Wednesday, 25 September 2024

 👌 *बुध्द अस्थिकलश यात्रा यह जन मन के भावना की महाठगी है.... डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

(सौंसर म.प्र. में आयोजीत बौध्द जनसभा मे)


      सौंसर म.प्र. बुध्द विहार में आयोजित *"बुद्ध अस्थीधातु कलश यात्रा विरोध"* में जन सभा में सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *"डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* कह रहे थे कि, *"बुध्द काल में भी देवदत्त प्रवृति कार्यरत थी. परंतु वहां विजय बुध्द की ही दिखाई देती है. अत: हर काल में देवदत्त समान महाठग जन्म लेते है. महाठग नितिन गजभिये भी उसी प्रवृत्ति का प्रतिक है. हमें सत्य के साथ खडे रहना है. हमें हार मानना नहीं है. बुध्द धम्म जो भी आज खडा है, वह सत्य का एक प्रतिक है. साथ ही जो लोग उस महाठगी के साथ जुडे है, उन्हे भी इसका अहसास कराना है. वे लोग तो अंधेरे में भटक रहे है. धम्म पद ग्रंथ में कहा है कि, पाप का साथ कभी ना करे. और उस पाप का दुष्परिणाम भी हमें भोगना होता है."* उस अवसर पर सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल के *प्रा. नितीन तागडे / इंजी. गौतम हेंदरे / नंदकिशोर पाटील / नरेंद्र पाटील / अनिरुद्ध दुफारे* उपस्थित थे.

      आगे डॉ मिलिन्द जीवने कहते है कि, *"बुद्ध अस्थीधातु कलश यात्रा यह जन मन के सच्चे भावना की महाठगी है. इस संदर्भ में नागपुर पुलिस में शिकायत दर्ज की गयी है. शासन को पत्र लिखा गया है. अगर उस महायात्रा (?) कुछ अविघटीत कार्य होता हो तो, पुलिस और शासन ही इसका जिम्मेदार होगा. आप लोगों ने भी पुलिस और शासन से इसकी शिकायत करे. हमें संविधानीक रुप से इसका विरोध करना होगा. वही श्रीलंका के पुरातत्त्व विभाग ने कही भी, वह अस्थी धातु यें बुद्ध / सारीपुत्त - मोग्गलान इनकी होने का, कही भी जिक्र नहीं है. यह यात्रा तो जनता की भावना से खिलवाड कर, दान रूप में पैसा कमाने का माध्यम है."* उस अवसर पर वर्षा होने के बाद भी, बुद्ध विहार में लोगों की अच्छी खासी उपस्थिती रही.

No comments:

Post a Comment