Monday, 5 June 2023

 🌳 *वो बोधीवृक्ष संसार में...!*

       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर

       मो. न. ९३७०९८४१३८


पिपल की छाया में, सिध्दार्थ बैठे ज्ञान में

वैशाखी पुर्णिमा में, वो बोधीवृक्ष संसार मे...


सिध्दार्थ गृहत्याग से, विवाद सुलझा प्यार में

यशोधरा के त्याग में, हिम्मत बनी सिध्दार्थ में

जप तप अनुभव में, ना लाभ दिखा जीव में

सुजाता की खीर सें, ज्ञान हुआ सिध्दार्थ मे...


गया बोधीवृक्ष से, बुध्दत्व आया सिध्दार्थ में

सारनाथ दीक्षा से, धम्म चक्र घुमा संसार में

शाक्यकुमारी देवी का, देश गमन उजैनी में

राणी बनी अशोक की, बदल किया मन में...


महेंद्र संघमित्रा हाथों, बोधीवृक्ष सिरीलंका में

वैश्य तिष्यरक्षीता की, नफ़रत बढ़ी रे वृक्ष में

राणी तिष्या ने, बोधीवृक्ष कटाई की द्वेष में

सम्राट अशोक- देवी‌ की, वेदना थी दिल में...


राणी तिष्या द्वेष, ना सफल हुआ कटाई में

हे‌ बुध्द की धरोहर, बोधीवृक्ष खडा संसार में

ब्राम्हण राजा शंशाक की, नज़र रही उस में

बोधीवृक्ष काटकर, असफल प्रयास द्वेष में...


वो बोधिवृक्ष उगा था, यें फिर तिसरी पीढी में

आपादा की मार सें, फिर नष्ट हुआ संसार में

लार्ड कनिंगहॅम ने, लंका टहनी बोयी भू में

वो बोधीवृक्ष खडा हुआ, अब यें संसार में...


बोधीवृक्ष का इतिहास, याद‌ करो रे दिल‌ में

ना दुश्मन मिटा सका, सच्चाई की यें वादों में

अब हमें चलना है, कारुणिक बुध्द के पथ में

हे बुध्द की धरोहर, आज खडी है बिहार मे...


* * * * * * * * * * * * * * * * * * *

बोधिवृक्ष का इतिहास, बहुत ही निराला है.‌ *बोधीवृक्ष* की शाखाएं *बुध्दगया* के अलावा श्रीलंका के *अनुराधापुर* तथा दीक्षाभूमी *नागपुर* में स्थित है. मुझे *श्रीलंका सरकार* ने "बौध्द परिषद" के लिए, *"बौध्द भिक्खु विद्यापीठ, अनुराधापुर"* में निमंत्रित कर,  *"व्ही.व्ही.आय.पी."* सन्मान दिया था. और श्रीलंका के पावन स्थान देखने का अवसर मिला. वह मुल्यवान क्षण, मै कभी भी नही भुल सकता. श्रीलंका में *बोधीवृक्ष* दर्शन के लिए, *प्रवेश फी* है. मुफ्त में दर्शन नही कर सकते.‌ राजकुमार *महेंद्र - संघमित्रा* ने लगाये हुये, बोधीवृक्ष की *आयु - २३०० वर्ष* से भी जादा बतायी जाती है. विश्व का *"सबसे उंचा स्तुप"* श्रीलंका में ही स्थित है. भारत के तत्कालिन प्रधानमन्त्री - *पंडित जवाहरलाल नेहरु* द्वारा उदघाटन की गयी *बुध्द मुर्ती* को भी, हमारी भेट दी गयी थी.

नागपुर, दिनांक ४ जुन २०२३

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