Friday 9 October 2020

Dr. Milind Jiwane filed Writ petition at Bombay High court aganist Deeksha Bhoomi Nagpur management and Colector / NMC Commissioner Nagpur & others.

 🔹 *दीक्षाभूमी नागपुर में धम्म चक्र प्रवर्तन दिन पर, कार्यक्रम लेने एंव समस्त गेट खोलने के लिये -  मा. उच्च न्यायालय में डॉ. मिलिन्द जीवने इनकी याचिका दाखल...!!!*

(अॅड. डॉ. मोहन गवई इनके साथ अॅड. संदिप ताटके ये मान्यवर वकिल द्वय, उच्च न्यायालय में केस की पैरवी करेंगे...)


        *"धम्म चक्र प्रवर्तन दिन"* इस पावन अवसर पर, दीक्षाभूमी में हर साल ऐतिहासिक समारोह का आयोजन किया जाता है. साथ ही *"धम्म दीक्षा दिन"* अर्थात १४ अक्तुबर ये दिन भी बहुत धुमधाम सें, दीक्षाभूमी पर मनाया जाता है. वही इस साल प.पु. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (दीक्षाभूमी) स्मारक समिती नागपुर के द्वारा, धम्म चक्र प्रवर्तन दिन पर, *"समस्त समारोह कार्यक्रम रद्द किये गये है."* यहीं नहीं *"१४ अक्तुबर २०२० को तथा २४ - २५ - २६ अक्तुबर २०२० को, दीक्षाभूमी के समस्त गेट भी, बंद करने की बात कही है...!"* अर्थात उस दिन पर दीक्षाभूमी पर, कोरोना के डर से, (कोरोना के नाम पर) पुजा करने की मनाई की गयी है. इस के विरोध में, *"सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल"* के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं CRPC Women Wing / CRPC Women Club / CRPC Employees Wing के राष्ट्रीय पेट्रान *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इनके नेतृत्व में, तथा महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्षा *प्रा. वंदना जीवने* तथा राष्ट्रीय कार्याध्यक्षा *डॉ. किरण मेश्राम* इनके विशेष उपस्थिती में, दीक्षाभूमी स्मारक समिती, विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त, पोलिस आयुक्त इनसे भेंट लेकरं, सदर अपनी मांग रखी. उस अवसर सेल की *ममता वरठे / प्रा. वर्षा चहांदे / प्रा. डॉ. नीता मेश्राम / डॉ. साधना गेडाम / कल्याणी इंदोरकर / चैताली रामटेके / अमिता फुलकर /संध्या रंगारी / अॅड. हशु मेश्राम / रमेश वरठे / सुरेश रंगारी* आदी पदाधिकारी जन उपस्थित थे. तथा *अॅड. डॉ. मोहन गवई* इन्होने कानुनी नोटीस देने पर भी, सदर नोटिसी धारकों नें उसका उत्तर तक नहीं दिया. अत: उपरोक्त ६ नोटिसी धारकों पर, मा. उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखल की गयी है. सदर याचिका दाखल करनें में, *प्रविण मेश्राम तथा राजेंद्र ठाकरे* इन्होने बहुत परिश्रम उठाया.

       सदर याचिका में महाराष्ट्र शासन द्वारा इस साल भी, नवरात्र एवं दशहरा मनाने पत्रक की जानकारी दी गयी है. तथा *"जगन्नाथ रथयात्रा"* निकालाने का तथा *मा. सर्वोच्च न्यायालय के सरन्यायाधीश मा. शरद बोबडे एवं न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी तथा ए. एस. बोमन्ना* इनके खंडपीठ ने दिये गये अनुमती का जिक्र किया गया. यही नहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके हाथों, अहमदाबाद के जगन्नाथ रथयात्रा को झाडु लगाना तथा *"अयोध्या राम जन्म भुमी"* समारोह में, नरेंद्र मोदी इनका उपस्थित होने का जिक्र है. इतना ही नहीं, भारत में सभी यातायात का खुला हो होना, मार्केट - मॉल - होटल - उद्दोग - व्यापार - कुछ मंदिर खुलने की बात कही गयी है. केवल यहीं नहीं तो, ICMR / MMC इन सरकारी आरोग्य विभागों द्वारा, कोरोना संदर्भ


में निकाले गये, कुछ पत्रकों का संदर्भ दिया है. *"वही कोविड - १९ यह भयावह (?) है या केवल हवा है,"* इस संदर्भ में सही जांच करने हेतु - *"कोर्ट कमिशनर"* के नियुक्ती की मांग की है...!!!

    सब से असं सवाल यह है कि, नागपुर शहर के पालकमंत्री *डॉ. नितिन राऊत* इस संदर्भ में खामोंश क्यौं...? यह बहुत बडा सवाल है. एक बार हम, भारत के केंद्रीय मंत्री भाजपाई *नितिन गडकरी*, या कांग्रेसी नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्रीद्वय *अनिल देशमुख / सुनिल केदार* इनकी दीक्षाभूमी संदर्भ में, निष्क्रियता समज सकते हैं. परंतु *डॉ. नितिन राऊत* का स्वयं का आंबेडकरी (?) बताना हो, वही गांधी के आदर्शो का सहारा /आसरा लेना...!!! यह निश्चित ही संशोधन का विषय है...!!!


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