✍️ *दीक्षाभूमी में सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल द्वारा "धम्म चक्र प्रवर्तन दिन" के पावन अवसर पर, सामुदायिक बुद्ध वंदना ली...!*
(दीक्षाभुमी प्रशासन / सरकारी प्रशासन द्वारा पोलिसी झुंडशाही / दादागिरी. दीक्षाभूमी से २ कि.मी. से ही, लोगों को रोका गया. कार / जीप एवं टु व्हिलर को भी आने की मनाई. *"फिर भी पैदल - पैदल लोगों का सैलाब"* दिक्षाभुमी पर पहुंचा...! *"दीक्षाभूमी समिती / मंत्री नितीन राऊत / सरकारी प्रशासन - अब तो कुछ शरम करो. चुल्लु भर पाणी में, तुम डुब मरो...!"* जनता ने, तुम्हारी औकात दिखाई...! वही *समता सैनिक दल* द्वारा, लोगों को भगाने का प्रयास - जो निंदनीय रहा...!!!)
* *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर
राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
मो.न. ९३७९९८४१३८, ९८९०५८६८२२
*"धम्म चक्र प्रवर्तन दिन"* के पावन अवसर पर, *"प. पु. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिती"* द्वारा तथा पालकमंत्री *डॉ. नितिन राऊत* तथा सरकारी प्रशासन द्वारा - कोरोना संक्रमण के नाम पर, जो बिन-अकलगिरी की गयी / ना-लायकगिरी की गयी. और २४ / २५ / २६ अक्तुबर २०२० को, बौध्द समुदाय को, दीक्षाभूमी जाने को रोकने का प्रयास, यह निंदनीय है...! शर्मसार भी है...! वही आप लोगों की, दीक्षाभूमी *"ना आने की अपिल"* को, जनता ने ठुकरा दिया...! *"हजारो की संख्या में, जन सैलाब दिक्षाभुमी पर, पैदल पैदल आते हुये, स्मारक समिती प्रशासन हो या, सरकारी प्रशासन हो या, पालकमंत्री डॉ. नितिन राऊत हो, उन्हे उनकी औकात दिखा दी."* प्रशासन द्वारा दीक्षाभूमी से *दो कि.मी.* दुरी से ही, कार / टु व्हिलर को अंदर आने को रोका गया. अगर दीक्षाभूमी पर कोई समारोह होता तो, वह बात समझ में आ सकती थी.
*"परंतु दीक्षाभूमी में, बौध्द जन समुदाय पहुंचे ही ना...!" इस ना-लायकी के कु-प्रयास की, जितनी भी निंदा की जाए, उतनी ही कम है...!!!* वही दीक्षाभूमी परिसर के गेट के बाहर, पोलिस खामोश दिखाई दे रहे थे...! परंतु *"समता सैनिक दल"* द्वारा, वहां उपस्थित हुये लोगों को, जबरन बाहर जाने को कहना, इसे हम क्या कहे ? दुसरे अर्थों में, दीक्षाभूमी प्रशासन / सरकारी प्रशासन / पालकमंत्री डॉ. नितिन राऊत / वहा कार्यरत समता सैनिक दल के, जवानों कों, *"बुध्दीभ्रम कोरोना"* सा हो गया हो...!!! वे लोगों को भगाने का, प्रयास कर रहे थे. हमारी *"सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल"* के टीम का, वह सफल दबाव ही था - जिस कारण *"दीक्षाभूमी पर थोडी सी सजावट / रोशनाई"* की गयी. एवं नागपुर और बाहर से, लोगों का जन सागर दीक्षाभूमी की ओर बढते चला. इतना ही नहीं - स्मारक समिती को, *"आखिर छोटा सा ही सही, परंतु तिनं दिन कार्यक्रम लेने पडे...! यही हमारी (CRPC) सब से बडी जीत है...!! वही प्रशासन की शर्मसार हार...!!!"*
सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल की टीम, २५ अक्तुबर २०२० को दोपहर ४.०० बजे सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इनकी प्रमुख उपस्थिती में, दीक्षाभूमी पहुंची थी. सदर टीम में *प्रा. वंदना जीवने / डॉ. किरण मेश्राम / डॉ. मनिषा घोष / प्रा. डॉ. नीता मेश्राम / डॉ. साधना गेडाम / शोभा मेश्राम / ममता गाडेकर / इंजी. स्टेफी जीवने* आदी पदाधिकारी उपस्थित थे. सदर टीम ने दीक्षाभूमी जाकर, प्रमुख गेट से ही, *"सामुदायिक बुद्ध वंदना"* ली. तथा उपस्थित जनसमुदाय के साथ बातचित की. और उन्होने दिक्षाभुमी स्मारक समिती / सरकारी प्रशासन / एवं पालकमंत्री के इस शर्मसार रवैय्ये की कडी आलोचना की...!!! वही सेल की राष्ट्रीय महासचिव *डॉ. किरण मेश्राम* इन्होने, मिडिया द्वारा लिये गये मुलाखत में, प्रशासन के इस शर्मसार रवैये की, कडी आलोचना की.
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