Monday, 10 April 2023

 💧 *हें भीम बाबा के नील जवान...!*

         *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* 

         मो. न. ९३७०९८४१३८


हें भीम बाबा के नील जवान है हम

बार बार करेंगे उन्हे निला जय भीम...


नील गगन की निली छाया है यें भीम

हमारे संविधान का सच्चा दिल है भीम

अगर भीम बाबा पैदा ना होते जमीं पर

अरे उजाले के दीपक कहां होते है हम...


ये बडे चट्टानों का सुरुंग बना है भीम

राऊंड टेबल का तुफां आवाज है भीम

भीम के नाम से डरता रहां है यें जहां

वहां आज मिट्टी‌ के पुतले बनें है हम...


मॉं रमाई‌ का सच्चा प्यार रहा है भीम

बच्चें के कफन के लिए तरसा है भीम

गद्दार होने से पहले वो दिन देखों यारों

नहीं तो फिर से गुलाम बेडियां सहेंगे हम...


* * * * * * * * * * * * * * * * * 

(भीम बाबा के जयंती के उपलक्ष्य में...!)

नागपुर, दिनांक ६ अप्रेल २०२३

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