Tuesday 10 September 2024

 👌 *बुद्ध / सारिपुत्त - मोग्गलान / प. पु.डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्थीधातु नाम पर महाठग नितिन गजभिये की महाठगी : क्या विदेशी मान्यवर भंतेजी इस महाठगी यात्रा में उपस्थित रहेंगे ?* (भिमराव य. आंबेडकर / आनंदराज आंबेडकर उत्तर दे.)

     *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७

राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल 

एक्स व्हिजिटिंग प्रोफेसर, डॉ बी आर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ महु म प्र 

मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२


           *महाठग - नितिन गजभिये* एवं उसकी संघटन *"इंडो आशियन मेत्ता फाऊंडेशन"* के तत्वज्ञान में आयोजित हुये - *"बुद्ध / सारिपुत्त - मोग्गलान / प. पु.डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्थीधातु कलशयात्रा"* का आयोजन यह तो, *"बहुत बडी महाठगी"* है. *"अस्थिधातु"* को किसी भी प्रकार का, ऐतिहासिक प्रमाण नहीं दिया जाना, और *"बौध्द / आंबेडकरी जनता से खिलवाड"* यह बहुत बडा अपराध है.  बुध्द धर्म में इस तरह के आयोजन की अनुमती, जो बिलकुल नहीं है. महाठग नितिन गजभिये इस की संघटन द्वारा बनाया गया रथ ही, और उस पर *"रथ पर आयोजक वर्ग का फोटो"* होना ही, उनके हिनता का परिचय देता है. *श्रीलंका से केवल एकही भंते का आगमन,* और स्वागत की पध्दती को देखकर, बडी शर्म महसुस होती है. वह व्हिडिओ / फोटो अवश्य देखे. अब सवाल यह है कि, *"क्या बडे मान्यवर विदेशी मान्यवर भंते जी, इस कलश यात्रा में सहभागी होंगे ?"* यह अब देखना है. वही बुद्ध / आंबेडकरी जनता की भी, यह परिक्षा की बहुत बडी घडी है. इसका उत्तर *महाठग - नितिन गजभिये* और उस टीम को, वह कैसे देती है ? यह भी तो देखना है. वही  *"सामाजिक / धार्मिक दायित्व"* का प्रश्न भी है.

       श्रीलंका के आये *"केवल एक ही भंते"* ने,  *"बुध्द / सारिपुत्त - मोग्गलान अस्थीधातु"* होने की मुलाखत प्रसिद्ध की है. परंतु वह अस्थी धातु किस उत्खनन से मिली है ? यह प्रश्न है.  *"बुध्द की अस्थीधातु"* यह बहुत *"मुल्यवान धरोहर"* है. और *"सारिपुत्त - मोग्गलान अस्थीधातु"* यह केवल, *"महाबोधी सोसायटी ऑफ श्रीलंका"* इनके पास सुरक्षीत है. अन्य जगह होने का, कोई प्रमाण नहीं है. और इस तरह का प्रदर्शन, कभी नहीं किया जा सकता. बंबई के एक भंतेजी ने, *"डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अस्थीधातु यात्रा"* निकालने पर, नांदेड शहर के *"एक युवा ने उस भंते को चाटा लगाने के बाद,"* यात्रा स्थगित की थी, यह चर्चा है. भंते अगर *"धर्म प्रसार - प्रचार छोडकर,"* इस प्रकार के कृत्य करता हो तो, यह बडा चिंता का विषय है. आयोजक के जो तिन नाम दिये गये है, उसमे सें *"अभिजित बरुआ"* इस व्यक्ती का नाम  / उसका फोटो हटना ? यह बहुत बडा प्रश्न खडा करता है. क्या उस व्यक्ती के अनुमती बिना, *अभिजीत बरुआ* का नाम डाला गया था. वही *आनंदराज आंबेडकर / भिमराव आंबेडकर* के होने की प्रसिद्धी, आयोजन समिती कर रही है. और उन्होंने इसका खंडन भी नहीं किया है ? इस संदर्भ में *"पाचपावली पोलिस स्टेशन नागपुर / पोलिस आयुक्त नागपुर"* इनको शिकायत की गयी है.अत: उन आंबेडकर बंधुंओ के नैतिकता / *"सामाजिक बांधिलकी / धार्मिक बांधिलकी"* पर, अहं प्रश्न खडे हुये है. अब आंबेडकरी समाज को ही उसका उत्तर देना है. 

        जय भीम ! नमो बुध्दाय !!!


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▪️ *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

नागपुर, दिनांक १० सितंबर २०२४

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