Tuesday, 18 October 2022

 ➿ *हे सिते...!*

       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

        मो. न. ९३७०९८४१३८


हे सिते....!

राम को आदर्श मानना

यह तुम्हारी भुल थी

तुम्हे अग्निपरिक्षा का 

सामना करना पडा है ...!

वहीं वो आम्रपाली देखों

सुंदरता की राणी होने पर भी

उसे व्यवस्था ने देशप्रेम खातिर

वैशाली की नगरवधु बनाया.

दुश्मन राजा अजातशत्रु के प्रेम ने

उसे भी परिक्षा देनी पडी

पर वह अग्निपरिक्षा नही थी.

वही बुध्द का वैशाली में आना

यह आम्रपाली के‌ जीवन का

एक नया क्रांती मोड रहा

स्त्री - पुरुष समता वाद का 

स्त्री सन्मान का ...!


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