👌 *बुध्द का दामन...!*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
मो. न. ९३७०९८४१३८
शांती का नारा जोडे चलो
बुध्द का दामन थामे चलो...
द्वेष चिंगारी ना जला करो
यें तुफानों से ना लढा करो
अंतर दुश्मनी बढ चली तो
स्व: वजुद को ना मिटा चलो...
गिले शिकवे नां बना करो
प्रेम मैत्री बंधन जोडे चलो
ये नग्न धिंड से क्या मिला
बंधुता भाव को जोडा करो...
ये गुलाब मन के संग चलो
भारत भु पर सच्चा प्रेम करो
यह आझादी युं ही ना मिली
वो कुर्बानी को तुम याद करो...
* * * * * * * * * * * * * * *
स्वतंत्र दिन की याद में...!
नागपुर, दिनांक १२ अगस्त २०२३
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