Saturday, 3 June 2023

 👏 *राणी शाक्यकुमारी को प्रणाम...!*

      *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर

      मो. न. ९३७०९८४१३८


हे अखंड भारत का महान चक्रवर्ती सम्राट 

अशोक की राणी शाक्यकुमारी को प्रणाम...


तुम उज्जैनी की शान थी मन की तु महान

बुध्द की सेवा में तुने सब कुछ किया कुर्बान

राजकुमार अशोक का आना हो गया कारण

और उसके प्रेम में तु हो गयी पुरी समर्पण...


देवी तेरी सुंदरता को हम क्या बखान करे

राजकुमार अशोक तुम्हे अपना दिल दे गया

पर तेरे अहिंसा की शर्त में वो झुक सा गया

बगैर हिंसा उज्जैनी का विद्रोह मिटा गया...


करवट बदली अशोक पाटलीपुत्र राजा बना

कलिंग पर आक्रमण से देवी को याद किया

बौध्द भिक्खु के हाथो धम्म का दामन थामा

अखंड भारत का वो चक्रवर्ती सम्राट बना...


पहली राणी होकर भी तु ना राजधानी रही

महेंद्र संघमित्रा को धम्म हेतु सिरीलंका भेजा

स्वयं को कुछ ना मांगे सांची स्तुप बनवाया

बुध्द शरण अपना सब कुछ अर्पण किया...


दुसरी राणी बस तेरी बहुत नफरत में जली

घुस्से में बुध्दगया का बोधिवृक्ष तोड डाली

सम्राट के प्यार से तुमने फिर वो निवं डाली

हे बुध्दमय भारत का परचम लहरा डाली...


* * * * * * * * * * * * * * * * * *

हम *चक्रवर्ती सम्राट अशोक* को अकसर याद करते है. परंतु उजैनी की बुध्द उपासक - *शाक्यकुमारी देवी,* जो उसे *बुध्द धर्म* की ओर, ले जाने की एक प्रेरणा रही. उसके ही नाम मेरी यह रचना समर्पीत है...! मैने स्वयं उजैनी / सांची को बहुत बार भेट दी है. परंतु उजैनी की वह धरातल आज भी ...?

नागपुर, दिनांक ३ जुन २०२३

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