Wednesday, 6 September 2023

 👌 *बुध्द पथ...!!!*

       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य*

       मो. न. ९३७०९८४१३८


मन‌ के मंदिर में

तुम स्वयं को 

खोजते रहते हो

सत्य - प्रेम - मैत्री - बंधुता

अहिंसा - करुणा भाव का

बुध्द पथ...!

और तुम स्वयं को

उससे बहुत दुर पाते हो

असत्य - मक्कारी - धोका 

इन अमुल्यों के सहारे

बडा भी होना चाहते हो

पर निद्रा नाश...?

वही पिछे लौटने की ईच्छा

आज तुम याद करते हो

किनारा नही दिखाई देता 

ना ही हिम्मत होती है

अब तुम स्वयं उस ओर बढो

सत्य पथ...! बुध्द पथ...!!!


* * * * * * * * * * * * *

नागपुर, दिनांक ६ /०९/ २०२३

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