🌳 *पिप्पल की छाया में...!*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
मो. न. ९३७०९८४१३८
सुगत दुनिया का एक ही नारा हो
पिप्पल की छाया में बुध्द राज है...
मुस्कुराना युं ही ये ना सच्चा हो
मन में कोई कटुता भरी होती है
ना जला करो युं किसी पर भी
यह दर्द भी तुम्हे कर्म का होगा...
सच्चा मन शांती का रुप रहा हो
जीवन आनंद वही बसा होता है
हमे तो बस बुध्द पथ पर जाना है
वो शांती की मिसाल बन गयी हो...
सत्य अहिंसा का मार्ग शुध्द हो
ये प्रेम मैत्री करुणा का आधार है
हम तो निकल पडे बुध्द पथ पर
हाथ से हाथ ले आगे चला करो...
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नागपुर, दिनांक २६ अगस्त २०२३
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