Saturday, 30 March 2024

 🌹 *निसर्ग के बुद्ध सत्य को...!*

      *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

      मो. न. 937098438


मेरे अपने बगीचे - परिसर में

भोजन पाव ही घुमाता हुं

जीवन का कष्ट सत्य

अनुभव करना चाहता हूँ...

बागीचे की वृक्ष क्षुप वल्ली को

पानी की सिंचन धारा से

रोज नहाते रहते हो...

बगीचें के विभिन्न क्षुप वल्ली के

रंगीन बिरंगी फुलों से - सुगंधो से

भैंसां - भंवर के समान ही

सत्य प्रेम की अनुभूति में

प्रेम रिवेरा के शब्द शिल्प रचकर

उन अटुट मैत्री से 

मेरे अपने जीवन को

रंग बदलना चाहता हूँ...

रगनिस के पावन सत्य पर

मेरे अपने मन के भावों को

पुर्नतः ढीलाना चाहता हूँ...

रोज मेरे बगीचे के बुद्ध को

ज़मीन पर गिरें फुल अर्पण कर

मेरी अपनी प्रतिबधता को

जीवन में अमल करने का

प्रयास करते रहो...

रग्नीस के बुद्ध सत्य को

मैं जानना चाहता हूँ

मैं जानना चाहता हूँ

मैं जानना चाहता हूँ...!!!


********************

नागपुर, दिनांक 29 मार्च 2024

No comments:

Post a Comment