🇮🇳 *२५ जुन को संविधान हत्या दिन घोषणा बनाम चैत्र शुक्ल अष्टमी को चक्रवर्ती सम्राट अशोक जयंती दिन ये शासन स्तर पर मनाने तथा उस दिन पर अवकाश घोषित करने की सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल की मांग...!*
*डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७
राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
एक्स व्हिजिटिंग प्रोफेसर, डॉ बी आर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ महु म प्र
मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२
.दिनांक १२ जुलै २०२४. *"वर्तमान भारत सरकार"* द्वारा, किसी भी संघटन ने बगैर किसी मांग किये बिना, भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री *प्रियदर्शनी - इंदिरा गांधी सरकार* के अनुरोध पर, तत्कालीन राष्ट्रपती - *मा. फकरुद्दीन अली अहमद* जी इन्होने, *"भारत के संविधान"* की धारा (अनुच्छेद) ३३५ अंतर्गत, दिनांक २५ जुन १९७५ को, *"आपात काल"* (Emergency) लादने पर, वह काला दिन *"संविधान हत्या दिन"* मनाने (?) का, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा घोषित किया गया और भारत शासन द्वारा वह परिपत्रक भी निकाला गया है. इंदिरा गांधी ने लादी गयी *दिनांक २५ जुन १९७५* की वह इमरजंसी तथा राजकिय नेताओं को भेजा गया जेल, इसका समर्थन *"भारत के लोकतंत्र"* में, कभी नहीं किया जा सकता. परंतु भाजपा दल नेता *नरेंद्र दा. मोदी काल* में, बिना राष्ट्रपति के अधिसुचना से, *"लादा गया अघोषित आपात काल"* (Undeclared Emergency) को, हम क्या कहे ? इसे क्या हम *"संविधान बलात्कार दिन"* कहे ? यह भी प्रश्न है. आपात काल में जेल में गये नेताओं को, सन्मानित कराकर, हम क्या संदेश देना चाहते है ? *"गुजरा हुआ वो पल हो या इतिहास, हमें कुछ नयी सिख दे जाता है."* और उस बुरे दिन को दोहराना या *"संविधान हत्या दिन"* घोषित करना, कदापी उचित नहीं है. वह दु:खद स्मृतियां या यादें, *"इतिहास में दफन"* होना जरुरी है.
"सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल" (CRPC) इस राष्ट्रिय संंघटन द्वारा, पिछले दस सालों से, प्राचिन अखंड भारत का महान *चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य* इनका जन्म दिन -:*"चैत्र शुक्ल अष्टमी दिन"* को, *"शासन स्तर"* पर मनाना / तथा उस दिन पर *"सरकारी अवकाश"* घोषित करने की, भारत शासन से मांग की गयी थी. और उस संदर्भ में संघटन द्वारा, शासन को निवेदन भी दिया गया. भारत सरकार द्वारा सन २०१८ को, हमारे CRPC संघटन को उत्तर आया कि, *"शासन स्तर पर छुट्टीयों में बढोत्तरी करने का, अब कोई प्रस्ताव नहीं है. और हमारा निवेदन सांस्कृतिक मंत्रालय को भेज दिया है."* यहां सवाल, कोई साधारण व्यक्ती की या किसी नेता की जयंती मनाने का नहीं है. *"भारत की राजमुद्रा"* तथा भारत के तिरंगा पर, जिस *"सम्राट का चक्र"* विराजित है, और जिस की जमिन पर, अब भारत का शासन किया जा रहा है, उस *"चक्रवर्ती सम्राट अशोक जयंती"* का है. यहां आज कितनी सारी जयंती, शासन स्तर पर मनायी जाती है, और सरकारी छुट्टीयां घोषित होती है, हमें उन तमाम महा योगदान की तुलना, *चक्रवर्ती सम्राट अशोक* के कार्यकाल से करना, अब बहुत जरुरी हो गया है. भारत की गायिका *लता मंगेशकर* इनके मृत्यू पर भी, सरकारी अवकाश दिया गया था. *क्या चक्रवर्ती सम्राट अशोक का कार्यकाल को, कभी भुला जा सकते हैं ? क्या यह अहसान फरामोशता नहीं है ?"* अत: शासन में बैठे हुये उन अधिकारी वर्ग के, वैचारिक पात्रता को देखना होगा. जो इस तरह के पत्र को उत्तर देते है.
चक्रवर्ती सम्राट अशोक जयंती *"चैत्र शुक्ल अष्टमी"* को, शासन स्तर पर *मनाने* हेतु / उस दिन *"सरकारी अवकाश घोषित"* करने के इस उदात्त भाव में, *"कांग्रेस हो या, भाजपा दल हो या, अन्य कोई दल"* हो, वह कितना सहभाग लेते है, यह आज उन तमाम *"राजकिय दलो की परिक्षा"* है. और आम जनता को अनुरोध है कि, *"आनेवाले अगले चुनाव"* में उन तमाम दलों को, इसका उत्तर मांगे. मुझे बडा गर्व है कि, *"मेरी CRPC संघटन"* द्वारा, आज से २५ साल पहले *"भारत में सबसे पहले, चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती मनाने का श्रेय हमें मिला है."* भारत के तमाम आवाम को, हम आवाहन करते है कि, वे भी *"चैत्र शुक्ल अष्टमी"* इस दिन को, *"चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती"* मनाये. जय भीम ...!!!
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▪️ *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
नागपुर, दिनांक १२ जुलै २०२४
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