🌹 *फुलों की खुशबु / महक से भी बढकर अपनों का अपनापण ही ज्यादा दिल / मन को छुं जाता है...!*(१८ अगस्त - अपने जन्म दिन के अवसर पर, सीआरपीसी परिवार मिलन समारोह उपलक्ष में मनोगत)
*डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७
राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
मेरा जन्म दिन *"सीआरपीसी परिवार मिलन समारोह"* के उपलक्ष में, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल अंतर्गत सभी विंग के मेरे सहपाठी वर्ग को इकठ्ठा देखकर, खुशी का होना लाजमी है. कभी कभी खुशी से बढकर आदमी के जीवन में, बडा संघर्ष भी आ जाता है. और वह संघर्ष कभी कभी जीवन को बहुत अनुभव भी दे जाता है. मेरे अपने जीवन के संघर्ष में, आज जो भी मैने पाया है, वह इतना सहज भी नहीं है. मेरे अपने जीवन में, बडे से बडे मान्यवरों से, मेरे अच्छे नजदिकी संबंध आये है. मुझे और बहुत बडा बनने के, बहुत अवसर भी आये है, परंतु मेरे अपने बुद्ध - आंबेडकरी विचारधारा ने, मेरे मन को वह स्वीकृती नहीं दी. मैंने अपने आप को कभी बेचने नहीं दिया. मैं बेबाक बोलता हुं. स्पष्ट बोलता हुं. सत्य सें मैने कभी समझौता नहीं किया. मैं मौत से कभी नहीं डरता. इसलिए मेरे कलम में वह शक्ति है, जो निसर्ग की देण है. इस लिये परिवार के कुछ लोगों से, मेरे प्रति नाराजी भी रही है. मैने अपने जीवन में बहुत कुछ पाया है. वही मैने बहुत कुछ खोया भी है. परंतु वह समझौता मैने कभी नहीं किया, जो मेरे स्वाभीमान को हानी देता हो. मैने *"दोहरा चरित्र लोग"* भी देखे है. *"सफेद कपडे"* पहनने से आदमी *"साफ सुथरा"* नहीं होता. *"मन शुध्द"* होना चाहिए. मैं *"मेरे जीवन से जुडे हुये तथा समाज से जुडे हुये"* वह विषय *"स्व कथन पुस्तक"* लिख रहा हुं. जो *"बडे धमाके"* भी कर सकते है. साथ ही *"मेरी ६ - ७ किताबे"* भी प्रकाशीत होंगी. मेरे जन्म दिन के उपलक्ष में, आप लोगों ने जो मेरे लिये *"फुलों का पेटारा"* लाया है, *"उसकी सुगंध से भी बढकर आप का अपनापन ही बहुत ज्यादा दिल को छुं जाता है."* मन को बहुत भाता है. यह विचार सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल द्वारा आयोजित *"सीआरपीसी परिवार मिलन अवसर"* पर, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल इसके राष्ट्रिय अध्यक्ष / बुद्ध - आंबेडकरवादी लेखक, कवि, समिक्षक, चिंतक *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्होने नागपुर के मुख्यालय में आयोजित जन्म दिन कार्यक्रम में कहा हैं.
सीआरपीसी परिवार मिलन समारोह की अध्यक्षता *कवि सुर्यभान शेंडे* इन्होने की. उस अवसर पर सेल के *प्रा. नितीन तागडे / एड. राजेश लाख / शालिक जिल्हेकर / एस आर शेंडे (सौंसर म. प्र) / इंजी मोरेश्वर मेश्राम (फिल्म प्रोड्युसर) /धर्मेंद्र सिंग / एड. प्रज्ञा निकोसे* यह मान्यवर प्रमुख अतिथी थे. कार्यक्रम का संचालन *डॉ मनिषा घोष* इन्होने तथा आभार *राजेंद्र घोरपडे* इन्होने माना. कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक *डॉ मनिषा घोष / राजेंद्र घोरपडे / सीमा बोरकर / डॉ. भारती लांजेवार / करुणा रामटेके / सुरेखा खंडारे / नंदकिशोर पाटील / एड. विद्या खोब्रागडे / डॉ राजेश नंदेश्वर* इनके साथ ही सेल के *डाॅ. प्रमोद चिंंचखेडे / इंजी. माधवी जांभुलकर / अधिर बागडे / डॉ अमित नाईक / नंदकिशोर पाटील / दिगंबर डोंगरे / विजय निकोसे / मिलिंद मस्के / मिलिन्द गाडेकर /अशोक सोनटक्के / नरेश सोमकुवर / अशोक सोनटक्के / विजय सहारे* एवं सीआरपीसी परिवार का विशेष योगदान रहा.
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