Tuesday, 27 June 2023

 ✍️ *नीशा बांगरे (डिप्टी कलेक्टर) से लेकर फिल्मी नाचा - गगन मलिक तक बौध्द धम्म नाम से व्यापारीकरण...!*

    *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर १७

राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी. आर.‌ पी.‌ सी.)

मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

   

       आज कल जहां वहां देखो व्हाट्सएप, फेसबूक‌ में, मध्य प्रदेश‌ के छत्तरपुर जिला पदस्थ डिप्टी कलेक्टर *निशा बांगरे* इनके,  *इस्तीफा देने की खबर* बहुत वायरल हो रही है. बताया जाता है कि, छिंडवाडा क्षेत्र में *"सर्व धर्म शांति यात्रा एवं गृह प्रवेश"* में, शामिल होने की मध्य प्रदेश‌ शासन ने, छुटी नही देने का कारण इस्तीफा दिया है. साथ ही फिल्मी नाचा - *गगन मलिक* द्वारा *"सर्व धर्म शांति यात्रा"* के नाम से, तथा *"बुध्द अस्थियां"* का प्रसार - प्रचार कर, ११ देशों के बौध्द भिक्खु का सहारा लेकर, कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था. हमें यह भी अब समझना होगा कि, *गगन मलिक* ने *"विश्व बौध्द परिषद"* यह विषय छोडकर,*"सर्व धर्म शांति परिषद"* की ओर रूख किया है. *"सर्व धर्म"* यह विषय हो तो, *गगन मलिक का बौध्द धर्म स्वीकार* को, हम क्या कहे ? एक सोचा समझा दिखावा है या - *'नाटक."* अब हम *निशा बांगरे का इस्तीफा तथा गगन मलिक की कुटनीति"* इस पर चर्चा करेंगे.

      भोपाल से निकलनेवाली पत्रिका *"दि बुध्दीस्ट टाईम्स"* के संपादक / मेरे अच्छे मित्र *विजय बौध्द* इन्होने *निशा बांगरे* के इस्तीफे पर, मिडिया में बहुत लिखा है. तथा *"सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल"* के मध्य प्रदेश‌ "प्रदेश अध्यक्ष" *एड. राकेश‌‌ महाले* इन्होने भी, इस विषय पर प्रकाश डाला है. डिप्टी कलेक्टर इस पद से *निशा बांगरे* का इस्तिफे का कारण, *बुध्दीवादी लोगों* को, हजम नही हो रहा है. *"भारतीय संविधान"* द्वारा सरकारी सेवां में कार्यरत हर कर्मी को, *"धार्मिक तथा सामाजिक गतिविधियों में सम्मिलित होने की पुरी आजादी है."* यह संविधानिक अधिकार है. हां, सरकारी कर्मचारी केवल और केवल *"राजनीतिक गतिविधियों"* में, सहभागी नही हो सकता. दुसरी अहं बात, *निशा बांगरे* क्या धार्मिक / सामाजिक गतिविधियों में, *आज तक कभी सक्रिय थी / रही है.* मध्य प्रदेश‌ के चुनाव नवंबर २०२३ में होने जा रहे है. उस अवसर का फायदा लेकर, *"आमला विधानसभा क्षेत्र"* सें, चुनाव लढने की राजनीति, क्या *निशा बांगरे* की तो नहीं है ? और शायद कल निशा बांगरे *"कांग्रेस दल"* की, विधान सभा की उमेदवार हो सकती है. क्यौं कि, *निशा बांगरे* ने मारवाडी समाज के *इजी. सुरेश अग्रवाल* इनसे शादी की है. *किस से शादी की,* वह तो निशा का व्यक्तिगत मामला है. परंतु *"धम्म का वापर"* करना, यह धार्मिक विषय है. *और उसे पैसों की*, नौकरी करने की, कोई गरज भी नही है. इस बहाने से निशा बांगरे ने, अपनी राजनितिक शक्ती का एक सशक्त परिचय दिया है. और हमारा अपना समाज ऐसे लाट में, बह जाता है. जब हम यह समज जातें, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.

     अब हम फिल्मी नाचा - *गगन मलिक* इनके कुटनीति पर भी बातं करेंगे. *फिल्मी नाचा - गगन मालिक* सन २०१५ में, हमारे साथ जुडा था. तब मेरे ही पुरे मार्गदर्शन में, नागपुर शहर में *"जागतिक बौध्द परिषद / जागतिक बौध्द महिला परिषद २०१५"* का सफल आयोजन किया गया था.‌ और मैने उस अवसर पर, *गगन मलिक को, विमानतल से नागपुर रवि भवन में,* मेरी कार से ही लाया था. *गगन मलिक मेरे घर भी आया.* उसका मेरे घर, मेरे २५ - ३० महिला कार्यकर्ताओं ने, अच्छा स्वागत भी किया. हमने मेरे घर, साथ मिलकर भोजन भी किया.‌ उस जागतिक बौध्द परिषद के साथ ही, *"श्रीलंका से बुध्द अस्थिया"* भी लायी गयी थी. उन बुध्द अस्थियां को नागपुर में लाने के पहले, हमने *श्रीलंका सरकार के आर्कोलाजी सर्व्हे विभाग"* का अधिकारीक पत्र मांगा था. जो आज भी मेरे पास उपलब्ध है. दुसरी बात वह बुध्द अस्थियां, *"एक जगह ही दर्शन करने"* हेतु, रखने की बात थी. परंतु बाद में, हमारे कुछ लोगों ने बुध्द अस्थियों का, *"रस्ता प्रदर्शन"* सुरु किया. जिसका मैने विरोध किया था.

      सन २०१५ के पहले, *गगन मलिक* किस चिडियां का नाम है ? उसे कोई नही पहचानता था. उसके बाद फिल्मी नाचा - *गगन मालिक* ने विदेशों से मुफ्त में बुध्द मुर्तीयां लाकर, *(मुर्तीयों की तस्करी)* भारत में बुध्द मुर्तीयां बेचने का व्यापार सुरु किया. *इस कारणवश हमने उसे अपने से दुर किया.* आज हमारे अपने लोक, भावनावश उसके लपेटें में आ रहे है. *गगन मलिक* ने *"बुध्द अस्थियों"* के नाम पर, लोगों के भावनाओं के साथ खिलवाड शुरू की है. हम गगन मलिक को, यह नही पुछते है कि, *आनेवाली बुध्द अस्थियां, किस जगह की है ? क्या उन अस्थिओं को, श्रीलंका सरकार आर्कीलाजी सर्व्हे विभाग की मान्यता है ?"* ऐसे बहुत सारे प्रश्न है, जो गगन मलिक पर उठाये गये है. जिस का गगन मलिक ने, *मुझे कभी उत्तर ही नही दिया.* अत: तमाम आवाम को, आगाह किया जाता है कि,  *फिल्मी नाचा - गगन मलिक* यह एक बहुरुपीया है. गगन मलिक के अलावा भी, फिल्मी दुनिया की नामचिन अभिनेत्री *बरखा मदान*, बौध्द भिक्खुनी बन गयी है. जो नामचिन अभिनेत्री *ऐश्र्वर्या राय, सुष्मिता"* की प्रतिस्पर्धी रही है.

     यही नही, फिल्मी दुनिया कें "राम तेरी गंगा मैली" से लेकर ४० से अधिक मुव्ही में काम करनेवाली *मंदाकिनी,* आज मुंबई में, बौध्द तिब्बती योगा सिखा रही है. नामचिन फिल्म अभिनेता *तुषार कपुर / आयुष्मान खुराना / डैनी डेन्जोपा / नकुल मेहता / नागराज मंजुळे* आदी स्टार तथा नामचिन अभिनेत्री, जैसे - *पुनम बाजवा / शिवानी गोसाई / कमल हासन की पुत्री - अक्षरा हासन / श्रध्दा दास / हंसिका मोटवानी / श्वेता कवात्रा* आदी लंबी यादी है, जो बुध्द को फालो करते है. उन सभी लोगों ने, *"धम्म का व्यापारीकरण"* कभी नही किया. शायद कल *गगन मलिक* हमारे इस भावनाओं का फायदा लेकर, *"राज्यसभा"* गया तो, वह अतिशयोक्ती नही होगी. *गगन मालिक* बसं केवल एक बहुरुपिया है.‌ *वो बुध्द मुर्ती की तस्करी करता है. वो तस्कर है.* अत: उनके बहकावें में ना आए, आप को यही संदेश‌ है.


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* *डॉ. मिलिन्द  जीवने  'शाक्य'* नागपुर १७

दिनांक २७ जुन २०२३

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