Saturday 1 December 2018

⛩ *भारतीय बौद्ध महासभा के ड्राफ्ट का सार एवं धर्मादाय को स्वयं घोषित अध्यक्ष की शिकायत...!*
   (अंतिम सुधार ड्राफ्ट - धर्मादाय में सुनवाई के बाद)

                *By Speed Post*

प्रेषक:  *डॉ. मिलिन्द पं. जीवने*
           ५८४, जीवक सोसायटी परिसर
           नया नकाशा, स्वस्तिक स्कुल के पास,
            लष्करीबाग, नागपुर ४४००१७ म. रा.
            मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२
            इ मेल: dr.milindjiwane@gmail.com
            दिनांक: ३०/११/२०१८

प्रति,
      मा. धर्मादाय आयुक्त, महाराष्ट्र राज्य
      धर्मादाय आयुक्त भवन, तिसरी मंजिल,
      ८३, अॅनी बेझंट रोड, वरली, मुंबई ४०००१८

विषय: *दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया पंजी. F-982/62 (Bombay) under BPT Act & No. 3227/55 under Society Act) में अब भी आर्थिक गैरप्रकार/घोटालें होने के कारण, आर्थिक घोटाला करनेवाले दोषी पदाधिकारी वर्ग का, अगर उस चेंज रिपोर्ट में नाम हों तो, उस दोषी पदाधिकारी/सदस्य की सदस्यता रद्द कर, उस दोषी सदस्य पर, फौजदारी गुन्हा दाखल करने हेतु पुलिस में सिफारिश कर, आगे सोसायटी पर प्रशासक बिठाकर, पुरे भारत से नये शिरे से सदस्य नोंदणी करते हुए, केवल सोसायटी अॅक्ट के अंतर्गत (BPT Act नियमावली - स्किम के अंतर्गत नही) चुनाव लेकर,  सोसायटी रजिस्ट्रेशन अॅक्ट अनुसार नियम एवं नियमावली में सुधार (Amendment) करने हेतु...!*

गैर अर्जदार:
 *१. राजरत्न अशोक आंबेडकर* (स्वंय घोषित अध्यक्ष), आंबेडकर भवन, जी-२२६, दुसरा माला, बी.एम.सी. बिल्डिंग, स्टेशन रोड, भांडुप (पश्चिम), मुंबई ४०००७८  मो. न. ७६६६७६१३५८
*२. चंद्रभान उर्फ चंद्रबोधी पाटील* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), ३/४, इंशा हटमेंट, आजाद मैदान, फोर्ट, मुंबई ४००००१  मो. न. ७५०७६६६४८६
*३. विश्वनाथ शामराव मोखले* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), ब्लॉक न. ०९ डी/७, भीम कृपा सी. एच. एस. भवानी नगर, मुरमाड रोड, कल्याण (पश्चिम), जिला - ठाणे
*४. आसाराम नारनवरे* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), नागसेन नगर, भीम चौक के पास, नागपुर ४४००२६
*५. मिराताई यशवंत आंबेडकर* (स्वयं घोषित अध्यक्ष), १७/ए, आंबेडकर भवन, गोकुळदास पास्ता रोड, दादर, मुंबई ४०००१४   निवास: राजगृह, हिंदु कॉलोनी, दादर (पुर्व), मुंबई ४०००१४

महोदय,
           उपरोक्त विषय संदर्भ में आप को सुचित किया जाता है कि, *गैर अर्जदार क्र. १ से ५* इन्होंने *"स्वयं को असंवैधानिक राष्ट्रिय अध्यक्ष "* घोषित कर, अपने मन मर्जी से संघटन चलाकर, कानुन को मजाक समझा है. *और संघटन के नाम पर अवैध आर्थिक व्यवहार भी कर रहे है.* मै स्वयं ही इन लोगों को इकठ्ठा आकर, आपस में समझौता करने के संदर्भ में, आवाहन लेख भी लिखे है. पर वे लोग मतलब की राजनीति कर, अपने अहं भाव को रखकर, बौद्ध समाज के भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे है. अत: उन लोगों के विरोध में, निम्न तक्रार की जाती है....!

१. गैर अर्जदार क्र. ५ *श्रीमती मिराताई आंबेडकर* इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में, Petition for Special Leave Appeal No. 24645/2013, हारने के उपरांत भी, स्वयं को *"दि बुध्दिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया का असंवैधानिक राष्ट्रीय अध्यक्ष"* के रुप में काम करना पुर्ववत चालु रखा है. भारत में उनकी स्थापित शाखाएं चालु है. बौद्ध परिषद, अन्य कार्यक्रमों का आयोजन आदी के लिए, बौद्ध समाज सें दान के रुप में, अवैध रूप से चंदा जमा किया जाता है. वह पैसा कौन से बैंक खातों में जमा किया जाता है, या इसके समस्त अवैध हिसाब की जानकारी से समाज और शासन भी अनभिज्ञ दिखाई देते है. अत: आप से इस अवैध कृती पर, निर्बंध लाने हेतु, और उन दोषियों पर Civil और Criminal Act के अंतर्गत, कारवाई करने की मांग करता हुं. क्यों कि, यह बौद्ध समाज से बड़ी खिलवाड़ है. बाबासाहेब आंबेडकर जी के आदर्श विचारों की तोहिम है.

२. गैर अर्जदार क्र.  १,२,३ और ४ अर्थात राजरत्न आंबेडकर, चंद्रबोधी पाटील, व्ही. एस. मोखले और आसाराम नारनवरे इन्होंने स्वयं को दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया का राष्ट्रिय अध्यक्ष घोषित कर, विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना, अधिवेशन/परिषदों का आयोजन करना, और अन्य खर्चों के लिए, बौद्ध समाज से अवैध रूप से, दान के रूप में चंदा जमा किया गया है. और अब भी जमा कर रहे है. *बैंक में अवैध रुप से नये खाते भी खोले गये है.* जिस पैसों का कई सालों से, आन) ऑफ लाईन हिसाब धर्मादाय कार्यालय में कभी दिया ही नही गया. वही अलग अलग चार असंवैधानिक अध्यक्ष के रूप में, वे चारों ही पदाधिकारी / समितियां काम कर रही हो तो, *"वह अलग अलग चारो गटों के हिसाब का "एकीकरण हिसाब" देना कैसे संभव होगा? "* वही धर्मादाय विभाग भी, सोया हुआ हमे नजर आता है.

३. गैर अर्जदार क्र. १,२,३ और ४ इन सदस्यों (?) के नाम *" शेड्युल वन"* पर आने के लिए, *"चेंज रिपोर्ट "* अलग अलग सालों में दाखिल किये गये है. और वे " चेंज रिपोर्ट " आप के कार्यालयों में प्रलंबित है. *"या किसी चेंज रिपोर्ट पर hearing भी चल रही है. "* परंतु *" शेड्युल १० (दस) "* की ओर, धर्मादाय विभाग का खयाल नही है. यह बडा ही गंभिर विषय है. बौद्ध समाज के, पैसों के हिसाब के प्रति यह उदासीनता संविधानिक प्रश्न बन कर, उभर रहा है.  अत: *" उपरोक्त गैर अर्जदारों से पैसों के हिसाब की मांग कर, बैंक खातों की जाच कर, उस में जो भी पदाधिकारी दोषी पायें जाते है, उनकी सदस्यता रद्द कर, पुलिस विभाग को उन दोषियों पर, गुन्हा दाखिल करने की मांग की जाती है. अत: आप के कार्यालयों में सादर समस्त कालबाह्य चेंज रिपोर्ट को, नामंजुर किया जाए. और चालु चेंज रिपोर्ट पर निर्णय ना देकर, पहले दोषी पदाधिकारी वर्ग द्वारा किये गये, आर्थिक घोटालों की जांच की जाए.*

४. दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया की कई सालों से, सदस्यता नोंद करने की प्रक्रिया बंद है. और बौद्ध समाज में कई बालक युवा अवस्था में पदार्पण कर चुके है. जिनका उस सोसायटी का सदस्य बनना यह हक है. तथा इन पदाधिकारियों ने जिन बौद्ध समाज को सदस्य बनने सें वंचित रखा है, उन्हें सदस्य बनने का अवसर भी दिया जाए. क्यों कि, यह संघटन भारत के संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहेब ने, समस्त बौद्ध जनता के कल्याण हेतु निर्माण की है. ना कि, इन नेताओं के स्वार्थ और अहंकार हेतु...! *और वह Society Act के अधिन पंजिबध्द की गयी है.* जिस का पंजीकरण नंबर 3227/55 है. वही बाद में The Bombay Public Trust Act  के तहत भी पंजिबध्द की गयी. जिस का पंजीकरण क्र. F-982/62 (Bombay) है. और BPT Act नियम तहत बनायी गयी स्किम के अनुसार, केवल ७ ही ट्रस्टी को मान्यता दी गयी. और उसमें से केवल एक ही ट्रस्टी डॉ. पी. जी. ज्योतीकर जी जिवित है. हमारी मांग है कि, दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया का चुनाव, *"हर पाच साल में, Society Act के अधिन हो. ना कि, The Bombay Public Trust Act  के स्किम के तहत...!"* और *"कोई भी ट्रस्टी, यह तह ह्यात (मरते दम तक) तक कभी पदाधिकारी ही ना बने रहे. "* इस के लिए *" सोसायटी अॅक्ट के तहत इस संघटन में, अंतर्भुत/सुधार (Amendment) करने की मांग करते है. "*

५. अत: दि बुध्दीस्ट सोसायटी इंडिया में चुनाव प्रक्रिया करने हेतु और Society Act अंतर्गत सुधार/बदल (Amendment) करने हेतु *"दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया इस संघटन पर, प्रशासक (Administrator) बिठाने की विनंती की जाती है."* और निम्न रुप से पदों का निर्माण किया जाए. अध्यक्ष - १ पद, उपाध्यक्ष - ३ पद, महासचिव - १ पद, सचिव -३ पद, कोषाध्यक्ष - १ पद और कार्यकारिणी सदस्य - ५ पद, नामोनित सदस्य - २ पद.... *ऐसे कुल १७ सदस्यों के केंद्रीय कार्यकारिणी को मान्यता दी जाए.* वही राज्य स्तर पर, जिला - तालुका स्तरावर पर, उसी अनुपात में, शाखा का गठन का अंतर्भाव हो. *तीन सदस्यीय चुनाव समिती का गठन किया जाए.* जिस में सें एक सदस्य वकिल होना जरूरी होगा. अन्य दो सदस्य अनुभवी हो एवं उन दिनों सदस्यों में से एक सदस्य, प्रभारी सदस्य हो. जो सभी चुनाव प्रक्रिया का व्यवहार कर सके. *" यह चुनाव प्रक्रिया हेतु राष्ट्रीय, राज्य, जिला, तालुका स्तरीय अधिवेशन में, यह कार्यकारिणी गठित हो. सदस्यता यादी बनाने का दायित्व संबंधित कार्यकारिणी का होगा."* वह यादी चुनाव समिती को सादर की जाएगी. जिस पर, सदस्यों के आपत्ती हेतु नोटीस बोर्ड पर प्रकाशित की जाएगी. और अंतिम निर्णय चुनाव समिती का होगा. *सदस्य चार प्रकार के होंगे. १. देणगीदार सदस्य २. आजीवन सदस्य ३. साधारण सदस्य ४. सहयोगी सदस्य.* संबंधित हर सदस्यों के फी राशी का निर्धारण भी, बौद्ध विद्वान या बौद्ध भिख्खु के साथ, चर्चा विमर्श करते हुये लेना ही उचित होगा. "सहयोगी सदस्य" वह चुनाव में, खडा रह नहीं सकेगा. परंतु मत देने का उसे अधिकार होगा. *"चुनाव हर पाच सालों में होगा."* कुछ कारणवश हुये रिक्त पद भरने का अधिकार, संबंधित कार्यकारिणी को रहेगा. तथा दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया को दिशा देना आदी के लिए, *"९ सदस्यीय सल्लागार समिती "* का भी गठन किया जाएगा. जिस में एक व्यक्ति प्रभारी रहे. ता कि, इस संघटन को उचित मार्गदर्शन मिल सकेगा. *" उपरोक्त सभी का अंतर्भाव करने हेतु Society Act के तहत, ना कि The Bombay Public Trust Act के स्कीम के तहत... अत: दि बुध्दीस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया में, सुधार (Amendment) की मांग की जाती है."* क्यों कि, इस संघटन का निर्माण *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर साहेब ने सोसायटी अॅक्ट के तहत किया था."* महत्त्वकी बात यह कि, सोसायटी अॅक्ट के अंतर्गत सोसायटी का पंजीकरण करने पर, BPT Act का भी पंजीकरण मिल जाता है. परंतु नियम यह सोसायटी अॅक्ट के लागु होते है. ता कि, बौद्ध समुह की सोसायटी, राष्ट्र निर्माण एवं योग्य समाज निर्माण में, अपना दायित्व निभाए...!

     मै बौद्ध समाज का एक घटक के रुप में यह मांग कर रहा हु, जो मेरा अधिकार है.
     कृपया इस आवेदन पर नमुद पॅरा क्र. १ से ५ तक के पॅरा पर, जल्द से जल्द कार्यवाही करने की विनंती की जाती है.
     धन्यवाद...!

आपका,
*डॉ.  मिलिन्द पं. जीवने*
बौद्ध समाज का एक सदस्य.

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👏🏻 *समस्त बौद्ध समुह को अपिल है कि....!*
१. मेरा यह भेजा गया शिकायत पत्र, धर्मादाय विभाग को, १ दिसंबर २०१८ को मिल चुका है. इस पत्र का संदर्भ देकर, आप लोगों ने संबंधित स्वयं घोषित अध्यक्ष को या उनके किसी भी  संबंधित लोगों को, जो कोई भी राशी दी हो तो, आप के कव्हर पत्र के साथ, सदर रसिद की झेरॉक्स प्रत, मुझे एवं धर्मादाय आयुक्त को भेजे. ता कि, सही रुप में इस शिकायत पर कार्रवाई हो सके.

२. हम उन सभी असंवैधानिक स्वयं घोषित अध्यक्ष को, फिर एक बार सुधारने की संधी दे रहे है. अगर वे नहीं समजते हो तो, उन सभी अध्यक्षों के एवं उनके चमचों के विरोध में, पुलिस में, आर्थिक भ्रष्टाचार की शिकायत कर, गुन्हा दाखिल किया जाएगा. नागपुर के न्यायालय में सिविल केस दाखिल की जाएगी. ता कि, भविष्य में, यह धोकादारी कृतीया बंद हो.

३.  इस संघटन में, BPT Act के तहत राष्ट्रिय अध्यक्ष, महासचिव समान किसी पदों के नियुक्ती की, कोई भी व्यवस्था नही है. यह सभी इन लोगों की मनमानी है. जो बौद्ध समुह को गुमराह करने का, एक गैरवापर था.

४. हमे केवल डॉ. आंबेडकर साहेब ने पंजिबध्द किये गये, सोसायटी अॅक्ट के तहत संघटन का अभिप्रेत है. BPT Act के अंतर्गत बनायी स्किम को खारिज करना है, ता कि, वहा नियुक्त ट्रस्टी मरते दम तक बने रहते है. संघटन का काम सक्रिय नही दिखाई देता.

५. राजरत्न आंबेडकर का गुमराह करनेवाले वह बयान और आरोप के विरोध में, उन्हें जाहिर माफी मांगने की,  उन्हें नोटीस दी गयी है. अगर वे माफी नही मांगते तो, उनके एवं मिडिया में प्रचार करनेवाले उनके लोगों के खिलाफ, पुलिस, सायबर पुलिस में शिकायत कर, उनके खिलाफ गुन्हा दाखल किया जाएगा. एवं नागपुर न्यायालय में सिविल केस भी दायर की जानेवाली है.

६. राजरत्न आंबेडकर ने World Fellowship Buddhists Thailand (WFB) में स्वयं को राष्ट्रिय अध्यक्ष बताने की, जो गलत जानकारी दी है, उस संदर्भ में WFB को सही जानकारी भेज दी गयी है. और राजरत्न को WFB के सचिव पद से निकालने को भी कहा गया है. अगर WFB ने इस संदर्भ में उचित कार्रवाई नही की तो, International Court  में वह केस दाखल करने संदर्भ में विचार किया जाएगा. क्यों कि, यह धम्म का विषय है, जहां नैतिकता का पालन होना जरूरी है.

७. हमे आगे जाकर, इस मिशन को कानुनी तौर पर काम करने के लिए, *"नागपुर और मुंबई में अलग अलग हुशार - समर्पित आंबेडकरी - बौद्ध वकिलों की टीम बनाना है."* अत: जो भी वकिल, हमारे इस मिशन में, अपना योगदान देना चाहते है, वे हम से संपर्क करें.

* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
* अध्यक्ष, डॉ. आंबेडकर आंतरराष्ट्रीय बुध्दीस्ट मिशन
* मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

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