👌 *दीक्षाभुमी की धम्म देसना (?) : इंजी. पी. एस. खोब्रागडे से लेकर फिल्मी नाचा - गगन मलिक तक ...!*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर १७
राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
मो. न. ९३७०९८४१३८ / ९२२५२२६९२२
अब हमारा धम्म क्षेत्र भी व्यवसाय का और राजनीति का एक केंद्र हो गया है. वही हमारे राजकिय नेता अपनी राजनीति का मंच छोडकर, *"धम्म पीठ"* पर आना, *"क्या हम इसे अच्छा संकेत माने या धम्म के पावन क्षेत्र मे, राजनीति के गंधेपण का शिरकाव ?"* यह तो वक्त ही बतायेगा. मैने जितनी भी जागतिक एवं राष्ट्रिय स्तर पर धम्म परिषद ली है, *किसी भी राजनेता को मंच पर स्थान नही दिया.* जब मैने सन २००६ में, "पहिली जागतिक बौध्द परिषद" ली थी, तब रिपब्लीकन नेता *रा. सु. गवई साहेब* का मुझे फोन था. तब मैने उन्हे परिषद में आप का स्वागत है, परंतु मै आप को *"धम्म पीठ"* पर, निमंत्रीत नही कर पाऊंगा, यह स्पष्ट कहां था. सदर परिषद में *"रिपब्लीकन स्टुडंट फेडरेशन"* के राष्ट्रिय अध्यक्ष *प्रा. अशोक गोडघाटे जी"* इन्होने उपस्थित रहकर, व्ही. आय. पी. लाईन में बैठकर, सदर परिषद में उपस्थित वक्ताओं के भाषण सुने. *प्रा. गोडघाटे सर के इस नैतिकता* की, हमे निश्चित रुप से सराहना करनी चाहिये.
आज की मिडिया में, हमारे मित्र *इंजी. पी. एस. खोब्रागडे* इनकी, "गगन मलिक फाऊंडेशन" द्वारा दीक्षाभूमी नागपुर पर ७ अप्रेल २०२२ को आयोजित, *"धम्म देसना"* की वह पत्र परिषद की वार्ता पढी है. वैसे *इंजी.पी. एस. खोब्रागडे* यह *"मेरे द्वारा"* आयोजित *"जागतिक बौध्द परिषद"* में जुडे हुये थे. और वे मुझे कहते भी रहे कि, *"सर, आप धम्म क्षेत्र में आज हमारे सब से वरिष्ठ हो."* प्रा. खोब्रागडे ने मुझे वर्धा रोड, ऊरुवेला कोलोनी का *"डॉ. आंबेडकर सभागृह"* हर धम्म परिषद में, वह मुफ्त में उपलब्ध भी करा दिया है. इस के साथ ही, भारत सरकार के रेल्वे मंत्रालय मे सचिव पद पर कार्यरत एवं मेरे परम मित्र *इंजी. विजय मेश्राम* इन्होने कई बार *"दि बुध्दा और उसका धम्म"* यह किताबें मुफ्त में, उपलब्ध करायी है. मेरे कार्यक्रम के लिए, सिव्हिल लाईन्स का *"रेल्वे सभागृह "* भी उपलब्ध कराया है. परंतु मुझे दु:ख तब हुआ तब की, इंजी. खोब्रागडे इन्होने *महाठग - नितिन गजभिये* के साथ मिलकर, वे धम्म कार्य कर रहे है. धम्म देसना की न्युज पढकर, बहुत से लोगों के मुझे फोन आये. किसी का बडा आक्रोश था कि, ड्युटी समय में इंजी. खोब्रागडे के वो एक *"गंभिर केस"* उजागर करे. और बहुत कुछ कहा गया. मेरा उनको उत्तर था कि, कोई भी व्यक्ति आज *"पुर्णत: चारित्र संपन्न"* नही होता. परंतु उस चारित्र पालन का जादा से जादा अनुपालन करे...! *महाठग - नितिन गजभिये* इस से बहुत परे है. और *गगन मलिक* यह परदे के पिछे का सुत्रधार...!
इंजी.पी. एस.खोब्रागडे इन्होने अब *"ओखली सर डाला हो तो, उन्हे तो वह भोगना ही पडेगा...!"* उन्हे आंबेडकरी जनता को अब यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि, *"नितिन गजभिये यह महाठग नही है. वो बहुत ही चारित्रवान / लफडे से अलिप्त / प्रामाणिक / धम्म का बडा निष्ठावान व्यक्ति है."* इसके साथ ही, इंजी. खोब्रागडे को जनता के सामने, यह भी स्पष्ट बताना होगा कि, गगन मलिक / महाठग नितिन गजभिये यह जोडी, *"३ फुट की बुध्द की मेटल मुर्ती रु. ४०,०००/- और ६ फुट की मेटल मुर्ती रु. ७०,०००/-"* यह सौदागिरी नही कर रहे है, उस में उसमें कोई *"हेराफेरी"* नही है. और सामाजिक दायित्व पेश करे. कस्टम के खर्च चार्ज / मुंबई से नागपुर का ट्रांसपोर्ट खर्च / जी.एस. टी. / अन्य आदी के *"सभी के सभी खर्च के बिल"*, समस्त *"आंबेडकरी जनता"* के सामने खुले मन से पेश करे. *महाठग - नितिन गजभिये* इसने महाराष्ट्र शासन के साथ, दो करोड / चवदा लाख नव्वद हजार यह *"धोकादारी"* नही की है. प्लॉट बेचने में, नितिन गजभिये यह बहुत चारित्रवान व्यक्ति है...? वो बहुत ही अच्छा इंसान है. *गगन मलिक* का इस अनैतिक व्यवहार में, कोई भी संबंध नही है...!
अंत में, अगर इंजी. पी. एस. खोब्रागडे की यह वकालत *"धम्म देसना"* में उपस्थित होने वाले, हमारे मित्र डॉ. नितिन राऊत / भीमराव आंबेडकर / भदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई / भदंत ग्यानज्योती महाथेरो / भदंत महापंथ / भदंत सत्यजीत / कांग्रेस चे नाना पटोले / रिपब्लीकन नेते - एड. सुलेखा कुंभारे / प्रा. जोगेंद्र कवाडे / राजेंद्र गवई / आंबेडकरी परिवार - आनंदराज आंबेडकर आदी सभी मान्यवर उपस्थित होने के कारण - अगर कल उन संबधीत विभागों की ओर से, यह निर्णय आया कि, *"नितिन गजभिये यह महाठग है."*, तब वे सभी के साथी यह कभी नही कह नही सकते है कि, *"उन्हे यह विषय तो बिलकुल मालुम नही था."* क्यौं कि, वह पोष्ट मिडिया में प्रकाशित हो चुकी है. अब तो केवल ७ अप्रेल २०२२ को, सुबह ११ बजे का इंतज़ार है. क्या आंबेडकरवादी इसको बडा झटका देंगे ? जय भीम...!
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(नागपुर, दिनांक ३१ मार्च २०२२)
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