🎯 *क्या भारतीय राजसत्ता - न्याय व्यवस्था भगतसिंग, राजगुरू, चंद्रशेखर पुरस्कृत "रक्त रंजित युग" चाहता है...?*
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य', नागपुर*
मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२
'गुलाम भारत" मे अंग्रेजी शासन व्यवस्था के विरोध मे, राजगुरू, चंद्रशेखर, भगतसिंग समान अनेक क्रांतीकारको के "रक्त क्रांती" की दहशत से 'गोरे अंग्रेज' परेशान रहा करते थे. वही उन महान क्रांतिकारको ने अपनी मिशन के तहत, उन गोरे अन्यायी शासकों को मौत के घाट उतारा था. परंतु कांग्रेसी राज ने उन क्रांतिकारकों के साथ साथ ही सुभाषचंद्र बोस को भी नज़र अंदाज कर, केवल अहिंसक (?) मोहनदास गांधी को ही हिरो बनाया था. आज वही पुराना इतिहास दोहरा जा रहा है ! फरक आज है तो केवल वर्ण का...! अब "काले अंग्रेज" शासन कर रहे है. क्या वही रक्तक्रांती की अपेक्षा, ये काले अंग्रेज कर रहे है...?
राजसत्ता व्यवस्था हो या, न्याय व्यवस्था हो या, नोकरशाही व्यवस्था हो या, अन्य व्यवस्था हो, इन "काले अंग्रेजो" ने भारतीय बहुसंख्य समुदाय के अधिकारों को कुचलने का कु-तंत्र चालु किया है. क्या भविष्य मे राजगुरू, भगतसिंग, चंद्रशेखर समान रक्तक्रांती के नायक युग की अपेक्षा, यह "काले अंग्रेज" कर रहे है...? तब इस भारत का क्या हाल होगा...? *"हमे बुध्द युग चाहिये या रक्तरंजित युग...???"* जरा सोचों...!!!
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(भारत राष्ट्रवाद समर्थक)
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य', नागपुर*
मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२
'गुलाम भारत" मे अंग्रेजी शासन व्यवस्था के विरोध मे, राजगुरू, चंद्रशेखर, भगतसिंग समान अनेक क्रांतीकारको के "रक्त क्रांती" की दहशत से 'गोरे अंग्रेज' परेशान रहा करते थे. वही उन महान क्रांतिकारको ने अपनी मिशन के तहत, उन गोरे अन्यायी शासकों को मौत के घाट उतारा था. परंतु कांग्रेसी राज ने उन क्रांतिकारकों के साथ साथ ही सुभाषचंद्र बोस को भी नज़र अंदाज कर, केवल अहिंसक (?) मोहनदास गांधी को ही हिरो बनाया था. आज वही पुराना इतिहास दोहरा जा रहा है ! फरक आज है तो केवल वर्ण का...! अब "काले अंग्रेज" शासन कर रहे है. क्या वही रक्तक्रांती की अपेक्षा, ये काले अंग्रेज कर रहे है...?
राजसत्ता व्यवस्था हो या, न्याय व्यवस्था हो या, नोकरशाही व्यवस्था हो या, अन्य व्यवस्था हो, इन "काले अंग्रेजो" ने भारतीय बहुसंख्य समुदाय के अधिकारों को कुचलने का कु-तंत्र चालु किया है. क्या भविष्य मे राजगुरू, भगतसिंग, चंद्रशेखर समान रक्तक्रांती के नायक युग की अपेक्षा, यह "काले अंग्रेज" कर रहे है...? तब इस भारत का क्या हाल होगा...? *"हमे बुध्द युग चाहिये या रक्तरंजित युग...???"* जरा सोचों...!!!
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(भारत राष्ट्रवाद समर्थक)
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