कारवाई करने की मांग करता हुं. क्यों कि, यह बौद्ध समाज से बड़ी खिलवाड़ है. बाबासाहेब आंबेडकर जी के आदर्श विचारों की तोहिम है.

२. गैर अर्जदार क्र.  १,२,३ और ४ अर्थात राजरत्न आंबेडकर, चंद्रबोधी पाटील, व्ही. एस. मोखले और आसाराम नारनवरे इन्होंने स्वयं को दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया का राष्ट्रिय अध्यक्ष घोषित कर, विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना, अधिवेशन/परिषदों का आयोजन करना, और अन्य खर्चों के लिए, बौद्ध समाज से अवैध रूप से, दान के रूप में चंदा जमा किया गया है. और अब भी जमा कर रहे है. *बैंक में अवैध रुप से नये खाते भी खोले गये है.* जिस पैसों का कई सालों से, आन) ऑफ लाईन हिसाब धर्मादाय कार्यालय में कभी दिया ही नही गया. वही अलग अलग चार असंवैधानिक अध्यक्ष के रूप में, वे चारों ही पदाधिकारी / समितियां काम कर रही हो तो, *"वह अलग अलग चारो गटों के हिसाब का "एकीकरण हिसाब" देना कैसे संभव होगा? "* वही धर्मादाय विभाग भी, सोया हुआ हमे नजर आता है.

३. गैर अर्जदार क्र. १,२,३ और ४ इन सदस्यों (?) के नाम *" शेड्युल वन"* पर आने के लिए, *"चेंज रिपोर्ट "* अलग अलग सालों में दाखिल किये गये है. और वे " चेंज रिपोर्ट " आप के कार्यालयों में प्रलंबित है. *"या किसी चेंज रिपोर्ट पर hearing भी चल रही है. "* परंतु *" शेड्युल १० (दस) "* की ओर, धर्मादाय विभाग का खयाल नही है. यह बडा ही गंभिर विषय है. बौद्ध समाज के, पैसों के हिसाब के प्रति यह उदासीनता संविधानिक प्रश्न बन कर, उभर रहा है.  अत: *" उपरोक्त गैर अर्जदारों से पैसों के हिसाब की मांग कर, बैंक खातों की जाच कर, उस में जो भी पदाधिकारी दोषी पायें जाते है, उनकी सदस्यता रद्द कर, पुलिस विभाग को उन दोषियों पर, गुन्हा दाखिल करने की मांग की जाती है. अत: आप के कार्यालयों में सादर समस्त कालबाह्य चेंज रिपोर्ट को, नामंजुर किया जाए. और चालु चेंज रिपोर्ट पर निर्णय ना देकर, पहले दोषी पदाधिकारी वर्ग द्वारा किये गये, आर्थिक घोटालों की जांच की जाए.*

४. दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया की कई सालों से, सदस्यता नोंद करने की प्रक्रिया बंद है. और बौद्ध समाज में कई बालक युवा अवस्था में पदार्पण कर चुके है. जिनका उस सोसायटी का सदस्य बनना यह हक है. तथा इन पदाधिकारियों ने जिन बौद्ध समाज को सदस्य बनने सें वंचित रखा है, उन्हें सदस्य बनने का अवसर भी दिया जाए. क्यों कि, यह संघटन भारत के संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहेब ने, समस्त बौद्ध जनता के कल्याण हेतु निर्माण की है. ना कि, इन नेताओं के स्वार्थ और अहंकार हेतु...! *और वह Society Act के अधिन पंजिबध्द की गयी है.* जिस का पंजीकरण नंबर 3227/55 है. वही बाद में The Bombay Public Trust Act  के तहत भी पंजिबध्द की गयी. जिस का पंजीकरण क्र. F-982/62 (Bombay) है. और BPT Act नियम तहत बनायी गयी स्किम के अनुसार, केवल ७ ही ट्रस्टी को मान्यता दी गयी. और उसमें से केवल एक ही ट्रस्टी डॉ. पी. जी. ज्योतीकर जी जिवित है. हमारी मांग है कि, दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया का चुनाव, *"हर पाच साल में, Society Act के अधिन हो. ना कि, The Bombay Public Trust Act  के स्किम के तहत...!"* और *"कोई भी ट्रस्टी, यह तह ह्यात (मरते दम तक) तक कभी पदाधिकारी ही ना बने रहे. "* इस के लिए *" सोसायटी अॅक्ट के तहत इस संघटन में, अंतर्भुत/सुधार (Amendment) करने की मांग करते है. "*

५. अत: दि बुध्दीस्ट सोसायटी इंडिया में चुनाव प्रक्रिया करने हेतु और Society Act अंतर्गत सुधार/बदल (Amendment) करने हेतु *"दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया इस संघटन पर, प्रशासक (Administrator) बिठाने की विनंती की जाती है."* और निम्न रुप से पदों का निर्माण किया जाए. अध्यक्ष - १ पद, उपाध्यक्ष - ३ पद, महासचिव - १ पद, सचिव -३ पद, कोषाध्यक्ष - १ पद और कार्यकारिणी सदस्य - ५ पद, नामोनित सदस्य - २ पद.... *ऐसे कुल १७ सदस्यों के केंद्रीय कार्यकारिणी को मान्यता दी जाए.* वही राज्य स्तर पर, जिला - तालुका स्तरावर पर, उसी अनुपात में, शाखा का गठन का अंतर्भाव हो. *तीन सदस्यीय चुनाव समिती का गठन किया जाए.* जिस में सें एक सदस्य वकिल होना जरूरी होगा. अन्य दो सदस्य अनुभवी हो एवं उन दिनों सदस्यों में से एक सदस्य, प्रभारी सदस्य हो. जो सभी चुनाव प्रक्रिया का व्यवहार कर सके. *" यह चुनाव प्रक्रिया हेतु राष्ट्रीय, राज्य, जिला, तालुका स्तरीय अधिवेशन में, यह कार्यकारिणी गठित हो. सदस्यता यादी बनाने का दायित्व संबंधित कार्यकारिणी का होगा."* वह यादी चुनाव समिती को सादर की जाएगी. जिस पर, सदस्यों के आपत्ती हेतु नोटीस बोर्ड पर प्रकाशित की जाएगी. और अंतिम निर्णय चुनाव समिती का होगा. *सदस्य चार प्रकार के होंगे. १. देणगीदार सदस्य २. आजीवन सदस्य ३. साधारण सदस्य ४. सहयोगी सदस्य.* संबंधित हर सदस्यों के फी राशी का निर्धारण भी, बौद्ध विद्वान या बौद्ध भिख्खु के साथ, चर्चा विमर्श करते हुये लेना ही उचित होगा. "सहयोगी सदस्य" वह चुनाव में, खडा रह नहीं सकेगा. परंतु मत देने का उसे अधिकार होगा. *"चुनाव हर पाच सालों में होगा."* कुछ कारणवश हुये रिक्त पद भरने का अधिकार, संबंधित कार्यकारिणी को रहेगा. तथा दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया को दिशा देना आदी के लिए, *"९ सदस्यीय सल्लागार समिती "* का भी गठन किया जाएगा. जिस में एक व्यक्ति प्रभारी रहे. ता कि, इस संघटन को उचित मार्गदर्शन मिल सकेगा. *" उपरोक्त सभी का अंतर्भाव करने हेतु Society Act के तहत, ना कि The Bombay Public Trust Act के स्कीम के तहत... अत: दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया में, सुधार (Amendment) की मांग की जाती है."* क्यों कि, इस संघटन का निर्माण *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहेब ने सोसायटी अॅक्ट के तहत किया था."* महत्त्वकी बात यह कि, सोसायटी अॅक्ट के अंतर्गत सोसायटी का पंजीकरण करने पर, BPT Act का भी पंजीकरण मिल जाता है. परंतु नियम यह सोसायटी अॅक्ट के लागु होते है. ता कि, बौद्ध समुह की सोसायटी, राष्ट्र निर्माण एवं योग्य समाज निर्माण में, अपना दायित्व निभाए...!

     मै बौद्ध समाज का एक घटक के रुप में यह मांग कर रहा हु, जो मेरा अधिकार है.
     कृपया इस आवेदन पर नमुद पॅरा क्र. १ से ५ तक के पॅरा पर, जल्द से जल्द कार्यवाही करने की विनंती की जाती है.
     धन्यवाद...!

आपका,
*डॉ.  मिलिन्द पं. जीवने*
बौद्ध समाज का एक सदस्य.

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👏🏻 *समस्त बौद्ध समुह को अपिल है कि....!*
१. मेरा यह भेजा गया शिकायत पत्र, धर्मादाय विभाग को, १ दिसंबर २०१८ को मिल चुका है. इस पत्र का संदर्भ देकर, आप लोगों ने संबंधित स्वयं घोषित अध्यक्ष को या उनके किसी भी  संबंधित लोगों को, जो कोई भी राशी दी हो तो, आप के कव्हर पत्र के साथ, सदर रसिद की झेरॉक्स प्रत, मुझे एवं धर्मादाय आयुक्त को भेजे. ता कि, सही रुप में इस शिकायत पर कार्रवाई हो सके.

२. हम उन सभी असंवैधानिक स्वयं घोषित अध्यक्ष को, फिर एक बार सुधारने की संधी दे रहे है. अगर वे नहीं समजते हो तो, उन सभी अध्यक्षों के एवं उनके चमचों के विरोध में, पुलिस में, आर्थिक भ्रष्टाचार की शिकायत कर, गुन्हा दाखिल किया जाएगा. नागपुर के न्यायालय में सिविल केस दाखिल की जाएगी. ता कि, भविष्य में, यह धोकादारी कृतीया बंद हो.

३.  इस संघटन में, BPT Act के तहत राष्ट्रिय अध्यक्ष, महासचिव समान किसी पदों के नियुक्ती की, कोई भी व्यवस्था नही है. यह सभी इन लोगों की मनमानी है. जो बौद्ध समुह को गुमराह करने का, एक गैरवापर था.

४. हमे केवल डॉ. आंबेडकर साहेब ने पंजिबध्द किये गये, सोसायटी अॅक्ट के तहत संघटन का अभिप्रेत है. BPT Act के अंतर्गत बनायी स्किम को खारिज करना है, ता कि, वहा नियुक्त ट्रस्टी मरते दम तक बने रहते है. संघटन का काम सक्रिय नही दिखाई देता.

५. राजरत्न आंबेडकर का गुमराह करनेवाले वह बयान और आरोप के विरोध में, उन्हें जाहिर माफी मांगने की,  उन्हें नोटीस दी गयी है. अगर वे माफी नही मांगते तो, उनके एवं मिडिया में प्रचार करनेवाले उनके लोगों के खिलाफ, पुलिस, सायबर पुलिस में शिकायत कर, उनके खिलाफ गुन्हा दाखल किया जाएगा. एवं नागपुर न्यायालय में सिविल केस भी दायर की जानेवाली है.

६. राजरत्न आंबेडकर ने World Fellowship Buddhists Thailand (WFB) में स्वयं को राष्ट्रिय अध्यक्ष बताने की, जो गलत जानकारी दी है, उस संदर्भ में WFB को सही जानकारी भेज दी गयी है. और राजरत्न को WFB के सचिव पद से निकालने को भी कहा गया है. अगर WFB ने इस संदर्भ में उचित कार्रवाई नही की तो, International Court  में वह केस दाखल करने संदर्भ में विचार किया जाएगा. क्यों कि, यह धम्म का विषय है, जहां नैतिकता का पालन होना जरूरी है.

७. हमे आगे जाकर, इस मिशन को कानुनी तौर पर काम करने के लिए, *"नागपुर और मुंबई में अलग अलग हुशार - समर्पित आंबेडकरी - बौद्ध वकिलों की टीम बनाना है."* अत: जो भी वकिल, हमारे इस मिशन में, अपना योगदान देना चाहते है, वे हम से संपर्क करें.

* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
* अध्यक्ष, डॉ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रीय बुध्दीस्ट मिशन
* मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

🤛 *"दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया"* (भारतीय बौद्ध महासभा) में चल रही अनैतिक कार्य प्रकार की दखल, *मा. धर्मादाय आयुक्त (०१), बृहन्मुंबई विभाग, मुंबई* इन्होने जागतिक बौद्ध परिषद, नागपुर के अध्यक्ष *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इनके द्वारा की गयी तक्रार ली है. उक्त कार्यालय ने डॉ. मिलिन्द जीवने को दिनांक १२ फरवरी २०१९ को उपस्थित होने को कहा है. यह नोटीस दिनांक ८ फरवरी २०१९ को पहले मिलने के कारण, इस संदर्भ में वकिल से चर्चा कर, निर्णय लेने की बातें डॉ. मिलिन्द जीवने ने कहीं है. उक्त आदेश की प्रत सलग्न है.


Tuesday 5 February 2019

🌹 *ये हाट में तुम खडी थी....!*
       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*,  नागपुर
       मो.न. ९३७०९८४१३८,९२२५२२६९२२

ये हाट में तुम खडी थी, फूलों के वें साज पर
युं ही तुम झुक गयी थी, बुध्द के वे भाव पर...

वैशाली की वो अप्सरा थी, मन के सावन पर
तितली की वो उडान थी, गुंजन के राहों पर
देश प्रेम की वो आग थी, जीगर के घाव पर
तेरी वों यादें थी, हे आम्रवन के सुगंध पर...

तुम ही वो कुर्बानी थी, देश भक्ती के वादों पर
वो प्रेम का भी संगीत थी, हे शांती के नादों पर
तुम शक्ती की मिसाल थी, वैशाली के राज पर
प्यार का तुम तराना थी, जीवन के साज पर...

आसमान की ऊंचाई थी, तुम्हारे वो भावों पर
पंछीओं की उड्डाण थी, देश रक्षा के नावों पर
तुम ही वो राष्ट्रवाद थी, भारत के जमीं पर
ना ढूंढने की वो बातें थी, देश प्रेम राहों पर...

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * *
     ( *भारत राष्ट्रवाद की याद में...!*)

Friday 1 February 2019

⛓ *मी बंधमुक्त झालो....!*
        *डॉ. मिलिन्द जीवने "शाक्य'*
         मो. न. ९३७०९८४१३८

ह्या भीम सादेतुन, आम्ही धन्य झालो
संविधानाने ह्या, मी बंधमुक्त झालो...

जंजीरी सत्तेच्या, आम्ही गुलाम झालो
पायाच्या बेड्यांनी, लई बेजार झालो
ह्या ईच्छा मनाला, आम्ही सोडुनी आलो
बामनी काव्याचा, असा शिकार झालो...

दाव इज्जतीचा, आम्ही गहाण झालो
ना सोडवे नं आता, हे बेकार झालो
कुत्र्यांच्या जातीचे, आम्ही माणुसे झालो
शक्ती हिनतेचे, असे प्रतिक झालो...

बुध्द सुवर्ण युग, हे विसर झालो
अशोक चक्र गतीचे, बाधक झालो
शाहु फुलें ह्यांचे, ना ही आधार झालो
गुलामी लादुनी, असे बेघर झालो...

* * * * * * * * * * * * * * * * * *