Tuesday 30 January 2024

 👌 *HWPL (H.Q.: Korea) इस विश्व स्तरीय आंतरराष्ट्रिय संघटन की ओर से, ३० जनवरी २०२४ को झुम पर आयोजित, "विश्व शांती शिखर सम्मेलन" इस विषय पर, "आंतरधर्मीय परिसंवाद" कार्यक्रम...!*

* *डा. मिलिन्द जीवने,* अध्यक्ष - अश्वघोष बुध्दीस्ट फाऊंडेशन, नागपुर *(बुध्दीस्ट एक्सपर्ट / फालोवर)* इन्होंने वहां पुछें दो प्रश्नों पर, इस प्रकार उत्तर दिये...!!!


* प्रश्न - १ :

* *कृपया धर्मों के बीच मेल - मिलाप और शांति की संस्कृति स्थापित करने के लिए, धर्म गुरुओं की आवश्यक विशिष्ट भुमिकाओं और प्रयासों का परिचय दे.*

* उत्तर : - विभिन्न धर्मों के बीच मेल - मिलाप, शांति की स्थापना करना, धर्म गुरुओं की भुमिका और प्रयास इन तिन विभागों में, अभी का विषय सत्र हमें दिखाई देता है. यह विषय एक रुप से, बडा जट़ील ही विषय है. वही दुसरी और, हमारी ईच्छा शक्ति यें बडी मजबुत रही हो तो, यह संभव भी हो सकता है.

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अभी हम केवल भारत देश के संबंध में ही, यहां बातें करते है. *"संविधानिक रुप"* से भारत यह धर्मनिरपेक्ष *"देश"* (Country) है. हमें यह समझना होगा कि,भारत यह *"राष्ट्र"* (Nation) नहीं है. देश और राष्ट्र इस अर्थ में, बुनियादी बडा फर्क है.

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*"देश"* (Country) यह कोई भी खंड का नाम हो सकता. *"राष्ट्र"* (Nation)  यह भी कोई खंड का नाम है. परंतु *"जहां सामाजिक, आर्थिक, राजकिय समता होती है. तथा "स्वातंत्र, समता, बंधुता, न्याय"* का, जहां वास होता है, वो *"राष्ट्र"* कहलाता है. इस अर्थ से भारत यह राष्ट्र नही है. केवल वो देश है. यहां विषमता है, घुआछुंत है. अन्याय है. गरिब  है. बेकारी भी बडी मात्रा में है.......

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भारत की राजनीति यह, धर्म पर बडी हावी दिखाई देती है. *"रामजन्मभुमी विवाद"* यह विषय ही लो. न्यायालय का निर्णय यह *" "प्रायमा फेसी"* इस आधार पर ना होकर, *" भावनात्मक आधार'* पर हुआं है. एक बहुसंख्य धर्मवादी खुश है. परंतु बौध्द - मुस्लिम, यें अल्पसंख्यक समुदाय बडा नाराज है.

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अगर यही बात हो तो, *धर्म - धर्म में, यें द्वेष का कारण होता है.* इस प्रकार के भावों को, हम कैसे रोकें ? यह प्रश्न है.  इस प्रकार की समस्या निर्माण हो तो, मेल - मिलाफ हम कैसे बढायें ? यह भी बडा प्रश्न है. 

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आंतरराष्ट्रिय स्तर पर, *"लढे जा रहे युध्द"* के पिछे का मुख्य कारण, यह धर्म ही तो है. या कभी कभी तो, *"धर्म हिन भाव"* यह भी कारण हो सकता है. कोई भी देशംयहां झुकते हुयें, हमें दिखाई नही देता.

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भारत के संदर्भ मे, रामजन्मभुमी इस अभी के *"हिंदु धर्म विवाद"* में, एक ओर भारत सरकार का समुह था. तो दुसरी ओर *"चारों पीठ के शंकराचार्य"* प्रधानमंत्री के निर्णय से, काफी नाराज दिखाई देते है. *मुस्लिम* समुदाय बाबरी मस्जिद के कारण नाराज है. वही *"बौध्द"* समुदाय वहा अशोक कालिन बौध्द विहार यह प्रमाण देते है. यहां न्याय कहां ? यह प्रश्न है.

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कारण यह है कि, भारत की राजनिती *"धर्म - धर्मांधता - देववाद"* इस के इर्दगिर्द ही घुमती नज़र आती है. और हमारे अपने धर्मगुरु भी, धर्म का आचरण सिखाने के बदले, राजनिती में ज्यादा दिलचस्पी लेते हुये नज़र आते है. *"लोगों का मेल मिलाप करना"* यह विषय तो, जस का तस रह जाता है.

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विभिन्न धर्म धर्म में मिलाप हो, शांति की स्थापना हो, यह उदात्त विचार है. भगवान बुध्द ने इस संदर्भ में एक गाथा कही है. *"न हि वेरेन वेरानि सम्मन्तीध कुदाचनं | अवेरेन च सम्मति एस धम्मो सनन्तनो ||"* (अर्थात - वैर से वैर कभी शांत नही होता, अवैर से वैर शांत होता है. यही संसार का नियम है. यही सनातन धर्म है.) *धम्म पद* के इस वचन से, बुध्द का धर्म ही सनातन धर्म है

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बुध्द का विचार धम्मपद हमे बताता है कि, *"परे च न विजान्तति मयमेत्थ यमामसे | ये च तथ्य विजानन्ति त तो सम्मन्ति मेधगा ||"* (अर्थात - अज्ञानी लोक यह नही जानते कि, हम सब संसार में नही रहेंगे, जो इसे जानता है उसके मन के सभी विकार शांत हो जाते है.) यहां प्रश्न तो, हमारे इस विकारों को, हम कैसे दुर करे ? इस समस्या का हल खोजने की, आज भी बहुत बडी जरूरत है.


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* परिचय : -

* *डाॅ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

    (बौध्द - आंबेडकरी लेखक /विचारवंत / चिंतक)

* मो.न.‌ ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

* राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी वुमन विंग

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी ट्रेड्स एंड कामर्स विंग 

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी एम्प्लाई विंग

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी ट्रायबल विंग

* राष्ट्रिय पेट्रान, सीआरपीसी वुमन क्लब

* अध्यक्ष, जागतिक बौध्द परिषद २००६ (नागपूर)

* स्वागताध्यक्ष, विश्व बौध्दमय आंतरराष्ट्रिय परिषद २०१३, २०१४, २०१५

* आयोजक, जागतिक बौध्द महिला परिषद २०१५ (नागपूर)

* अध्यक्ष, अश्वघोष बुध्दीस्ट फाऊंडेशन नागपुर

* अध्यक्ष, जीवक वेलफेयर सोसायटी

* माजी अध्यक्ष, अमृतवन लेप्रोसी रिहबिलिटेशन सेंटर, नागपूर

* अध्यक्ष, अखिल भारतीय आंबेडकरी विचार परिषद २०१७, २०२०

* आयोजक, अखिल भारतीय आंबेडकरी महिला विचार परिषद २०२०

* अध्यक्ष, डाॅ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रिय बुध्दीस्ट मिशन

* माजी मानद प्राध्यापक, डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक संस्थान, महु (म.प्र.)

* आगामी पुस्तक प्रकाशन :

* *संविधान संस्कृती* (मराठी कविता संग्रह)

* *बुध्द पंख* (मराठी कविता संग्रह)

* *निर्वाण* (मराठी कविता संग्रह)

* *संविधान संस्कृती की ओर* (हिंदी कविता संग्रह)

* *पद मुद्रा* (हिंदी कविता संग्रह)

* *इंडियाइझम आणि डाॅ. आंबेडकर*

* *तिसरे महायुद्ध आणि डॉ. आंबेडकर*

* पत्ता : ४९४, जीवक विहार परिसर, नया नकाशा, स्वास्तिक स्कुल के पास, लष्करीबाग, नागपुर ४४००१७

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