Monday 28 September 2020

 ✍️ *इंदु मिल मुंबई के समस्त जगह पर, डॉ. आंबेडकर साहेब का पुतला एवं आंतरराष्ट्रीय संशोधन संस्थान - इन दोनो का भी निर्माण, क्या संभव नहीं...???*

     * *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर - १७

* राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल

* मो.न. ९३७०९८४१३८, ९८९०५८६८२२


      अभी अभी मुंबई दादर के इंदु मिल के जगह पर, *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इनके भव्य पुतला के निर्माण हेतु....!"* भव्य भुमीपुजन के कार्यक्रम का आयोजन, महाराष्ट्र / भारत शासन की ओर से करने की, एक रितसर घोषणा हुयी थी. और इस मांग के समर्थन में, *आनंदराज आंबेडकर, प्रा. जोगेंद्र कवाडे, रामदास आठवले* आदी नेताओं ने, बडासा आंदोलन भी चलाया था. वही अॅड. प्रकाश आंबेडकर तो, उस आंदोलन से बहुत दूर दिखाई दिये. या कहे तो, वे *"मौनी बाबा"* बन गये थे. भारत सरकार ने, बडे लंबे अंतरावर के बाद, आगे जाकर हमारे उस मांग को, अपनी हरी झंडी दे दी. अब वह पुराना इतिहास, पुनश्च दोहराने का आज समय नहीं है. अब *अॅड. प्रकाश आंबेडकर* ने सदर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इनके पुतला स्थापना मांग को विरोध करते हुये, वहां *""डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर आंतरराष्ट्रीय संशोधन संस्थान"* के निर्माण की मांग की. सदर द्वंद्व विवाद के अग्रणी - *रामदास आठवले* अर्थात *"जी हुजरी बिन-अकल बाबा"* एवं *अॅड. प्रकाश आंबेडकर* अर्थात *"कालसापेक्ष लहरी बाबा,"* इन दो उपरी बाबा के नेतेपण लढाई के कारण, महाराष्ट्र / भारत सरकार ने *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक भुमीपुजन कार्यक्रम"* को, आगे के लिये टाल दिया...! क्या हमारी सरकार, इन दो *"लहरी बाबा एवं हुजरी बाबा"* के आरपार लढाई को देखकर, *"उन दोनो ही मांगो को संज्ञान लेकरं, एकत्र रूप से दोनो ही मांगो को स्विकॄती नहीं दे सकता...?"* और मध्यम मार्ग के रूप में, सदर प्रकरण को सुलझाया भी जा सकता है.

     *रामदास आठवले* के संदर्भ में कहा जाए तो, *"उसे भारतीय संसद का, बिन-अकल जोकर ही कहना होगा...!"* और हमें रामदास आठवले को बहुत सिरियसली लेने की, कोई आवश्यकता भी नहीं है. परंतु *अॅड. प्रकाश आंबेडकर* उस से बहुत भिन्न व्यक्ती है. हमारी प्रेरणा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के, वे *"रक्त के वारिस"* है...! हम लोग तो केवल, डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर जी के *"भावना के वारिस"* है. यह बात अलग है कि, *"जितना अधिकार प्रकाश आंबेडकर का बाबासाहेब पर है. उतना ही हमारा भी है...!"* अॅड. प्रकाश के नाम के पिछे,  "आंबेडकर" यह भावनामय शब्द का वलय है. जो सहजता से किसी को नहीं मिलेगा. "कानुन का ज्ञान" भी उनके पास है. बहुत अच्छी भाषण शैली के वे धनी है. *"यह सभी के सभी अच्छे गुण, अॅड. प्रकाश आंबेडकर के पास होने के उपरांत भी, प्रकाश आंबेडकर का रामदास आठवले के समान हरकते करना....!!!"* यह आंबेडकरी लोगों के, समज से परे दिखाई देता है. इस संदर्भ में, कुछ उदाहरण मै देना चाहुंगा...!

   अॅड.‌ प्रकाश‌ आंबेडकर ने कुछ दिन पहले, *"इंदु मिल के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक को विरोध करते हुये, शासन ने वह राशी - वाडिया हॉस्पिटल को देने की बात कही थी...!"* प्रकाश आंबेडकर के इस बयान पर, मैने मराठी में लिखें "प्रकाश‌ आंबेडकर ह्यांचा इंदु मिलमधील डॉ. आंबेडकर स्मारकाला विरोध : बिन अकल राजनीतिचा दुसरा रामदास" इस लेख ने समस्त महाराष्ट्र में, भुचालसा आ गया. अब प्रकाश आंबेडकर नें, *"तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी का संदर्भ देकरं, डॉ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रीय संशोधन संस्थान बनाने की...!"* एक अलग ही कहानी की रचना कर दी. इसका कोई पुख्ता प्रमाण भी नहीं है. उपरोक्त दोनो ही प्रकाश आंबेडकर के बयान में, कहीं भी एक समानता दिखाई नहीं देती...! डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी का जन्म दिन - १४ अप्रेल २०२० को, अॅड. प्रकाश आंबेडकर ने उसके बहन दामाद *"आनंद तेलतुंबडे के भीमा कोरेगाव प्रकरण में, अटक होने से "राजगॄह" पर काले झंडे लगाना....!"* इस संदर्भ में भी, मैने "डॉ आनंद तेलतुंबडे ह्यांच्या आंबेडकरी सद्निष्ठेवर (?) अॅड. प्रकाश आंबेडकरांनी लिहिलेले सज्जड वकिली पत्र....!" यह मराठी लेख लिखा था. जो समस्त महाराष्ट्र में, बहुत ही चर्चा का विषय रहा. वही प्रकाश आंबेडकर एवं उनका बहन जावई प्रा. डॉ. आनंद तेलतुंबडे इन दो महानुभावों का *"लालवाद"* से दोस्ती...? यह बहुत गंभीर विषय है. *"लालवाद हो या, पंजावाद / गांधीवाद हो या, संघवाद / ब्राम्हणवाद हो, यह तो आंबेडकर वाद के महा शत्रु है...!"* इसके पहले *"मुंबई का आंबेडकर भवन उध्वस्तीकरण...!"* इस प्रकरण में, प्रकाश आंबेडकर के विरोध के कारण बहुमजली डॉ. आंबेडकर भवन का निर्माण नहीं हो पाया. जब की, उस प्लॉन को मंजुरी मिल चुकी थी. अब तक वह बहुमजली बिल्डिंग, मुंबई में बन चुकी होती. और उसका लाभ, आंबेडकरी समाज ले चुका होता. यह बात अलग है कि, रत्नाकर गायकवाड की पहल में, कुछ बडी गलतीयां हुयी थी. परंतु रत्नाकर गायकवाड को मारहान करना, *"क्या यह बुध्दवाद का प्रतिक है...???"* सदर "आंबेडकर भवन उध्वस्तीकरण" इस विषय के मेरे लेख पर भी, समस्त महाराष्ट्र में बहुत चर्चा रही. अभी अभी प्रकाश आंबेडकर द्वारा *"पंढरपुर विठ्ठल मंदिर के खुला करने का आंदोलन"* बहुत ही चर्चीत रहा. उस संदर्भ में मेरे लिखा द्वारा मराठी लेख "अॅड. प्रकाश आंबेडकर ह्यांचे कोरोना संक्रमणात बंदीस्त मंदिर आंदोलन आणि सामाजिक नैतिकता...?" इस पर, बहुत ही चर्चा हुयी. सबसे अहं सवाल यह है कि, *"बाबासाहेब ने हमें देववाद, धर्मांधवाद से दुर करने का प्रयास किया. बाबासाहेब ने अपने राजकीय जीवन में, देववाद का कभी सहारा भी नही लिया. यही नहीं, उन्होंने सशक्त विरोधी दल की सक्रिय भुमिका निभाई. वही प्रकाश आंबेडकर का आचरण तो, बाबासाहेब के विचारों से, बिलकुल ही विपरीत है."* और प्रकाश आंबेडकर की यह कॄतीभाव, हमारे आंबेडकरी मुव्हमेंट के लिये, बडा ही चिंता का विषय है. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी ने, *"रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया"* नामक राजकीय धरोहर हमें दी. प्रकाश आंबेडकर ने तो, उस राजकीय धरोहर का नामोनिशाण ही मिटा दिया. और भी बहुत सारे संदर्भ है, जो प्रकाश आंबेडकर द्वारा मिटाने की चेष्टा की गयी...!

      *अॅड. प्रकाश आंबेडकर के साथ मेरी (डॉ. मिलिंद जीवने) दिर्घ चर्चा, आठ - दस साल पहले नागपुर के रवि भवन में हुयी थी.* जहां मैने उनका ज्ञान, कुछ विषय संदर्भ में केंद्रीत किया था. और अॅड. प्रकाश आंबेडकर जी, मेरे उस शब्द को कभी भुलेंगे भी नहीं. क्यौं कि, मेरे वह शब्द प्रकाश आंबेडकर को झंझोर करनेवाले थे. यही नहीं वह चर्चा, उनके २५ - ३० कार्यकर्ता के सामने हुयी थी. अॅड. प्रकाश आंबेडकर इनके कामों में संदर्भ में, मेरे द्वारा लिखे कुछ लिखाण पर, अभी अभी के जुडे उनके कुछ कार्यकर्ताओं ने, मेरे पर बहुत ही भद्दा लिखाण किया. मै उन कार्यकर्ताओं को बताना चाहुंगा कि, *अॅड. प्रकाश आंबेडकर इनको, सबसे पहले सामाजिक जीवन में परिचित कराने वाला डॉ. जीवने परिवार है.* नागपुर के धनवटे रंगमंदिर में, प्रकाश आंबेडकर के भव्य स्वागत का आयोजन किया गया था. जहां मैने उनका स्वागत किया था. मेरी प्रकाश आंबेडकर इनसे कोई शत्रुता नहीं है. मेरा मुंबई में, अकसर जाना - आना रहता है. मेरे मुंबई में आने की जानकारी, एक बहुल वॄध्द बौध्द बाबासाहेब के विचारधारी व्यक्ती को मिली. उन्होंने मुझे फोन करते हुये, वह वॄध्द व्यक्ती मुझे मिलने आया था. *"और उस वॄध्द व्यक्तीने अॅड. प्रकाश आंबेडकर इनके संदर्भ में, जो प्रमाण बतायें, वह देखकर / सुनकर तो, मै उस रात सो ही नहीं पाया...!"* यह बात अॅड. प्रकाश आंबेडकर जी भी, बहुत अच्छे से जानते है. मेरी इतनी ही प्रकाश आंबेडकर जी से अपेक्षा है कि, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के प्रती, उनके द्वेषभरे मानसिकता से, वे जल्दी बाहर निकले. *डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी द्वारा निर्मित, वह ऐतिहासिक धरोहर का नां मिटाएं...!* इसी अपेक्षा में...!!!


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* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर

* राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल

* मो.न. ९३७०९८४१३८, ९८९०५८६८२२




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