💫 *मॉं रमाई तु....!*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* नागपुर
मो.न. ९३७०९८४१३८
त्याग समर्पण प्रेम का प्रतिक मॉं रमाई तु
भीम बाबा के जीवन का प्यार रामु है तु...
हें खस्ताहाल जीवन का संघर्ष मॉंं रमाई तु
गोवरीयां बेचकर आधार की मिसाल बनी तु
फटा लुगडा पहने ना ही शिकायत करती तु
भीम बॉं के जीवन की सच्ची प्रेरणा है तु...
हें संविधान बनने की एक बुनियाद रही तु
बॉं सत्कार में फटे लुगडे कारण दुर रही तु
फिर पुरानी शाल पहने छुपें देखने गयी तु
कुर्बानी दर्द आसुओं की सच्ची ममता है तु...
भीम बॉं के विदेश जाने की प्रेरणा रही तु
बच्चें के मरने पर भी उन्हे ना खबर दी तु
एकमेव लाल यशवंत को संभाला करती तु
सुख लालसा ना पाले संघर्ष करती रही तु...
राजरत्न मरने पर बॉं की वेदना समझी तु
लुगडे का पदर फाडें कफन व्यवस्था की तु
पंढरपुर दर्शन बॉं मना करने से चुप रही तु
राजगृह बनाने की बाबा की मंझिल रही तु...
हें मासुम निसर्ग का मॉं रमाई झरना है तु
बारिस मौसम का एक दर्दभरा आसुं है तु
तुम्हारी कुर्बानी हम में कहां वों बता मॉं तु
कुछ तो सिख हम लें वह सद्बुध्दी मॉं दे तु...
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(भीम बाबा जयंती के उपलक्ष में...!)
नागपुर, दिनांक ८ अप्रेल २०२३
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