Monday 26 October 2020

 🤝 *समस्त मागास वर्ग समुह की "स्वतंत्र मागास वर्ग आरक्षण कानुन" - Backward Class Reservation Act यह मांग हो...!!!*

( सदर कानुन के अंतर्गत अनुसूचित जाती /जमाती / भटक्या जमाती/ओ.बी.सी वर्ग आदी समस्त वर्ग का समावेश हो...!)

* *सदर कानुन यह समस्त मागास वर्ग समुहों के लिये, Legislation / Executive / Judiciary / Every Sector आदी क्षेत्र के, दरवाजे खोलने कारगर सिध्द होगा...!*

     *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७

राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल

मो.न. ९३७०९८४१३८, ९८९०५८६८२२


      भारत में अनुसूचित जाती / जनजाती / विमुक्त जमाती / ओ.बी. सी. इन वर्ग समुह की, समस्त संख्या को जोड दिया जाए तो, वह *"बहुसंख्यक समुह"* बन जाता है. और साथ में ही, *"मायनोरीटी समुदाय"* (बौध्द / मुस्लिम / सिख / जैन / ईसाई) की भी, अपने साथ ही मैत्रीपुर्ण दोस्ती करनी होगी. *वही सवर्ण और उच्च जाती वर्ग का प्रतिशत, यह ५% तक सिमित दिखाई देता है...!* अर्थात वह उच्च वर्ग समुह, ये *"अल्पसंख्यांक समुह"* है. फिर भी वो अल्पसंख्याक समुह, ये बहुसंख्यांक समुह पर अधिपत्य जमाये बैठा है. *"यह बहुसंख्यांक समुह की अज्ञानता है या, मुर्खता है, वो समुह एकसंघ नहीं हो पा रहा है...! और देववाद / धर्मांधवाद के बिच, वह बहुसंख्यांक समाज उच- निच के भेदाभेद में, गहरा फंसता चला गया...!"* ये देववाद / धर्मांधवाद और कुछ नहीं है.‌ केवल और केवल *"मानसिक बिमारी"* से, वह ग्रसित भाव है.‌ जहां से हमे, अब बाहर निकलना होगा.‌..!!! आज भारत को प्रजासत्ताक होने में, ७० साल का कालखंड गुजर चुका है.‌ *"फिर भी Legislation / Executive / Judiciary / Every Sector में, उनका ही बोलबाला दिखाई देता है. हमारा नहीं...!"* यह हाल हम, और अब कब तक झेले...? चलो उठो भाईयों, हम सभी बहुसंख्यांक समुह कों, अपने अधिकारों के लिये, नये *"स्वतंत्र मागास वर्ग आरक्षण कानुन"* - Backward Class Reservation Act की हमें मांग करनी है. वह कानुन कैसे हो, इस पर हम अब चर्चा करेंगे...!

* Reservation in Education

* Reservation in Service

* Reservation in Promotion

* Reservation in Isolated Post

* Reservation in Private Sector

* Reservation in Judiciary / Defence / Confidential Dept.

* Reservation in Budget

     इस के साथ ही हमें, *"भांडवलशाही व्यवस्था"* को ध्वस्त करना है. बडे उद्दोग / बडे कार्पोरेशन - कंपनी / खेती का, *"राष्ट्रियकरण* करना होगा...! और वह "प्रस्तावित कानुन" यह, मागास वर्ग के *"जातीगत प्रतिशत"* जन संख्या पर, आधारित होना चाहिए.‌ जिस वर्ग की जितनी जन संख्या, आरक्षण भी उसी आधार पर हो. इस लिये, *"जातीगत जनगणना"* (अनुसूचित जाती / जनजाती / ओबीसी) यह हमारी मांग हो...! उस प्रस्तावित कानुन में, *"दंड विधान"* का भी प्रावधान हो. ता कि, दोषी अधिकारी को, दंडित किया जा सके....! हमारी अगली राजनीति यह, *"जातिगत आधार"* पर करनी होगी. *"कांग्रेस / भाजपा"* समान राजकीय दलों को, पुर्णत:  तिलांजली देनी होगी. जैसे कि, रिपब्लिकन पार्टी / बहुजन समाज पार्टी यह, आंबेडकरी / बौध्द विचारों के दल है. उसी तरह महात्मा ज्योतीबा फुले / छत्रपती शिवाजी महाराज / छत्रपती शाहू महाराज / पंजाबराव देशमुख इन महापुरुषों के विचारों पर, हम सभी को इकठ्ठा आना है. *"गोलवलकर - गांधी"* - अर्थात *"गोगावाद"* विचारों को, हमें राजनीती से खदेडना है...! चलों, हम संकल्प करें...! नया भारत - विकास भारत - सशक्त भारत बनाने का...!!! इस लिये हमें, नया *"मागास आरक्षण कानुन"*  बनाना है. उस के बाद हमें - *"जातीविहिन भारत"* की ओर जाना है...!





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