Thursday, 8 June 2023

 👌 *श्वसुर की मिगार माता...!*

       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर

         मो. न.‌ ९३७०९८४१३८


पुत्रवधु विशाखा बनी श्वसुर की मिगार माता 

निगण्ठ जैन श्वसुर को लाया बुध्द शरण में...


साकेत व्यापारी धनंजय के दस उपदेशों में

बांधिल रही बुध्द उपासिका पुत्री विशाखा

श्वसुर निगण्ठ जैन सेठ मिगार श्वावस्ती के

भिन्न विरोधी धर्म में परिक्षा दी विशाखा ने...


नग्न निगण्ठ साधु आगमन मिगार वास्तु में

बुध्द उपासिका विशाखा सामने ना जाने से

श्वसुर घर आये बुध्द शिष्यों को ना देखने से

श्वसुर बहु विवाद गया आठ पंच पीठ में...


दोषमुक्त होने पर विशाखा चली साकेत में

सास श्वसुर कहने से रुकी थी एक अट पर

बुध्द और भिक्खु संघ को भोजन दान देवें

बुध्द उपदेश सुनकर मिगार हुये शरण में...


श्वावस्ती पुर्वाराम विहार‌ दान किया बुध्द को

अनाथ पिण्डिक समान इतिहास रचा उसने

अंतर्मन के सच्चेपण से विशाखा अमर बनी

मिगार माता के रुप में आज भी हवा चली...


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धम्म मिशन के कारण, *श्वावस्ती* को मेरा बहुत बार जाना हुआ. *अनाथपिण्डिक* द्वारा दान किया गया जेतवन, *विशाखा* मिगार माता का स्थल, *डाकु अंगुलीमाल* की गुफा भी देखने का, कई बार अवसर आया. थायलंड की मदर *सित्थिपाल* द्वारा बनाये गये विहार में, बहुत समय बिताने का भी अवसर मिला है. 

नागपुर दिनांक ७ जुन २०२३

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