Sunday 23 October 2022

 👌 *HWPL (H.Q.: Korea) इस विश्व स्तरीय आंतरराष्ट्रिय संघटन की ओर से, २३ अक्तूबर २०२२ को झुम पर आयोजित, "विश्व शांती शिखर सम्मेलन" इस विषय पर, "आंतरधर्मीय परिसंवाद" कार्यक्रम...!*

* *डा. मिलिन्द जीवने,* अध्यक्ष - अश्वघोष बुध्दीस्ट फाऊंडेशन, नागपुर *(बुध्दीस्ट एक्सपर्ट / फालोवर)* इन्होंने वहां पुछें दो प्रश्नों पर, इस प्रकार उत्तर दिये...!!!


* प्रश्न - १ :

* *आप अपने क्षेत्र या देश में, किन धार्मिक संघर्षों के बारे में सबसे अधिक चिंतित है, और उन्हे हल करने के लिए  HWPL से, आप की क्या अपेक्षाएं है ?* 

* उत्तर : - हमारा अपना क्षेत्र हो  या भारत देश के संदर्भ में बात की जाएं तो, हम "धर्म संघर्ष" या "धार्मिक संघर्ष" के कारण, हम बहुत चिंतित है. वह धार्मिक संघर्ष केवल "अल्पसंख्यक विरूध्द बहुसंख्यक" नही है. बल्की बहुसंख्यक वर्ग में भी, "सवर्णवाद विरुध्द अवर्णवाद" इसमें जखडा हुआ है. जिस कारणवश हम ना देवभक्ती - देशप्रेम जगा सकते है, ना ही आवाम हें सही भाईचारा जगा सकते है. और भारत के संदर्भ में, यही सत्य है.

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भारत के अल्पसंख्यक धर्म है - बौध्द / जैन / मुस्लिम / शिख / पारशी आदी....!


भारत का बहुसंख्यक धर्म है - हिंदु (विशेषत: - ब्राम्हण धर्म / सवर्ण धर्मों / सनातन धर्म)

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भारत के बहुसंख्यक धर्म - हिंदु इनका विशेष संघर्ष यह अल्पसंख्यक धर्म - बौध्द / मुस्लिम इनके साथ जादा दिखाई देता है.‌ अन्य अल्पसंख्यक धर्म के साथ, वह संघर्ष बहुत कम दिखाई देता है. यही कारण है कि, भारत में लोगों के दिलों मे सच्ची शांती  - अमन   स्थापित करना, यह बहुत तेडी खिर है. और भारत में, जो भी शांती हमे दिखाई देती है, वो केवल "भारत के संविधान" की देन है. भारत संविधान के निर्माता - डाॅ. बी. आर.‌आंबेडकर इनकी दुरदृष्टी है.

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बहुसंख्यक हिंदु धर्म (विशेषत: ब्राम्हण धर्म / सवर्ण धर्म  / सनातन धर्म) इनका विशेषत: बौध्द / मुस्लिम इन अल्पसंख्यक वर्ग के साथ, संघर्ष यह सदियों से चला आ रहा है. और वह संघर्ष होने का विशेष कारण है - सत्तावाद. और यह सत्ता वाद - सत्ता संघर्ष ने ही, इन धार्मिक संघर्षों को जन्म दिया है. क्यौ कि, कभी प्राचिन भारत पर, बौध्द तथा मुस्लिम शासकों की। हुकुमत रही है. और वे बहुसंख्यक वर्ग उन बौध्द / मुस्लिम शासकों के अधिन, एक प्रकार से गुलाम नोकर हुआ करते थे. अब यह बदले की राजनीति है हा, और कुछ है ? यह तो संशोधन का बडा विषय है.

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*बहुसंख्यक धर्म - हिंदु* , यह भी सवर्णवाद बनाम अवर्णवाद के बिच उलझा हुआ है. सवर्णवाद  यह वर्ग भी, भारत में अल्पसंख्यक वर्ग है. फिर भी भारत के ८०% जगह पर, उन्होने अपना कब्जा बना रखा है. भारत की सत्ता नीति हो, राज नीति हो, हुकुम नीति हो, उन्ही वर्ग के हाथों केंद्रित दिखाई देती है. अत: भारत के संदर्भ यह संघर्ष, इस तरह का दोहरा दिखाई देता है. और यह गंभिर - संघर्ष भविष्य में रुक पायेगा, यह कहना भी पत्थर से सिर फोडने जैसा ही है. अर्थात बहुत ही चिंतणीय समस्या है.

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फिर भी *HWPL HQ. Korea* इनका विश्व में, शांती - अमन लाने का प्रयासों यह, यह बहुत ही प्रशंसनिय काम है. और *HWPL HQ : Korea और Civil Rights Protection Cell (India)* इनके संयुक्त तत्वाधान में, २३ जनवरी २०२२ को झुम पर आनलाईन *"मिनी विश्व शांती परिषद"* आयोजन, *मेरी (डाॅ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य')* ही अध्यक्षता में किया गया था. और HWPL  के अध्यक्ष  *Mr. Man Hee Lee* इनके हाथो उदघाटन हुआ था. जो की, बहुत ही सफल कार्यक्रम रहा है.

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सदर "मिनी विश्व शांती परिषद"  मेरे साथ *डाॅ. आर. एस. कुरील*(उपकुलपती, रायपुर छत्तीसगढ़) / *भंते खेनपो किनले गेल्स्टन* (भुतान), परम पावन ड्रायकंग चेस्टंग इनके निजी सचिव / *डाॅ. सी. डी. नायक* (उपकुलपती, महु म.प्र.) / *डाॅ. अरविंद आलोक* (आंतरराष्ट्रिय विचारविद, देहली) / *डाॅ.  सुषमा यादव* (उपकुलपती, महिला विद्यापीठ, हरियाना) / *प्रा. डाॅ. रंजना मलावी पथिराना* (श्रीलंका) / *इंजी. श्याम तागडे* (IAS, Mumbai ) / *प्रा. एक्स पी. माओ* (शिलांग) इन मान्यवरों की उपस्थिती थी.

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   सदर परिषद में सीआरपीसी  की राष्ट्रिय नेता *प्रा. वंदना जीवने* इन्होने प्रास्ताविक तथा *डाॅ. किरण मेश्राम* इन्होने  आभार प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही HWPL की *मिस वैनजाम शालिनी चानु / दीक्षा रंजन / एलिन बारा* इन्होने समुचे कार्यक्रम की कमान सफलतापूर्वक संभाली थी.

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उस २३ जनवरी  २०२२ को, झुम आनलाईन द्वारा आयोजित, "मिनी विश्व शांती परिषद" की चार फोटो, मै आप सभी को बताना चाहुंगा. जो बहुत ही महत्वपुर्ण है. (सलग्न - ४ फोटो)

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हर साल १८ सितंबर को HWPL  H Q: Korea द्वारा "विश्व शांती शिखर सम्मेलन"  का आयोजन किया जाता है. जो बहुत ही काबिले - ए - तारिफ है. और इस तरह के आयोजन होना, यह विश्व के लिए एवं आवाम में, शांती की ज्योत जगाने में मदतगार है. सदर शिखर परिषद में, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल की और से *मैं स्वयं (डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य' ) तथा प्रा. वंदना जीवने  / डॉ. किरण मेश्राम* इन्होने सहभाग लिया है. हम उन समारोह के साक्षी है. अत: आप के इस प्रयास को साधुवाद देते है.


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* परिचय : -

* *डाॅ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

    (बौध्द - आंबेडकरी लेखक /विचारवंत / चिंतक)

* मो.न.‌ ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

* राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी वुमन विंग

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी एम्प्लाई विंग

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी ट्रायबल विंग

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी वुमन क्लब

* अध्यक्ष, जागतिक बौध्द परिषद २००६ (नागपूर)

* स्वागताध्यक्ष, विश्व बौध्दमय आंतरराष्ट्रिय परिषद २०१३, २०१४, २०१५

* आयोजक, जागतिक बौध्द महिला परिषद २०१५ (नागपूर)

* अध्यक्ष, अश्वघोष बुध्दीस्ट फाऊंडेशन नागपुर

* अध्यक्ष, जीवक वेलफेयर सोसायटी

* माजी अध्यक्ष, अमृतवन लेप्रोसी रिहबिलिटेशन सेंटर, नागपूर

* अध्यक्ष, अखिल भारतीय आंबेडकरी विचार परिषद २०१७, २०२०

* आयोजक, अखिल भारतीय आंबेडकरी महिला विचार परिषद २०२०

* अध्यक्ष, डाॅ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रिय बुध्दीस्ट मिशन

* माजी मानद प्राध्यापक, डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक संस्थान, महु (म.प्र.)

* आगामी पुस्तक प्रकाशन :

* *संविधान संस्कृती* (मराठी कविता संग्रह)

* *बुध्द पंख* (मराठी कविता संग्रह)

* *निर्वाण* (मराठी कविता संग्रह)

* *संविधान संस्कृती की ओर* (हिंदी कविता संग्रह)

* *पद मुद्रा* (हिंदी कविता संग्रह)

* *इंडियाइझम आणि डाॅ. आंबेडकर*

* *तिसरे महायुद्ध आणि डॉ. आंबेडकर*

* पत्ता : ४९४, जीवक विहार परिसर, नया नकाशा, स्वास्तिक स्कुल के पास, लष्करीबाग, नागपुर ४४००१७

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