👌 *दीक्षाभूमी अंडरग्राऊंड बांधकाम विरोध में डॉ आंबेडकर सभागृह उर्वेला कालोनी में दिनांक २३ जुनं २०२४ को आंबेडकरी जनता ने कडा विरोध जताया...!*
दीक्षाभूमी यह समस्त बौध्द समुदायों का आंतरराष्ट्रीय केंद्र है. बाबासाहेब डॉ आंबेडकर साहाब ने, इस पावन जगह पर १४ अक्तुबर १९५६ को, पाच लाख लोगों को बौध्द धम्म की दीक्षा दी. और उस पावन भुमी पर, बाबासाहेब आंबेडकर जी स्मृती में, एक विशाल बौध्द स्तुप सदृश्य स्मारक बनाया गया. और यह जगह कम होने के कारण, बाजु की कृषी जमिन / आरोग्य विभाग की जमिन की मांग की गयी. परंतु उस जमिन का आबंटन ना कर, दीक्षाभूमी को लगकरं ही अंडरग्राऊंड सायकल स्टैंड / सभागृह का बांधकाम करने से, दीक्षाभूमी स्तुप को खतरा महसुस हो रहा है. सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्होने २३ सितंबर २०२३ को ही, सीआरपीसी टीम के *इंजी. गौतम हेंदरे / शंकरराव ढेंगरे / डॉ मनिषा घोष / डॉ भारती लांजेवार / विजय भैसारे* इनके साथ जगह पर जाकर, खोदकाम के फोटो डालकर, जनता को जाणकारी दी थी. परंतु उस संदर्भ में उचित कार्यवाही ना होने के कारण, नागपुर की जनता के और से रविवार दिनांक २३ जुनं २०२४ को, दोपहर १२ बजे उर्वेला कालोनी सभागृह में, *"मंच पर सिर्फ डॉ बाबासाहेब आंबेडकर इनका फोटो रखकर"* किसी भी प्रकार के नेतृत्व को पुर्णतः त्याग कर, नागपुर के आम कार्यकर्ता ओं ने, अंडरग्राऊंड सायकल स्टैंड का विरोध जताया गया. बैठने को जगह भी कम पड गयी. और तमाम लोगों ने, अपना विचार व्यक्त किये. सदर सभागृह पुर्णतः लोगों से भरा हुआ था. और *"दीक्षाभूमी समिती को १ जुलै २०२४ तक,"* इस संदर्भ में निर्णय देने की चेतावणी दी गयी.
No comments:
Post a Comment