👌 *मौसम का अहसास है....!*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
मो. न. ९३७०९८४१३८
बर्फ की चादर से, मौसम का अहसास है
बुध्द की ज्ञान से, विश्व शांती का साद है...
फुलों की वर्षा से, व्यक्तित्व का सन्मान है
भुंगो की गुंजन से, सुगंध की अनुभुती है
यें स्वरों के निनाद से, संगित का सावन है
प्रेम की आगाज से, अपनों का ही साथ है...
मधुमक्खी के घर में, मिठापण ही स्वाद है
पिप्पल की छावं में, हे आशियाना बसा है
द्वेष क्रोध असत्य में, दुरीया ही कारण है
करुणा के भाव में, अपनापण ही बसा है...
दोस्तों की महफिल में, यादों का साज़ है
युं विश्वास करने में, हे दुनिया ही कायम है
हम निकले अकेले ही, यह कारवा पिछे है
उस एक आवाज सें, हम तुम्हारे साथ है...
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नागपुर, दिनांक २९ जुन २०२३
https://youtu.be/KrCA-k18Z5A
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