👌 *दीक्षाभूमी भुमिगत पार्किंग के विरोध में, बगैर किसी नेतृत्व में लाखो का जन सैलाब दीक्षाभूमी पर उमडा..!* (दीक्षाभूमी भुमिगत बांधकाम को महाराष्ट्र शासन / स्मारक समिती की बांधकाम स्थगिती की घोषणा...!)
दीक्षाभूमी भुमिगत पार्किंग के संदर्भ में, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्होने, अपने टीम के इंजी गौतम हेंदरे / शंकरराव ढेंगरे / डॉ. मनिषा घोष / डॉ. भारती लांजेवार इनके साथ २३ सितंबर २०२४ को, दीक्षाभूमी जाकर भुमिगत पार्किंग की जाणकारी, आम जनता को दी. उसके बाद में उस भुमिगत बांधकाम के विरोध मेंं, आवाज तेज हो गयी. १ जुलै २०२४ को लाखों का जन सैलाब, दीक्षाभूमी पर उपस्थित हुआ. सदर जन सैलाब के शक्ति के सामने, दीक्षाभूमी स्मारक समिती तथा महाराष्ट्र शासन ने, पिछे हटते हुये दीक्षाभूमी भुमिगत बांधकाम को स्थगिती दी. वह घोषणा स्मारक समिती के *डॉ . राजेंद्र गवई / प्रा. डॉ. सुधीर फुलझेले / विलास गजघाटे / प्रा. प्रदिप आगलावे / सुटे* इन्होने की. साथ ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री *देवेंद्र फडणवीस* इन्होने भी यह घोषणा की. यह किसी नेता की जीत नहीं है. यह जन सैलाब की जीत है. सदर घोषणा के बाद खुशी से उठे कुछ जन सैलाब ने, बांधकाम जगह के सामुग्री को जलाकर, अपने खुशी का इजहार किया. उस अवसर पर सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल की टीम राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इतके साथ *इंजी. गौतम हेंदरे / प्रा. नितीन तागडे / डॉ राजेश नंदेश्वर / मिलिन्द धनवीज / नंदकिशोर पाटील / दिगांबर डोंगरे / डॉ मनिषा घोष / डॉ. भारती लांजेवार / करुणा रामटेके / सुरेखा खंडारे / रेशमा सहारे* आदी बहुत सारे पदाधिकारी उपस्थित थे.
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