Thursday 27 April 2023

 🌈 *बुध्द की छाया में...!*

        *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

          मो. न. ९३७०९८४१३८


मौसम की छाया में, आसमां युं खो गया

बुध्द की छाया में, हे मानव तु बदल गया...


बदलने का अहसास, हमे युं ही हो गया

हे निसर्ग भावों को, रंगीन सपना दे गया

हम युं चले सफर में, वो साथ बदलते गया

जब मंज़िल पहुंचे तो, कारवां बदल गया...


ना रुकना सदमे सें, वो आगे बढ़ता गया

चिंगारी आग सें, सलामत युं निकल गया

हिम्मत हो मन में तो, दर्द की दवा पा गया

जीवन‌ की राह में, उजाला युं ही आ गया...


बुध्द के नादों का, युं संघ साकार हो गया

अशोका की दीक्षा से, बुध्द भारत हो गया

भीम का गरजना, नां ही खाली कहां गया

चलो मेरे दोस्तो, अपना भी वक्त आ गया...


* * * * * * * * * * * * * * * *

(नागपुर, दिनांक २७ अप्रेल २०२३)

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