👌 *बुध्द के इस धरती पर...!*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर
मो. न. ९३७०९८४१३८
बुध्द के इस धरती पर, आवाम का राज है
मन के शांती का, सिर्फ बुध्द ही आवाज है...
निसर्गमय पहाडों की, ये दुनिया ही अलग है
शुध्द हवा के साथ साथ, सुंदरता के नजारे है
प्राचीन बौध्द विरासतों ने, इतिहास रचा है
हात साथ बढायें तो, जीवन का अनुभव है...
हरे घने जंगलो में, नदीयों पर खडा डैम है
अकसर हम आनंद लेने, जाते ही वहां हैं
मन सुख बादलों का, वो प्रेम बंधन बना है
यें घने वृक्ष छावों का, आशियाना खुला है...
निसर्ग सानिध्य में, बुध्द विहार विरासत है
खुशीयों के पलकों की, शांती वहां मिली है
जब भी जाना हो, यादों की बारात बसीं है
तन मन हर द्वंद्व का, निसर्ग ही उपचार है...
* * * * * * * * * * * * * * * * * *
नागपुर, दिनांक १३ जुन २०२३
No comments:
Post a Comment