Sunday, 30 July 2023

 ✒️ *सर्वोच्च न्यायालय के इडी प्रकरण से लेकर इंडिया / भारत नाम विवाद तक राजनीति का खुला नंगापण...!* राहुल गांधी से लेकर नरेंद्र मोदी तक हिंदुस्तान देश (अस्तित्वहिन देश) के अनैतिक शहनशाह.

   *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर १७

राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी. आर. पी. सी.)

मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२


      भाजपाई *नरेंद्र मोदी सरकार* ने, ED के निदेशक *संजय मिश्रा* को, आनेवाले अक्तूबर २०२३ तक, वो बने रहने के लिए, *मा. सर्वोच्च न्यायालय* में, एक पुनर्याचिका दायर की थी. भारत के जादातर आवाम, वह पुनर्याचिका नामंजूर होने की, बडी ही आस लगा बैठा था. क्यौं कि, मा. सर्वोच्च न्यायालय ने इसके पहले *संजय मिश्रा की नियुक्ति अवैध मानी थी.* वह पुनर्याचिका दोबारा *जस्टीस भुषण गवई, जस्टीस विक्रम नाथ, जस्टीस संजय करोल* पीठ के सामने सुनवायी आयी थी, तब जस्टीस गवई ने, भारत सरकार के *मा. सालीसिटर जनरल* (SG) से पुछा कि, *"क्या इडी इस विभाग में, संजय मिश्रा को छोडकर, एक भी काबिल अफसर नही है ?"* यह प्रश्न ही भारत की इमेज को बहुत बडा धक्का दे गया. फिर भारत के SG ने, *"फायनांसिएल एक्शन‌ टास्क फोर्स"* (FATF) के आर्थिक समिक्षा का मुद्दा उठाकर, *संजय मिश्रा* की आवश्यकता जिक्र किया. आखिर मा. सर्वोच्च न्यायालय के जस्टीस भुषण गवई के पीठ ने, भारत सरकार को अक्तूबर २०२३ तक समय ना देते हुये, *१५ सितंबर २०२३ तक का अंतिम समय निर्णय देने से,* तथा *नरेंद्र मोदी सरकार के हिन लाचारीपण* से, वह याचिका बडा चर्चा का विषय बनी है.

      *"सत्ता सरकार हो या, विपक्षी‌ दल के नेता लोग"* हो, वे किसी ना किसी भ्रष्टाचार प्रकरण में, लिप्त नजर आते है. इसके पहले के किसी भी राजकिय दल ने, *"इंकम टैक्स (I) / सी.बी.आय. (C) / इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (E) अर्थात ICE"* (आईस) का, उतना दुपयोग नही किया था, जीतना *"नरेंद्र मोदी सरकार* ने किया है. सरकारी कंपनियों को पुंजीवादी को, कवडी के दाम में बेच दिया है. दुसरे अर्थो में कहे तो, *"सरकारीकरण का खाजगीकरण किया है."* बेकारी एवं गरिबी बढती जा रही है. महंगाई आसमान छु रही है. पुंजीवादी व्यवस्था नायक नरेंद्र मोदी सरकार ने, पुंजीवाद को बढावा देना, *"अंबानी - अदानी के साथ बिझनेस में भागीदारी"* की बडी चर्चा, जहां वहां कही जाती है. और *"आईस - ICE"* का सिकंजा केवल *"विपक्षी दल नेताओं"* पर कसा जाता है. सत्ता दल में, विपक्षी नेताओं के आने पर, आईस का सिकंजा ढीला हो जाता है. अत: *नरेंद्र मोदी सरकार"* ने, ED निदेशक *संजय मिश्रा* को, सर्वोच्च न्यायालय में केवल *"फायनासिएल एक्शन टास्क फोर्स"* (FATF) के कारण ही बचाया हो तो, अन्य *"विरोधी नेता भ्रष्टाचार प्रकरण"* पर, नरेंद्र मोदी सरकार कार्यवाही करती हो तो,   वह विरोधी नेता भ्रष्टाचार प्रकरण, सर्वोच्च न्यायालय मे जाएं तो, वह अतिययोक्ति नही होगी. और ED प्रकरण पर प्रश्नचिन्ह लग सकते है. क्यौ कि, *"इडी डायरेक्टर संजय मिश्रा की नियुक्ति ही अवैध है."*

      *"२६ विरोधी दल आघाडी"* की एक बैठक पटना (बिहार) के बाद, दुसरी बैठक बंगलुरु (कर्नाटक) में आघाडी का नाम,  *"इंडियन नैशनल डेव्हलोपमेंटल इनक्लुसिव्ह एलायंस"* (I.N.D.I.A.) होना, वही उसी दिन *"३८ सत्ता दलों केे आघाडी"* (NDA) की पहिली बैठक नयी दिल्ली होकर, एड.डी.ए. का नया नामकरण, *"न्यु इंडिया डेव्हलप नैशन एस्पिरेशन ऑफ पिपल ऑफ इंडिया"* करना, यह युं ही नही है. दोनो भी आघाडी दलों की बैठक, यह *"पंचतारांकीत होटल संस्कृति"* का परिपाक तो है, वही *"इंडिया"* यह शब्द, राजनीति में घुमते नजर आता है. अब सवाल इन दोनो ही दलों का है कि, *"इंडिया - भारत राष्ट्रवाद के बढावा में, उनका योगदान क्या है ?"* किसी भी राजकिय दलों ने, सत्ता पर सवार होने पर, *"नां ही भारत राष्ट्रवाद मंत्रालय एवं संचालनालय की स्थापना की, ना ही बजेट में कोई प्रावधान."* जब कि, भारत संविधान की धारा 1 में , हमारे देश का नाम - *"इंडिया, दैट इज भारत शाल बी युनियन आफ स्टेट"* यह स्पष्टत: लिखा है. अर्थात भारत यह *"संघ राज्य"* है. *"एकल राज्य"* नही है. सभी राज्य यह सार्वभौम राज्य है. विरोधी दल आघाडी का *"इंडिया"* खौफ ने, राजस्थान के सांसद महोदय द्वारा *"इंडिया शब्द यह संविधान से हटाने के लिए, लोकसभा में प्रस्ताव करना, इसे हम क्या कहे ? उनका कहना है कि, इंडिया नाम अंग्रेज गुलामी का प्रतिक है."* भारत गुलामी का इतिहास, उस सांसद महोदय को पता ही नही है. चक्रवर्ती सम्राट अशोक का *"अखंड भारत"* यह भारत / पाकिस्तान / बांगला देश / अफगानीस्तान / तिब्बत / नेपाल / म्यानमार / श्रीलंका मिलाकर देश रहा था. तब भारत *"विकास भारत / समृध्द भारत"* हुआ करता था. बामनी सेनापती *पुष्यमित्र शृंग* ने चक्रवर्ती सम्राट ब्रहद्रथ की हत्या कर / अखंड भारत को खंड खंड कराकर, भारत गुलामी के बीज बोये है. वही *राहुल गांधी से लेकर नरेंद्र मोदी* तक नेता लोग, संविधानिक नाम *"इंडिया / भारत"* के बदले *"हिंदुस्तान"* > हिंदु + स्तान > हिनदु + स्तान > हिनदु = हिन + दु > हिन = निच, दु = प्रजा, लोग > हिंदु = निच लोग > *हिंदुस्तान = निच लोगों का देश"* कहते हुये, हमारे देश की तोहिम करते है. निश्चित ही यह राजकिय लोग निच है, *"वेश्या"* है. अर्थात यह मेरा वचन नही है.  कांग्रेसी पितामह *मोहनदास गांधी* / संघवाद के *के. सुदर्शन* / भारत के राजनीतिकार (?) *भर्तुहरी* इन्होने ही, *"भारतीय राजनीति को वेश्यालय कहा है."*

     *डॉ. मनमोहन सिंह* सरकार - कांग्रेसी सत्ता काल में, नयी दिल्ली में *"संघ लोक सेवा आयोग"* में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी, मेरे मित्र को मिलने चला गया. उनके साथ बहुत से विषयों पर, हमारी अच्छी चर्चा भी हुयी. जब भारत के संविधान पर चर्चा हुयी, तब उस मेरे मित्र ने, दस मिनट के ही दुरी पर, कस्तुरबा गांधी मार्ग पर, *"संविधान सभा"* होने की बात कही. तब आकाशवाणी के अधिकारी, मेरे अच्छे मित्र *अमर रामटेके* के साथ, वह वास्तु देखने मै चला गया. देखा कि, उस जगह की *"संविधान सभा"* यह *"हेरीटेज वास्तु,"* कांग्रेस सरकार ने ढहाकर, उस जगह *"आफिसर्स क्लब"* बनाया था. जहां दारु की पार्टीया हुआ करती है. तब मैने तत्कालिन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को, उस जगह *"डा. आंबेडकर आंतरराष्ट्रिय कांस्टीटयूशन एंड लॉ अकादमी"* स्थापन करने के लिए, एक निवेदन दिया था. परंतु उस निवेदन की दखल नही ली गयी. बाद में प्रधानमंत्री *नरेंद्र मोदी सरकार* ने, वह वास्तु भी पुरी तरह ढहाने की, चर्चा सुनने में आयी है. कांग्रेस को आर्थिक मजबुती प्रदान करनेवाले, पुराने तत्कालिन कांग्रेस अध्यक्ष और मागास वर्ग के *सिताराम केसरी* को, कांग्रेस नेताओं ने, मिटिंग से उठाकर बेइज्जत किया हुआ था. कांग्रेस को उस का बुरा फल मिल ही गया. *"जो कोई मान्यवर, आप को बडा करता है,  उन को बेइज्जत करने का बुरा फल, कभी तभी आप को भोगना होता है."* अब सभी दलों को यह सोचना होगा कि, *"भारत राष्ट्रवाद मंत्रालय एवं संचालनालय"* स्थापन करने के प्रति, क्या आप वचनबध्द है ? *"हिंदुस्तान "* का उल्लेख करना, यह जगण्य अपराध है. क्या यह बिल लाया जाएगा ? *" जन गन मन अधिनायक जय है, भारत भाग्य विधाता"* यह अंग्रेज राजा के गुणगान, यह राष्ट्रगाण क्या बदला जाएगा ? *"वंदे मातरम्"* यह गीत, भारत माता का गुणगान नही है. यह दुर्गा देवी के सुंदरता का, महिमा गीत है. क्या वह हटाया जाएगा ? भारत के आर्थिक बजेट में, बेकारी / गरीबी दुर कराने का लक्ष रखने का प्रयास  होगा ? *खेती - उद्दोग - मंदिर, क्या इसका राष्ट्रीयकरण होगा ?* इन सारो प्रश्नों के जबाब मे....!!!


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* *डा. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर १७

राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी.आर.पी.सी.)

मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

नागपुर, दिनांक ३० जुलै २०२३

Friday, 28 July 2023

 🌾 *हे मोगरा गंधाचा...!*

       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर

        मो.न. ९३७०९८४१३८


हे मोगरा गंधाचा आसमंत हा निळा होवु दे

बुध्द पथाचे गुलाब मन ह्या जगात वसु दे...


दु:ख‌ वेदना वेलीला सुखाची भावना कळु दे

खोट्यांच्या जगाला सत्याचा प्रकाश मिळु दे

अज्ञानी ह्या मनाला सृष्टीची दृष्टी ही कळु दे

सत्याच्या मार्गाने निसर्ग चक्र जगी फिरु दे...


हे झोपलेल्या माणसाला आता जागे करू दे

ही वै-याची रात्र आहे हा त्यांना बोध होवु दे

दगा चोरी खुप झाली आता तरी बंद होवु दे

उद्याचा सुर्य हा आपल्या हक्काचा असु दे...


तुटलेल्या जीवाला आता आम्हा धीर देवु दे

माणसाला माणुसकीची रे खरी जाण होवु दे

तुफान वादळा रोकण्याची ही शक्ती मिळु दे

प्रेम मैत्री करुणेचा रे पंचशील रंग फुलवु दे...


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नागपूर, दिनांक २३ जुलै २०२३

Wednesday, 26 July 2023

Adv. Archana Meshram / Adv. Sanjay Gajbhiye posted on CRPC Vidarbha Region

 🤝 *एड.‌ अर्चना मेश्राम / एड. संजय गजभिये की सिव्हिल राईट्स  प्रोटेक्शन सेल - विदर्भ सचिव पद पर नियुक्ती.*


      सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी. आर. पी. सी.) *वुमन विंग* के "विदर्भ सचिव" पद पर *एड. अर्चना सहादेव मेश्राम*  इनकी नियुक्ति तथा तथा मेन‌ विंग के "विदर्भ सचिव" पद पर *एड. संजय एम. गजभीये* इनकी नियुक्ति सी. आर‌. पी. सी. महाराष्ट्र प्रदेश सचिव *एड. विष्णु पानतावणे* इनकी शिफारस पर, सीआरपीसी के राष्ट्रिय सचिव आयु. *एन. पी. जाधव* (माजी उप - जिल्हाधिकारी) / *एड.‌ मनोज साबळे* (माजी जनरल सेक्रेटरी, डी.बी.ए. नागपुर) तथा *सुर्यभान शेंडे* (नामांकित कवि - गीतकार) इन्होने की है. सदर नियुक्ती की सुचना सीआरपीसी के राष्ट्रिय अध्यक्ष तथा सीआरपीसी वुमन विंग / सीआरपीसी एम्प्लॉईज विंग / सीआरपीसी ट्रायबल विंग / सीआरपीसी वुमन क्लब के संस्थापक - राष्ट्रिय पेट्रान *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्हे भेज दी है. सदर नियुक्ती पर सी.आर.पी.सी. के समस्त पदाधिकारी वर्ग ने एड मेश्राम - गजभीये जी का अभिनंदन किया है.

Tuesday, 25 July 2023

 

✒️ *मणिपुर हुयें बलात्कार प्रकरण के विरोध में, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल द्वारा मा.‌ राष्ट्रपती आदी का निवेदन २५ जुलै को विभागीय आयुक्त नागपुर इन्हे दिया गया ..!*


     *सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल / सी‌. आर. पी. सी. वुमन विंग / सी. आर. पी. सी. ॲडव्होकेट विंग / सी. आर. पी. सी. ट्रायबल विंग / सी. आर. पी. सी. एम्लाईज विंग / सी. आर. पी. सी. वुमन क्लब* इनके संयुक्त तत्वाधान में, *"मणिपुर की बर्बर बलात्कार एवं खुन प्रकरण"* (जो दिल को झंजोर देनेवाली तथा निंदनीय घटना है) पर, भारत के राष्ट्रपती  /प्रधानमन्त्री / मणिपुर के राज्यपाल - मुख्यमंत्री के नाम निवेदन मा.‌ विभागीय आयुक्त नागपुर इनके मार्फत, *मंगलवार दिनांक २५ जुलै २०२३ को  "विभागीय आयुक्त कार्यालय"* सिव्हिल लाईन्स, नागपुर में, सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*  इनके नेतृत्व में, सेल के *सुर्यभान शेंडे / शंकरराव ढेंगरे / एड.‌ विष्णु पानतावणे / डा. प्रमोद चिंचखेडे / विजय भैसारे* आदी मान्यवरों के प्रमुख उपस्थिती में दिया गया. उस अवसर *एड. श्याम आंभोरे / डॉ. मनिषा घोष / डॉ. भारती लांजेवार / एड. कांचन वराडे / डॉ. राजेश नंदेश्वर / रेशमा सहारे / सुदर्शन गजघाटे / एड. अस्मिता तिडके / एड. विजया बागडे / एड.‌ नेहा पी. सोनटक्के /  चंद्रकांत पानतावणे / संध्या सोमकुवर / सरीता कराडे / अंजली झालपुरे* आदी सीआरपीसी के तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे.

https://youtu.be/lpVVw6EF3hc


https://youtu.be/WBEtmABY-Gk

Manipur women issue : CRPC Representation to Govt.

 ✒️ *मणिपुर हुयें बलात्कार प्रकरण के विरोध में, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल द्वारा मा.‌ राष्ट्रपती आदी का निवेदन २५ जुलै को विभागीय आयुक्त नागपुर इन्हे दिया गया ..!*


     *सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल / सी‌. आर. पी. सी. वुमन विंग / सी. आर. पी. सी. ॲडव्होकेट विंग / सी. आर. पी. सी. ट्रायबल विंग / सी. आर. पी. सी. एम्लाईज विंग / सी. आर. पी. सी. वुमन क्लब* इनके संयुक्त तत्वाधान में, *"मणिपुर की बर्बर बलात्कार एवं खुन प्रकरण"* (जो दिल को झंजोर देनेवाली तथा निंदनीय घटना है) पर, भारत के राष्ट्रपती  /प्रधानमन्त्री / मणिपुर के राज्यपाल - मुख्यमंत्री के नाम निवेदन मा.‌ विभागीय आयुक्त नागपुर इनके मार्फत, *मंगलवार दिनांक २५ जुलै २०२३ को  "विभागीय आयुक्त कार्यालय"* सिव्हिल लाईन्स, नागपुर में, सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*  इनके नेतृत्व में, सेल के *सुर्यभान शेंडे / शंकरराव ढेंगरे / एड.‌ विष्णु पानतावणे / डा. प्रमोद चिंचखेडे / विजय भैसारे* आदी मान्यवरों के प्रमुख उपस्थिती में दिया गया. उस अवसर *एड. श्याम आंभोरे / डॉ. मनिषा घोष / डॉ. भारती लांजेवार / एड. कांचन वराडे / डॉ. राजेश नंदेश्वर / रेशमा सहारे / सुदर्शन गजघाटे / एड. अस्मिता तिडके / एड. विजया बागडे / एड.‌ नेहा पी. सोनटक्के /  चंद्रकांत पानतावणे / संध्या सोमकुवर / सरीता कराडे / अंजली झालपुरे* आदी सीआरपीसी के तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे.

Friday, 21 July 2023

 ✍️ *भारतीय राजनीति के इंडिया बनाम एनडीए एलायंस संघर्ष में भारत राष्ट्रवाद का क्या ...?* राहुल गांधी से लेकर नरेंद्र दामोधर मोदी तक *हिंदुस्तान (भारत नही) - अस्तित्वहिन देश* के इन नेताओं को, क्या भारत में रहने का अधिकार है ?

   *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७

राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी.‌ आर.‌ पी.‌ सी.)

    मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२


    भारत की राजनीति के, अब हमे केवल *"दो अलायंस"* के ध्रृव नज़र आते है. एक है *कांग्रेस* (गांधीवादी) प्रणीत नया गठबंधन - *"इंडिया"* (इंडियन नैशनल डेव्हलोपमेंटल  इन्क्लुसिव्ह एलायंस)और दुसरा दल है, *भाजपा* (गोळवलकर सावरकर संघवादी) प्रणित (पुराना नाम) नैशनल डेमोक्रैटिक एलायंस - *"एन.डी.ए."* जिसका अब नया नामकरण, भाजपाई वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने *"न्यु इंडिया डेव्हलोप्ड नैशन एस्पिरेशन ऑफ पिपल ऑफ इंडिया"* किया है. तिसरा ध्रृव - *बसपा / रिपब्लिकन पार्टी* (आंबेडकरवादी) यह कहीं खो गयी है या कहें ना के बराबर है. *भाजपा - कांग्रेस* (गोलवलकर - गांधी = *गोगावाद* ) इनको, *"इंडिया अर्थात भारत"* इस नाम की गरज क्यौं पडी है..? यह अहं प्रश्न है. भारत के दो कोनों (नयी दिल्ली - बंगलोरू) कें *"फाईव्ह स्टार होटलों"* में १८ जुलै २०२३ को हुयी, दो राजकीय दलों की सभा में, एक दल ने *"इंडिया"* तो दुसरे दल ने *"न्यु इंडिया"* नाम का सहारा लेना ? उनकी यह राजनीतिक मजबुरी क्यौं बनी है ? यह भी प्रश्न है. जब कि, दोनो ही राजनीतिक दलों की, *"इंडिया - भारत"* के प्रति, कभी सच्ची निष्ठा कभी रही ही नही. वे राजनेता लोग केवल अवसरवादी है. दुसरे अर्थ में कहां जाएं तो, *"वेश्या"* है. यह मेरा विशेषण नही है. भारत के कांग्रेसी पितामह *मोहनदास गांधी* / संघवादी *के. सुदर्शन* / राजनीति के चाणक्य (?) *भर्तृहरी* आदी मान्यवरों का, *"भारतीय राजनीति को वेश्यालय"* यह कथन है.

      *"गुलाम भारत"* यह १५ अगस्त १९४७ को आजाद हुआ और २६ जनवरी १९५० को, प्रजासत्ताक हुआ. अर्थात *"संविधान संस्कृति"* की निव, उसी दिन रखी गयी थी. गुलाम भारत मे, *"गोरे अंग्रेजों"* का राज था. गोरे अंग्रेजों के राज में, कानुन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था थी. भारत के *"काले अंग्रेजों"* ने *"संविधान संस्कृति"* की आड में, *"संस्कृति संविधान"* को परोसना सुरु किया. *"संस्कृति संविधान"* द्वारा देववाद,  धर्मवाद, धर्मांधवाद को परोसा जाने लगा. *"न्याय व्यवस्था"* में बैठे कुछ ना-लायक *अ-न्यायधीशों* ने, *"रामजन्मभूमी"* समान निर्णय देकर, *"संविधान संस्कृति"* से परे होकर, *"संस्कृति संविधान"* की बुनियाद को, मजबुती देने का काम किया. और यह कुटनीति, भारत की सामान्य जनता समझ ही नही पायी. *"भारत के संविधान"* की धारा १ में, इस देश का नाम, *"India, that is Bharat, shall be Union of States"* अर्थात भारत यह *"संघ राज्य"* है. *"एकल राज्य"* नही है. भारत के सभी राज्य यह सार्वभौम है. वही भारत (इंडिया) को *"हिंदुस्तान"* (हिंदु + स्तान > हिंदु - हिनदु > हिन + दु > हिन = निच, दु = प्रजा > *हिंदुस्तान = निच लोगों का देश*) का नामकरण कर, भारत की तोहिम की जाने लगी. *चक्रवर्ती सम्राट अशोक* द्वारा *"अखंड विकास भारत"* (भारत, पाकिस्तान, तिब्बत, अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यानमार, बांगला देश यह सभी देश मिलकर) की निव रखी गयी थी.  उस *"अखंड विकास भारत"* को, *"खंड - खंड भारत"* बनाकर, *"गुलाम अविकसित भारत"* बनाने की बुनियाद बामनी सेनापति *पुष्यमित्र शृंग* द्वारा रची गयी. और आज *"हिंदुस्तान"* इस अंसविधानिक नाम का वापर, *राहुल गांधी से लेकर नरेंद्र मोदी* तक, देश के गद्दार - देशद्रोही नेता लोग कर रहे है. जो हमे उन्हे समझना होगा.

     भारत को प्रजासत्ताक होकर अब ७५ साल होने जा रहा है. भारत में विभिन्न दलों की कई सरकारें आयी और चले गयी. परंतु किसी भी भारत सरकार ने, *"भारत राष्ट्रवाद मंत्रालय एवं संचालनालय"* की ना तो स्थापना की है, ना ही बजेट में कोई प्रावधान भी. हमारी अपनी स्वयं पहचान *"भारतीय"* ना होकर, *"धर्म और जाती"* से होती है. भारत आजाद होने में, ७५ साल होने के बाद भी, हमारा अपना *"राष्ट्रगान"* हम नही बना पाए. *"जन गन मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता. ..."* हम ब्रिटिश (अंग्रेज) राजा की महिमा गाते जा रहे है. उसे ही हमारा भाग्यविधाता कहते जा रहे है. वही *"वंदे मातरम्"* भी, भारत माता का गीत नही है. वह गीत *"दुर्गा देवी"* के सुंदरता का महिमा प्रदर्शीत करता है. *क्या हमारी न्याय व्यवस्था ने, स्वयं होकर इसका संज्ञान लिया हुआ है...?* यह भी प्रश्न है. *जब , सर्वोच्च न्यायालय यह भारत का "वॉच डॉग" है.*

      अब हम कांग्रेस (गांधी) - भाजपा (गोळवलकर) अर्थात *"गोगावादी"* दलों द्वारा *"इंडिया - एन.डी.ए."* इस नाम के अर्थ पर चर्चा करेंगे. *"इंडिया"* यह शब्द कांग्रेस प्रणित गठबंधन नाम के अर्थ में, *"इंडियन, नैशनल, डेव्हलोपमेंटल* का जिक्र आया है. वही भाजपा (गोलवलकर) द्वारा *"एन.डी.ए."* में, *"न्यु इंडिया, डेव्हलोप्ड नैशन, एस्पिरेशन ऑफ पिपल"* इन शब्दों का जिक्र है. क्या कांग्रेस प्रणित *"इंडिया"* गठबंधन अपने घोषणापत्र में, *"भारत राष्ट्रवाद मंत्रालय एवं संचालनालय"* स्थापन करने के प्रति वचनबद्ध है. राहुल गांधी से लेकर तमाम गठबंधन नेता, *"हिंदुस्तान"* इस असंवैधानिक शब्द को संसद में, *"बंदी लाने का बिल"* पेश करेगी ? यह प्रश्न है. वही भाजपा ने *"एन.डी.ए."* इस गठबंधन के नये नामकरण में, *"न्यु इंडिया, डेव्हलोप्ड नैशन, एस्पिरेशन ऑफ पिपल"* की ओर जा रही है. क्या न्यु इंडिया यह *"पुंजीवादी व्यवस्था"* का प्रतिक है ? *"डेव्हलप नैशन"* यह केवल चक्रवर्ती सम्राट अशोक काल में था. अब भारत *"नैशन अर्थात राष्ट्र"* है ही नही. *"जहां स्वातंत्र, समता, बंधुता, मैत्री हो"* वही राष्ट्र है. क्या भारत में यह विद्दमान है ? भारत आज केवल *"देश (कंट्री)"* है. यह हमे समझना होगा. *"एस्पिरेशन ऑफ पिपल"* यह दुर दुर तक नज़र नही आता. क्या भाजपा भी, *"भारत राष्ट्रवाद मंत्रालय एवं संचालनालय"* स्थापन करने के प्रति वचनबद्ध है ? यह बहुत सारे प्रश्न, दोनो भी *"गोगावादी"* दलों के सामने, अब खडे है.

      अभी अभी *"मणिपुर"* इस उत्तर पुर्व राज्य के, *"दो महिलाओं को नग्न कराके धिंड"* निकालने की चर्चा समस्त भारत भर और विदेशों में चर्चीत है. यही नही, *भारत के विभिन्न राज्यों में* भी, इस तरह की बर्बर घटना होना, यह आम बात है. *मुझे स्वयं को, दो बार मणिपुर जाने का सु-अवसर मिला है.* अत: मणिपुर प्रदेश को नजिक से मैने देखा है, समझा है. आज वह राज्य दो माह से जल रहा है. हमारे *प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी* फिर भी पुरे खामोश है. एक पत्रकार *सौमित्र राय* की मणिपुर संदर्भ की, एक पोस्ट मैने पढी है. उसने उस पोस्ट में लिखा है कि, मणिपुर के *कुकी समुह* (आदिवासी) यह पहाडों पर रहता है. और उस पहाडों में, *जी.एस.आय. के ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, मुल्यवान खनिज के (निकेल, तांबा, प्लैटिनम)* होने से, मणिपुर के ८० % पहाडों को, *नरेंद्र मोदी सरकार* ने, *"उद्दोग समुहों"* को बेचा हुआ है. अत: उन्हे पहाडों से, *कुकु / नागा* को भगाने के लिए, षडयंत्र रचा गया है. और दिल्ली के एक लड़की की लाश को, पालीथिन मे लपेटकर, वो *"मैत्रेय समुह"* (हिंदु) होने की झुटी कहानी बताने की व्हिडिओ, प्रसारीत करने के कारण ही, *"कुकी समुह"* (आदिवासी) के दो महिलाओं को, नग्न करने की घटना हुयी है, ऐसा कहा गया है. और *मैत्रेय* (हिंदु) को आदिवासी का दर्जा देकर, *"कुकी / नागा"* (आदिवासी) विवाद खडा कराने का, षडयंत्र भी रचा गया है. और यही कारण है कि, *नरेंद्र मोदी* द्वारा मणिपुर प्रकरण पर, खामोशी बरती है. ऐसा कहा जाता हैं. इसकी सच्चाई को जानने ने के लिए, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक *"उच्च स्तरीय समिती"* का गठण कर, सच्चाई को उजर करना बहुत जरुरी है. अगर भारत में, *"भारत राष्ट्रवाद"* को नज़र अंदाज कराकर, विभिन्न समुदायों के बिच, इस प्रकार झगडे लगाये जाते हो तो, *"पुंजीवादी व्यवस्था"* को बढावा देकर,*"प्रजातंत्र"* (डेमोक्रेसी) को खत्म किया जाता हो तो, भारत का भविष्य क्या होगा ? यह क्या बताना होगा.


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* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर १७

       (भारत राष्ट्रवाद समर्थक)

राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल ( सी.आर.पी.सी.)

मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

नागपुर, दिनांक २२ जुलै २०२३

Thursday, 20 July 2023

 

🌹 *फुलाचा गंधाचा तु...!*

       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

          मो. न. ९३७०९८४१३८


फुलाच्या गंधाचा तु आसमंत हो

हे बुध्दाच्या वारसाचा तु भीम हो...


आकाशाच्या रंगाचा तु ध्वज हो

तुझे मन अशोक गतीचे चक्र हो

प्रेम मैत्री करुणेचा तुझा नाद हो

अशांत जीवाला शांतीचा बुध्द हो...


सदाफुली फुलाचा तुझा साज हो

मोगरा मनाचा तुझा फुल गंध हो

ह्या गुलाब राजाचे तुझे सौंदर्य हो

सुटलेल्या गंधाचा रे तु सावन हो...


हे लव्ह बर्डचे तुझे निष्पाप रुप हो

कोयल आवाजी तुझे मधुर गीत हो

मयुर मनाचा तुझा असा पिसारा हो

हंस शुभ्रतेचा तुझा हा आवाज हो...


* * * * * * * * * * * * * * * * 

नागपूर, दिनांक १६ जुलै २०२३

https://youtu.be/VOPfUWpbYyE

Monday, 17 July 2023

 🌞 *हे सखे तु उठवु नको गं...!*

      *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

      मो.न. ९३७०९८४१३८


हे सखे तु उठवु नको गं मला पहाटेला

स्वप्नात बघतो मी माझ्या भीम बुध्दाला...


आतंकाच्या निद्रेत झोपल्या ह्या मनाला

उठवुन असा फायदा काय ह्या जगाला

हे देणे घेणे वाटेच्या ह्या उथळ जीवाला

लाजेची चिंता ना राहिली ह्या कुसाला...


हा सुर्य कात टाकुनी गेला आता अस्ताला

प्रकाश नाळ जुळली ह्या काळ्या युगाला

अंधा-या रात्री चंद्र गेला ह्या आडोश्याला

दिवस रात्रीचा खेळ झाला तो बाधिताला...


ह्या फुलांनी मैत्री जोडली रे प्रेम निसर्गाला

घोरपड पकड शक्ती नसे ह्या ‌माणसाला

बोथट क्रांतीची धारा पेटणार ह्या उद्याला

यशाची गाणे गावु या भारताच्या समतेला...


* * * * * * * * * * * * * * * * *

नागपूर, दिनांक ११ जुलै २०२३

https://youtu.be/S8g0Ssee3X0


Friday, 14 July 2023

Adv. Hemraj Sakhare posted State Secretary of MS CRPC

 🤝 *एड.‌ हेमराज साखरे की सिव्हिल राईट्स  प्रोटेक्शन सेल - महाराष्ट्र प्रदेश सचिव पद पर नियुक्ती.*


      सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी. आर. पी. सी.) के "महाराष्ट्र प्रदेश सचिव" पद पर *एड. हेमराज मारोती साखरे*  इनकी नियुक्ति, सी. आर‌. पी. सी. महाराष्ट्र प्रदेश सचिव *एड. विष्णु पानतावणे* इनकी शिफारस पर, सीआरपीसी के राष्ट्रिय सचिव आयु. *एन. पी. जाधव* (माजी उप - जिल्हाधिकारी) / *एड.‌ मनोज साबळे* (माजी जनरल सेक्रेटरी, डी.बी.ए. नागपुर) तथा *सुर्यभान शेंडे* (नामांकित कवि - गीतकार) इन्होने की है. सदर नियुक्ती की सुचना सीआरपीसी के राष्ट्रिय अध्यक्ष तथा सीआरपीसी वुमन विंग / सीआरपीसी एम्प्लॉईज विंग / सीआरपीसी ट्रायबल विंग / सीआरपीसी वुमन क्लब के संस्थापक - राष्ट्रिय पेट्रान *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्हे भेज दी है. सदर नियुक्ती पर सी.आर.पी.सी. के समस्त पदाधिकारी वर्ग ने एड साखरे जी का अभिनंदन किया है.

Wednesday, 12 July 2023

 *🔊 एमएनटी न्यूज़ नेटवर्क मूलनिवासी जागरूकता अभियान*


*विषय :मनुवाद-ब्राह्मणवाद जिंदा रहते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड महत्वहीन!*

                      

   *वक्ता :* 


      *मू.एस आर मौर्या,* 

*पुर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, बामसेफ* 


      *मू.डाॅ मिलिन्द जीवने 'शाक्य*

*राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिविल राइट्स प्रोटेक्शन सेल*


*के साथ बातचीत*


*जुड़िये हमारे साथ*

*🔴 एमएनटी हिंदी प्राइम टाइम चर्चा* 

 

*🗓️  बुधवार 12 जुलाई  2023* 


*⏰रात 8.30 : 00 बजे*


*भारतीय समय अनुसार*


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*🔴📱 कार्यक्रम को नीचे दी हुई लिंक पर देख सकते हैं।*


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Monday, 10 July 2023

 

👁️ *मृदु लोचनांच्या...!*

      *डॉ.  मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

       मो.न.‌ ९३७०९८४१३८


मृदु लोचनांच्या ह्या दु:ख वेदनेला

बुध्दाचा हवा फुंकर हे माणसाला...


ह्या आकाशाच्या निळ्या पहाटेला

सुर्य अंतरी हा दिसेनासा झाला

ना प्रकाशाचा गंध ह्या माणसाला

कस्तुरी मृग जगा नाहिसा झाला...


प्रेमाची गोड भाषा ह्या लोचनेला

आसवा गंधानी तो न्हावुनी आला

पाझर फुटुनी यावे ह्या दगडाला

सिंदुर फासु नको त्या माणसाला...


फुल गंधा हे निस्सिम प्रेम मनाला

दरवळुन टाकावे ह्या आसमंताला

एक हात जोडुनी हे एका हाताला

महाशक्ती बनवु अशा ह्या विश्वाला...


* * * * * * * * * * * * * *

नागपूर, दिनांक १० जुलै २०२३

https://youtu.be/r3cVPYEd_3Q

Saturday, 8 July 2023

Omprakash Wasnik posted District Working President of Gondia CRPC

 🤝 *ओमप्रकाश‌ वासनिक की सिव्हिल राईट्स  प्रोटेक्शन सेल - गोंदिया जिला कार्याध्यक्ष पद पर नियुक्ती.*


      सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी. आर. पी. सी.) के "गोंदिया जिला कार्याध्यक्ष" पद पर *ओमप्रकाश‌ वासनिक*  इनकी नियुक्ति, सी. आर‌. पी. सी. महाराष्ट्र प्रदेश सचिव *एड. विष्णु पानतावणे* इनकी शिफारस पर, सीआरपीसी के राष्ट्रिय सचिव आयु. *एन. पी. जाधव* (माजी उप - जिल्हाधिकारी) / *एड.‌ मनोज साबळे* (माजी जनरल सेक्रेटरी, डी.बी.ए. नागपुर) तथा *सुर्यभान शेंडे* (नामांकित कवि - गीतकार) इन्होने की है. वासनिक जी, भुतपुर्व मुख्याध्यापक है. सदर नियुक्ती की सुचना सीआरपीसी के राष्ट्रिय अध्यक्ष तथा सीआरपीसी वुमन विंग / सीआरपीसी एम्प्लॉईज विंग / सीआरपीसी ट्रायबल विंग / सीआरपीसी वुमन क्लब के संस्थापक - राष्ट्रिय पेट्रान *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्हे भेज दी है. सदर नियुक्ती पर सी.आर.पी.सी. के समस्त पदाधिकारी वर्ग ने वासनिक जी का अभिनंदन किया है.

Thursday, 6 July 2023

S. R. Shende posted State Secretary of Madhya pradesh CRPC

 🤝 *प्राचार्य एस.‌ आर. शेंडे इनकी सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल - मध्य प्रदेश के "प्रदेश सचिव" पद पर नियुक्ती.*


         सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी. आर. पी. सी.) के *मध्य प्रदेश* राज्य के "प्रदेश सचिव" पद पर *प्राचार्य एस.‌आर.‌‌शेंडे*  (भुतपुर्व) इनकी नियुक्ति, सी. आर. पी.‌ सी.‌ मध्य प्रदेश‌ के अध्यक्ष *एड.‌ राकेश‌‌ धर्मप्रकाश महाले* इन्होने सी. आर‌. पी. सी. के राष्ट्रिय सचिव आयु. *एन. पी. जाधव* (माजी उप - जिल्हाधिकारी) / *एड.‌ मनोज साबळे* (माजी जनरल सेक्रेटरी, डी.बी.ए. नागपुर) तथा *सुर्यभान शेंडे* (नामांकित कवि - गीतकार) इनसे चर्चा कर की है. प्राचार्य शेंडे जी इनको *"राष्ट्रपती पुरस्कार"* तथा बहुत से पुरस्कर‌ मिले है. वे अच्छे कवि है. उनके नियमित आकाशवाणी पर कार्यक्रम होते है. सदर नियुक्ती की सुचना सीआरपीसी के राष्ट्रिय अध्यक्ष तथा सीआरपीसी वुमन विंग / सीआरपीसी एम्प्लॉईज विंग / सीआरपीसी ट्रायबल विंग / सीआरपीसी वुमन क्लब के संस्थापक - राष्ट्रिय पेट्रान *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इन्हे भेज दी है. सदर नियुक्ती पर सी.आर.पी.सी. के समस्त पदाधिकारी वर्ग ने तथा *एड.‌ विष्णु पानतावणे* इन्होने एड. महाले जी का अभिनंदन किया है.

Wednesday, 5 July 2023

 🔥 *पाण्याच्या आगीतुन...!*

      *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपूर

       मो.न. ९३७०९८४१३८


पाण्याच्या आगीतुन घायाळ माणसाला

बुध्दाच्या गार झ-यातुन हा मार्ग जाहला...


तुटलेल्या तारकांच्या ह्या वेदना शक्तीला

रात‌ काजव्यांचा छोटा प्रकाश रे जाहला

हे उंच उडणा-या तिक्ष्ण दृष्टीच्या घारीला

पृथ्वी भ्रमणाचा हळुवार हा वेग बाधिला...


नभी चांदण्याच्या कोमल शीतल मनाला

सुर्य किरणांचा हा उष्ण प्रकाश दाहला

हे हसणा-या निष्पाप जीव फुलपाखराला

भुंग्याचा आवाजी हा विषाक्त दंश लागला...


विशाल निसर्ग चक्राच्या ह्या सत्य मनाला 

बुध्द विचाराचा हा क्रांती किनारा लाभला

मुक्त हवेत फिरणा-या ह्या सजिव नादाला

हे मधु प्रेम चंद्राचा सुखद ओलावा लागला...


* * * * * * * * * * * * * * * * * *

नागपूर, दिनांक ४ जुलै २०२३


https://youtu.be/5HBUYfCrtQ8

Sunday, 2 July 2023

 🇮🇳 *नरेंद्र मोदी की सामाजिक, आर्थिक - विदेश नीति : भ्रम और वास्तव...!*

  *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७

राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी. आर.‌ पी.‌ सी.)

   मो.न.‌ ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२


     भारत की वित्तमंत्री *निर्मला सितारमण नरेंद्र मोदी सरकार* का, *"वित्त (आर्थिक) बजेट"* पेश‌ करती रही है. और सन २०२२ के आर्थिक बजेट में, *"क्रिप्टो (आभासी) करंसी"* पर रोक लगने के बदले, सरकार ने उस पर *"टैक्स लगाकर"* उसे एक प्रकार से, मान्यता दी है. इस क्रिप्टो करंसी के कारण,  ही *"भारत की अर्थव्यवस्था"*  पर, गंभिर दुष्परीणाम होते आया है. भारत का रुपया यह दिनो दिन गिरता आया है. और क्रिप्टो करंसी का वापर, आम आदमी कभी नही करता. *"क्रिप्टो (आभासी) करंसी यह पुंजीवादी व्यवस्था का प्रतिक है."*‌ दुसरी बात यह है कि, रिझर्व बैंक के *"डिजिटल करंसी"* से कारण, आम आदमी को कितना लाभ होगा ? यह प्रश्न है. भारत की *"जन आबादी"* में, विश्व का *"नंबर वन देश"* बन गया है. *"गरिबी / भुखमरी / बेरोजगारी"* यह भारत की, बडी समस्या रही है. वही अमिर वर्ग (पुंजीपती) का *"कार्पोरेट टैक्स"* को, १८% से घटाकर १५% किया गया. वही मध्यम वर्ग के लिए, *"इंकम टैक्स"* में, कोई विशेष प्रावधान दिखाई नही दिये है.‌ यही नहीं, मध्यम वर्ग की *"बैंक में जमा सेव्हिंग राशी"* पर, *"व्याज दर"* घटा दिया गया है. जब कि, *"पुंजीवादीयों"* का व्यवहार यह *"करंट अकाउंट"* से होता है. सरकार का *"तेल की किंमत"* पर, अंकुश नही रहा.  तो फिर *"मंहगाई पर रोक लाना,"* क्या भारत सरकार के बस में है ? यह अहं प्रश्न‌ है.

    नरेंद्र मोदी सरकार ने, *"आय. ए.‌ एस. कैडर पध्दती"* में बदलाव करते हुये, बिना परीक्षा दिये, *"पुंजीवादी प्रतिनिधी"* को सीधे *"सचिव"* पद पर बिठाकर, *"पुंजीवाद व्यवस्था"* दरवाजे खुले किये है. *"पुंजीवादी वर्ग"* द्वारा लिये *"करोंडो रूपयों का कर्ज"* को, पुरी तरह माफी दी गयी है. जब कि, गरिब / मध्यम वर्गीय आवाम, बैंक कर्ज में पिसते आया है.‌ वही कुछ पुंजीपती, बैंक से कर्ज लेकर, *विदेश‌ भागे* जा रहे है. यहा प्रश्न है कि, *"उन डुबित कर्ज की भरपाई,"* भारत सरकार *"किस सें / कहां से"* करती है ? सरकारी संस्थाओं का *"खाजगीकरण"* करने का काम, मोदी सरकार ने जोर शोर से किया है.‌ वही केंद्र सरकार नें, *"कामगारों के ४४ कानुनों को बरखा्स्त कर, केवल ४ नये कामगार कानुन"* लाये है.‌ और कहा जाता है कि, वह ४ नये कानुन पूंजीवाद के सहाय्यक है. वही तत्कालिन प्रधानमन्त्री *इंदिरा गांधी* इन्होने सन १९६९ में, *"१४ खाजगी बैंको का राष्ट्रीयकरण"* कराकर, भारत की अर्थव्यवस्था को मजबुती प्रदान की थी. खेती / मध्यम उद्दोग / लघु उद्दोंगों‌ को चालना दी थी. जब कि, *नरेंद्र मोदी सरकार* उससे विपरीत दिशा में, वो काम कर रहा है.‌ *"पुंजीपती व्यवस्था"* का सशक्त *"मजबुतीकरण"* कर रहा है.

        विश्व के *"बैलंस शीट"* का अभ्यास करनेवाली *"मैकंझी एंड कंपनी"* इस द्वारा, प्रकाशीत अपने अहवाल में, *"पिछले बीस सालों में, विश्व की संपत्ति में, तिस गुणा बढोत्तरी हुयी है.‌ और उस बढोत्तरी में, एक तृतीयांश‌ (३३%) सहभाग ये केवल चायना का है.‌ इसके साथ ही चायना के संपत्ति में, १६% बढोत्तरी हुयी है."* विश्व का महाकाय देश‌ *अमेरिका* (२०२० में कुल संपत्ति ९० ट्रिलियन डालर) पिछाडी पर आया है. चायना सबसे अमिर देश बन गया है. विश्व की आर्थिक संपत्ति *५१४ ट्रिलियन डालर*  हुयी है. और *चायना* की आर्थिक संपत्ति *"१२० ट्रिलियन डालर"* बतायी गयी है. जब की भारत की कुल संपत्ति (२०१९) यह *१२.०६ ट्रिलियन डालर* बतायी गयी. बाद में, भारत ने संपत्ति जाहिर ही नही की है.‌ भारत का नाम *"भुख निर्देशांक एवं कुपोषण में, विश्व के १२१ देशों में, १०७ वे स्थान पर है."* जब हम *"GDP Growth Rate"* ( सकल घरेलु उत्पाद विकास दर) पर चर्चा करते है, तब भारत का विकास दर *"८.७%"* है. जब की अन्य देश - अमेरिका (५.९) / चायना (८.१) / जापान (१.७) / श्रीलंका (३.३) / थायलंड (१.५) / सिंगापुर (७.६) / रशिया (४.७) दिखाई देता है. भारत का *"बेरोजगारी / इंटरनेट युजर दर"* भी, बहुत ही विचार करनेवाला है.

     अब हम नरेंद्र मोदी सरकार के *"विदेश नीति"* पर भी, हम चर्चा करेंगे. नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले ९ साल के *"विदेश भ्रमण"* से, *"भारत का आऊट पुट / डील"* को भी हमे देखना होगा. और उस विदेश भ्रमण पर, *"विमान खर्च / सुरक्षा खर्च"* को भी जोडना होगा. तब ही हम *"आऊट पुट / डिल का मुल्यांकन"* कर सकते है. उस विदेशी डील से, भारत का कितना फायदा / कितना घाटा हुआ है, यह मुल्यांकन तब ही हम कर सकते है, अन्यथा बिलकुल नही...! अभी अभी‌ हुआ प्रधानमन्त्री *नरेंद्र मोदी* इनका *"अमेरिका दौरा,"* यह बहुत ही चर्चा का विषय रहा है. अमेरिका के भुतपुर्व अध्यक्ष *बराक ओबामा* इनसे लेकर, एक महिला पत्रकार ने नरेंद्र मोदी को पुछे प्रश्न ने, अमेरीका दौरा भी बहुत विवादपुर्ण रहा है. और उस *"दौरे का फलित,"* हमे जल्द ही दिखाई देगा. अब हम भारत के पहिले प्रधानमंत्री *जवाहरलाल नेहरू* तथा पहिले कानुन मंत्री / समाजविद / अर्थविद *डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर* इनकी आर्थिक - विदेश‌ नीति पर, संक्षिप्त चर्चा करेंगे.

     स्वतंत्र भारत के पहिले प्रधानमंत्री *पंडित जवाहरलाल नेहरु* इनके *"समाजवाद"* की तुलना *"फैबियन समाजवाद"* से की जाती है. और वह विचार *कार्ल मार्क्स* के क्रांतीकारी सिध्दांतो को नकारता रहा है. नेहरु का सिध्दांत उदार दृष्टिकोणवादी बताया जाता है.‌ नेहरु ने *"सुरक्षा मामलें"* को, *"औद्दोगीकरण / आत्मनिर्भरता के साधन"* के रुप में नही देखा. *"लोगों की खपत"* की जरुरतों के लिए, *"प्रॉडक्शन बास्केट"* को समायोजित करना ही, यह दोहरा उद्देश प्राप्त करना, बताया जाता है. जवाहरलाल नेहरू ने, *"डिसकव्हरी ऑफ इंडिया"* इस अपने ग्रंथ में कहा कि, *"हम ना तो साम्राज्यवादी शक्ती के शिकार होना चाहते है, और ना ही ऐसी प्रवृत्तियों को विकसित करना चाहते है."* जवाहरलाल नेहरू ने *"आर्थिक सुधार नीति"* के रुप में, *"योजना आयोग"* को स्थापित करना, यह विशेष योगदान देने की, बातें कही जाती हैं. ८ दिसंबर १९५१ में, नेहरु ने ही *"पंचवर्षीय योजना"* की शुरुवात की थी.

      अब हम जवाहरलाल नेहरू की *"विदेश नीति"* पर चर्चा करते है. नेहरु के *"विदेश नीति"* पर कहां जाएं तो, *"विश्व शांती को बनाए रखना, युध्द की संभावनाएं को खत्म करना, विवादों की मध्यस्थता करना, जातिभेद - रंगभेद - साम्राज्यवाद का विरोध करना, असलग्न नीतिओं को बनाए रखना, राष्ट्रिय हितों की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत का स्वतंत्र दृष्टिकोण अभिव्यक्त करना"* बताया जाता है. वह काल विनाशकारी ऐसे *"द्वितिय महायुध्द"* का काल रहा था. और *"अंतरिम सरकार"* की स्थापना के कुछ समय पश्चात, ७ दिसंबर १९४६ को *आकाशवाणी* में प्रसारित *" प्रथम घोषणा"* में, नेहरु ने कहा कि, *"हम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में, एक स्वतंत्र राष्ट्र के अपनी मौलिक नीति के रुप में सहभागी होंगे. अन्य राष्ट्र के उपग्रह के रुप में कभी नही. हमारा विचार यथासंभव गुटों की सत्ता की राजनीति से, अलग रहना है. एक दुसरे के विरूध्द संघटीत इन गुटों ने, अतित में भी विश्व युध्द करवाये है. और भविष्य में भी, ये संसार को विनाश की ओर ले जा सकते है."* वही हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री *नरेंद्र मोदी "* इन सभी विचारों से, बहुत कोसों दुर नज़र आते है. नरेंद्र मोदी तो *" पुंजीवाद / साम्राज्यवाद"* के समर्थक दिखाई देते है. पंडित नेहरु *"साम्राज्यवाद / उपनिवेशवाद / फासीवाद"* के घोर विरोधी थे. महत्वपूर्ण विषय यह रहा है कि, भारत आजादी के बाद, भारत की विदेश नीति यह दो मुख्य विचारधाराओं पर निर्भर थी. पहला - *"अमेरिका की पुंजीवादी गुट"* और दुसरा - *"सोव्हियत संघ का साम्यवादी गुट."* अत: दोनो नीति से दुर रहकर, अपनी स्वयं की *"विदेश नीति"* बनाना, यह तो बडा एक आवाहन था. और *"कठिण संघर्ष के बाद प्राप्त संप्रभुता को बनाये रखना, क्षेत्रीय अखंडता को बनायें रखना, तेज रफ्तार सें आर्थिक विकास करना"* यह ही प्रमुख उद्देश हमारे सामने थे.

     जवाहरलाल नेहरू इन्होने अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति में, *"पंचशील"* के सिध्दांत का प्रतिपादन किया. इस कारणवश नेहरू को *"आदर्शवादी"* कहा गया. परंतु *"तिब्बत के प्रश्न"* पर, चायना को वह हवाले करना, यह नेहरु की बडी भुल थी. जिस की आलोचना *डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर* इन्होने की थी. और उसका असर सन १९६२ के *"भारत - चायना युध्द"* में दिखाई दिया. परंतु वह युध्द चायना द्वारा छेडा गया. और चायना द्वारा, किसी भी बातचित के बिना वो रोका भी गया. कहा जाता है कि, वह युध्द *"एक बौध्द लामा"* के लिए छेडा गया. *"जो लामा ४०० साल का होकर भी, ४० साल का दिखाई देता था."* और चायना का सर्वेसर्वा *माओ त्से तुंग* बहुत साल तक, चायना पर राज करना चाहता था. यह बात इसके पहले लिखे गये, मेरे एक लेख में आया है.

     भारत में *"साम्राज्यवाद"* की वकालत करनेवाले कुछ हमारे विचारविदों की, *डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर* इन्होने आलोचना करते हुयें, *"ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रशासन और वित्तीय प्रबंध"* इस अपने प्रबंध में, तथ्यो और आकडों के आधार पर, यह साबित किया है कि, *"ब्रिटिश शासन भारत की जनता की बर्बादी और गरिबी का वाहक है. इसकी सारी नीति भारत की धन-संपदा बाहर ले जानेवाली रही है. भारत के औद्दोगिक ढाचें को बरबाद करना, और इसे ब्रिटन को कच्चे सामुग्री देनेवाला देश बनाना, यह उनका लक्ष रहा है......!"* सन १९२५ में, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर इन्होने *"ब्रिटिश भारत में प्रांतिय वित्त व्यवस्था का विकास"*  इस अपने पुस्तक में, केंद्र और प्रांतो के १८३३ से १९२१ तक के आर्थिक रिस्तों की समिक्षा में लिखा कि, *"आधुनिक भारत की वित्तीय प्रबंधन व्यवस्था, टैक्स के सिध्दांत, प्रांतिय राजस्व की समस्या और केंद्र - राज्य के अधिकार और रिस्ते, यह महत्वपूर्ण कार्य है. ब्रिटिश शासन की टेक्स प्रणाली, सिर्फ किसान और गरिबों पर, राजस्व का भार डालती है. और जनकल्याण के बजाए, जमिनदारों और संभ्रांत तब की जीवन शैली और ब्रिटिश शासन को पोषित करने के लिए निर्मित है....!"* सन १९२३ में डॉ. आंबेडकर इन्होने लिखी, *"रुपयों की समस्या - उद्भव और समाधान"* इस अपने ग्रंथ में, १९ वे शताब्दी से *"भारतीय मुद्रा प्रणाली"* के विकास का विवेचन और  किस प्रकार भारतीय मुद्रा प्रणाली की उपयुक्तता है. इसका सुझाव दिया है. *"रिझर्व बैंक आफ इंडिया"* के स्थापना की  निव भी, इस ग्रंथ से जुडी है. डॉ. आंबेडकर इन्होने *"भारत में कृषी निवेश पुंजी"* की आवश्यकता भी बतायी है. क्यौं कि, ब्रिटिश राज में यह पुंजी निवेश पुरा गिर गया था. भारत आजादी के बाद, सत्तर के दशक में *"कृषी पुंजी निवेश"* को प्रोत्साहन दिया गया.‌ जिसका नतिजा *"हरित क्रांति"* के रुप में दिखाई दिया.

      *"प्रच्छन्न बेरोज़गारी सिध्दांत"* भी डॉ.‌ बाबासाहेब आंबेडकर इन्होने चिन्हित किया था. और तिन दशक के बाद, नोबेल प्राईज विजेता अर्थशास्त्री - *आर्थर लुईस* ने इसे प्रसारीत किया. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर इसका समा़धान देते हुये स्पष्ट कहते है कि, *"औद्दोगिकरण. (Industrialisation). औद्योगीकरण ही कृषी में लगी अतिरिक्त श्रमिक आबादी को, रोजगार दे सकता है. और गरिबी से निकलने में सहाय्यक हो सकता है."* बाबासाहेब आंबेडकर इनके *"आर्थिक क्षेत्र"* के योगदान को, *"दों भागों"* में बाटा जा सकता है. पहला - *अकादमिक* स्तर पर और दुसरा - *प्रशासक* स्तर पर.‌ डॉ आंबेडकर साहाब उन्होने *"दामोधर - हिराकुंड"* जैसे नदी परियोजना बनानें में, महत्वपुर्ण योगदान दिया है. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर इनके *"विदेश नीति"* के बारें में कहा जाएं तो, *"उन्होने भारत - चायना के बफर झोन के रुप में, तिब्बत देश के रणनीतिक मुल्यों और भारत सुरक्षा और तिब्बत के स्वतंत्रता के बिच घनिष्ठ संबंध पर जोर दिया था."* परंतु जवाहरलाल नेहरु इन्होने, चायना को तिब्बत (ल्हासा - तिब्बत की राजधानी) पर, नियंत्रण करने की अपनी अनुमती देकर, प्रधानमन्त्री नेहरु ने चायना को मदत ही की है. आज हम देख रहे है कि, चायना - भारत सीमा पर तनाव‌ जारी है. *नरेंद्र मोदी राज* में, भारत की अर्थव्यवस्था  *"खस्ताहाल"* की ओर बढती जा रही है. कल भारत में, *"पाकिस्तान - श्रीलंका"* के समान हालात ना हो...! इसी आशा के साथ...!!!!


* * * * * * * * * * * * * * * * * * 

* *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर १७

राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल‌ (सी. आर.‌ पी.‌ सी.)

मो. न.‌ ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

नागपुर, दिनांक २ जुलै २०२३