Tuesday 1 October 2024

 👌 *बुध्द अस्थिधातु (?) कलश  के नाम पर महाठग नितिन गजभिये की कुटील महाठगी. नागपुर के कुकडे ले आउट स्थित भंते का, क्या महाठगी में साथ है ? एक प्रश्न.*

    *डॉ मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७

राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल 

एक्स व्हिजिटिंग प्रोफेसर डॉ बी आर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ महु म प्र 

मो. न. ९३७०९८४१३८,  ९२२५२२६९२२

 

         महाठग नितिन गजभिये इस अनैतिक पुरुष ने *"बुध्द अस्थिधातु कलश / सारीपुत्र - मोग्गलान अस्थीधातु / डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अस्थीधातु"* कलश यात्रा के नाम पर, बडा गाजावाजा किया है. जब मेरा लेख प्रकाशित हुंडा, तब महाठग नितिन गजभिये इसने वह  केवल *"अस्थी कलश यात्रा"* बतायी. ना वह *"अस्थीधातु यात्रा"* बतायी है. श्रीलंका सरकार के *"पुरातत्त्व विभाग"* ने, कही भी *"बुध्द अस्थिधातु"* का उल्लेख किया हुआ नहीं है. साथ ही *"सारीपुत्र - मोग्गलान "* इनका नाम हटा दिया. यही नहीं अस्थीधातु यात्रा ट्रक पर, *"अपना फोटो लगाकर"* प्रसिद्धी कर रहा है. और उसका लक्ष *"दान में मिली लाखो रुपये राशी"* पर होता है. इसके पहले उसने *"अस्थिकलश यात्रा / बुद्ध मुर्ती वितरण"* नाम पर *"करोडों रुपयों की हेराफेरी"* की है. अब क्या *"भंते भी"* (भलते बनकर) उस महाठगी में लिप्त है ? यह बडा प्रश्न है. 

        वह *"बुद्ध अस्थिधातु यात्रा"* (?)  का कार्यक्रम *"कुकडे ले आउट"* बुद्ध विहार रखने की पोष्ट, *महाठग नितिन गजभिये* इसने डाली है. *"भंते का काम धम्म प्रचार - प्रसार करना है. विनय पिटक का आचरण / पालन करना है."* और बुरे लोगों की संगत से बचने का भी है. अगर भन्ते बुरे लोगों के ??? *धम्मपद* के पंडित वग्ग में एक गाथा है, *"न भजे पापके मित्ते न भजे पुरिसाधमे | भजेथ मित्ते कल्याणे भजेथ पुरिसुत्तमे ||* (अर्थात : बुरे मित्र का साथ ना करे. न अधम पुरुषों का सेवन करे. अच्छे मित्र की संगत करे, उत्तम पुरुषों की संगती करे). धम्मपद के *"पाप वग्गो"* में पाप संदर्भ में बहुत गाथा है. उस गाथा की एक गाथा बताना चाहुंगा. *"पापञ्चे पुरिसो कयिरा न कयिरा पुनप्पुनं | न तम्हि छन्दं कथिराथ दुक्खो पापस्स उच्चयो ||"* (मनुष्य से यदी पाप हो जाए तो उसे बार बार ना करे. उस में रत न हो. क्यौं कि, पाप का संचय दु:खदायक होता है.) यहां तो कुकडे ले आउट का भंते सलग्न दिखाई (?) देता है. उस भंते से *"विनय पालन"* होता है या नहीं ? यह तो शोध का विषय है. *हिंगोली पोलीस अधीक्षक* ने बुध्द अस्थिधातु यात्रा प्रवेश पर, रोक लागायी थी. तथा बहुत से *"शहरों"* मे - जगह पर,  रथ यात्रा को मनायी की गयी. *पाचपावली पोलिस स्टेशन* में रिपोर्ट दर्ज की गयी है. अब देखना है, कुकडे ले आउट स्थित भंते का ? और आम जनता की प्रतिक्रिया भी !!!


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नागपुर, दिनांक १ सितंबर २०२४



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