✍️ *गगन मलिक-फिल्मी नाचा की धम्म यात्रा बनाम महाठग नितिन गजभिये के ५० - ६० करोड की हेराफेरी ...?*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर १७
राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
मो. न.९३७०९८४१३८ / ९२२५२२६९२२
शिवली बोधी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के डायरेक्टर एवं माता अहिल्याबाई होळकर बहुद्देशीय संस्था के सर्वेसर्वा, धम्म के नाम पर बडी ठगी करनेवाला *महाठग - नितिन गजभिये* इन्होने सिहोरा, कन्हान के पास, नागपुर में, गाव के लोगों की भी जमिन की अपने नाम *"पॉवर ऑफ एटर्नी"* करते हुयें, वहां हजारों प्लॉट बनाकर, *पांच लाख ते सात लाखं रूपये किंमत* में बेचकर, लोगों को ना तो रजिस्ट्री कराकर दी, ना ही मुळ खेती मालिकों को, उनके खेती की किंमत अदा की. वह हेराफेरी *लगभग ५० - ६० करोड रूपये* की है. वही उसी जगह, एक ही जमिन पर *"बुध्दा इंटरनेशनल स्कुल"* ये खोलने के नाम पर, महाराष्ट्र सरकार के *"स्टैंप (मुद्रांक) विभाग"* को १४ लाख ९० हजार रूपयों की चपत दी. फिर उसी जगह *"सामाजिक न्याय विभाग"* से, ०२ करोड रुपये "डॉ. आंबेडकर विपश्यना केंद्र" खोलने के नाम लेकर, *महाराष्ट्र सरकार को बडी ही धोकादारी* दी है. और उस पर कारवाई अंतिम स्तर पर है. और फिल्मी नाचा *गगन मलिक* उस संस्था का एकमेव *"उपाध्यक्ष"* है. इसके साथ ही *"विदेशों से मुफ्त आने वाली बुध्द के मुर्ती"* को कस्टम ड्युटी / ट्रांसपोर्ट / जी.एस.टी. के नाम पर, *"३ फुट की मेटल बुध्द मुर्ती रु.४०,०००/- और ६ फुट की बुध्द मुर्ती रू. ७०,०००/-"* बेचने का व्यवसाय पिछले ५ - ६ साल सें, बहुत जोर शोर सें चल रहा है. क्या *फिल्मी नाचा - गगन मलिक* बुध्दमुर्ती आने की दिनांक / कितनी और कौन से आकार की मुर्ती / लगे हुये खर्चों के बिल / हिशोब, समस्त जनता के सामने खुले करेगा ? यह प्रश्न है.
फिल्मी नाचा - *गगन मलिक* द्वारा कुछ महिनों पहले, थायलंड में *"बौध्द श्रमण की दीक्षा"* लेकर *"श्रमण अशोक"* के नाम पर, वह पोष्ट विभिन्न मिडिया में डालकर, अच्छी खासी प्रसिध्दी पायी है. और उसके पहले उपरोक्त पैरा के हेराफेरी प्रकरण पर, शासन स्तर पर जांच चल रही है. अब प्रसिध्दी पाने का दुसरा माध्यम *"धम्म यात्रा"* इसके साथ साथ *"धम्म देसना"* कार्यक्रम जाहिर दिखाई देता है. गगन मलिक ने मुंबई के *"चैत्यभूमी"* से लेकर, नागपुर के पावन *"दीक्षाभूमी"* तक *"धम्म यात्रा"* निकालनी पोष्ट, मिडिया मे व्हायरल हुयी है. और *"औरंगाबाद शहर में ३ अप्रेल २०२२ को"* सायं ७.०० बजे, यशवंतराव चव्हान सभागृह में, एक *"जाहिर कार्यक्रम"* का आयोजन है. वही *"नागपुर शहर में"* दिनांक ७ अप्रेल २०२२ को, सुबह ११.०० बजे *"धम्म देसना"* कार्यक्रम का आयोजन है. और उस धार्मिक कार्यक्रम में, *"राजकिय नेताओं"* को निमंत्रीत करना, क्या उन राजकिय नेताओं को खुश कराकर, उपरोक्त हेराफेरी को, थंडा बस्ते में डालने का, महा नाचा *गगन मलिक - श्रमण अशोक / महाठग - नितिन गजभिये का कोई बडा षडयंत्र"* तो नही है ? यह बडा प्रश्न है. फिर नागपुर के पावन *"दीक्षाभूमी"* से लेकर *"बुध्दगया"* तक दुसरे टप्पे की *"धम्म यात्रा"* कार्यक्रम को, हमें किस नज़रों से देखें ? यह भी प्रश्न है.
*फिल्मी नाचा - गगन मलिक / महाठग नितिन गजभिये* द्वारा *५० - ६० करोड की बडी हेराफेरी* करने के कारण, उपरोक्त बडा हेराफेरी षडयंत्र छुपाना तथा *गगन मलिक* को *"बुध्द श्रमण"* बताकर, बौध्द लोगों का गगन को *"बडा समर्थन"* है, यह जताकर *"बौध्द धर्म का घटक"* उसे बताकर, अगर *गगन मलिक* यह कल "महाराष्ट्र विधान परिषद" पर *"विधायक"* या भारत की संसद मे *"राज्यसभा सांसद"* बन गया तो, कोई अतिशयोक्ती नहीं होगी. बसं हम इतना ही कह देंगे, *"अरे, चिडिया चुब गयी खे़त...!"* महत्वपुर्ण विषय यह कि, गगन मलिक यह कभी हमारा घटक कभी था ही नही...! जो भी हमारे आंबेडकरी साथी गगन मलिक के साथ जुडे है, उन्हे यह षडयंत्र समझना बहुत जरूरी है. आप सभी आंबेडकरी साथी, बडे विचारशील हो. बसं, इस पर एक बार विचार करे...! जय भीम.
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(नागपुर, दिनांक १ अप्रेल २०२२ )
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