✍️ *साम्राज्यवादी - कैम्युनिस्ट चायना नीति से लेकर भारत के साम्राज्यवाद (?) - पुंजीवादी नीति तक...!!!* भारत का प्रजातंत्रवाद ???
*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',* नागपुर १७
राष्ट्रिय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (सी.आर.पी.सी.)
मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२
नागपुर में असेम्बली आने के कारण, मेरे कुछ कामों की व्यस्तता, और भी कुछ जादा ही हुयी है. इन सभी व्यस्तता के बिच ही, मेरा कल के दिन का कुछ समय, मेरे इंजीनिअर सलाहकार का साथ रहा. तथा उसी बिच ही मुझे २३ से २५ दिसंबर २०२३ को लगनेवाले, *"फालुन दाफा विपश्यना प्रदर्शनी"* को भेट देने संदर्भ में, निमंत्रण पत्र लेकर दो लेडिज मुझे मिलने भी आयी. उन लेडिज के साथ बात करते समय, *"फालुन दाफा"* के डायरेक्टर चायना स्थित *ली होंग* द्वारा चलाये जा रहे, मिशन पर भी तब कुछ चर्चा हुयी. साथ ही चायना देश के ८०,००० यातनाओं के मामले, और चीनी सरकारी अस्पतालों में चलने वाली, *"मानवीय अंग तस्करी"* संदर्भ पर भी चर्चा हुयी. चायना का विषय आने पर, अचानक मुझे चायना के परराष्ट्रमंत्री *क्वी गांग* तथा फिनिक्स टी. व्ही की एंकर *फू शियान* इनका प्रेम प्रकरण भी यादें ताजा हो गयी. इस प्रकरण के बिच ही, *क्वी गांग* को मंत्री पद से दुर होना भी पडा. और उनके संदेहास्पद मृत्यु की खबर सुनने में भी आयी. वही उनकी प्रेमिका *फू शियान* का गायब होना भी, बडा ही चर्चा का विषय है. वही चायना के मंत्री क्वी गांग कार्यकाल में, उसकी प्रेमिका - फू शियान के जलवे भी, बहुत ही चर्चा में रहे है. *शायद फू शियान भी अब इस दुनिया में ना हो...!* क्यौ कि, साम्राज्यवाद का अतिरेक जब भी बढ जाता है, तब इस तरह की घटनाएं भी सामान्य हो जाती है.
*"साम्राज्यवाद"* जब भी बढ जाता है, तब *"निरंकुश हुकुमशहा"* का जन्म होता है. और *पुंजीवाद"* की भी तुती चलती रही है. इस संदर्भ में *"द्वितिय महायुध्द"* के दो ही निरंकुश हुकुमशहा की यादें, ताजा हो जाती है. वे दो निरंकुश - क्रुर हुकुमशहा है - जर्मनी के *एडाल्फ हिटलर* और इटली के *बेनितो मुसोलिनी.* एडाल्फ हिटलर की प्रेमिका थी - *एवा ब्राऊन* तथा मुसोलिनी की प्रेमिका थी - *क्लारा पेटिचा* जो उस कालखंड में विश्व में, बहुत चर्चित रही. तथा उनके जलवे भी बहुत ही निराले थे. हां, यह भी सत्य है कि, उन निरंकुश हुकुमशहा का मृत्यु भी बहुत ही दु:खद रहा. परंतु उनकी प्रेमिका उनके साथ ही मृत्यु का प्राप्त हुयी. चायना प्रकरण में, माजी मंत्री *क्वी गांग* यह कोई हुकुमशहा नही था. परंतु मंत्री क्वी गांग और उसकी प्रेमिका - फू शियान का अंत...??? चायना का सही हुकुमशहा तो, साम्राज्यवादी - कैम्युनिस्ट विचारधारा के *शी जिनपिंग* है. अमेरीकी अध्यक्ष *जो बायडन* भी, किसी हुकुमशहा से वो कम नही है ! सोव्हीयत रशिया का *ब्लादिमिर पुतिन* भी कौन है ? उन सभी नेताओं की राजनीति हो या, सत्तानीति भी, हमें तो वो साम्राज्यवाद का परिचय करा देती है. यहा तो होड *"विश्व शक्तिमान"* बनने की है. *फिर भारत के सत्ता नेता, साम्राज्यवाद (?) से अछुता कैसे हो सकते है...?* वही भारत मे, *"पुंजीवाद"* का पैर पसारना तो, बहुत ही स्वाभाविक है. *"प्रजातंत्र गया भाड में...!"* भारत में हुकुमशहा (?) का भी प्रेमिका से परे होना कहे, या प्रेमिका की विदाई भी...? यह तो संशोधन का विषय है.
चायना मे एस्सी हजार यातनाओं का जिक्र हुआ है. मानवीय अंगो के तस्करी का भी है. कोरोना काल मे, मैने *"कोरोना का षडयंत्र / मानवीय अंग तस्करी"* विषय पर, कुछ लेख लिखे थे. कोरोना काल में, भारत में भी बडे पैमाने पर, मानवीय अंग की तस्करी भी हुयी है. यह विषय बहुत ही गंभिर भी है. *"परंतु प्राचिन भारत में तो, सदियों से गुलामी का इतिहास रहा है. अन्याय - अत्याचार - बलात्कार का इतिहास है. अनगिणत संख्या...!"* इस संदर्भ का क्या ? वही ज्योतिबा ज्योतिबा फुले / डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इनका जन्म होता है. उनके पहले तो भगवान बुध्द ने, समस्त जंबुद्विप में, बडी सामाजिक / धार्मिक क्रांती की थी. भारत को प्रजातंत्र दिया है. हमे *देववाद / धर्मांधवाद / व्यक्ति पुजा* इससे दुर रहने की, हमे शिक्षा दी है. हमे सचेत कर दिया है. फिर भी हम, उसी ही दलदल में जकड जाते रहे है. उसे अपने ही गले को लगाते है. कुछ लालच में आकर, षडयंत्रकारी के बटिक बन जाते है. शिकार हो जाते है. वही हम सपना देखा करते है - *"विकास भारत / समृध्द भारत / संपन्न भारत"* का...!!! क्या हम कोई *"कस्तुरी मृग जाल"* में तो नही है ???
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नागपुर, दिनांक १६ दिसंबर २०२३
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