Saturday, 10 February 2024

 👌 *एक जीवन सत्य है ...!*

       *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*

       ‌‌ मो. न.‌ ९३७०९८४१३८


तुम जब बहुत दुर चले जाते हो

तुम्हे अहसास हो जाता है

बसं वक्त निकल जाता है

जीवन की यादें रह जाती है

अपनापन खो जाते हो

वाणी से परे हो जाते हो

बहाव में तुम युं बह जाते हो

विश्वास कई मैल दुर हो जाता है

वही यादें जीवन की पहली होती है

कभी वह लौटकर नहीं आती

जीवन का यही चिरकाल सत्य है...

बुध्द हमें वही बातें बताते है

तब तुम समझ से परे होते हो

मन में द्वेष - नफ़रत पाले होते हो

जीवन सत्य ना समझ पाते हो

गुमनाम जीवन को जीयें होते हो

जब गलती का अहसास होता है

एक आवाज देने की हिम्मत

ना ही युं रह जाती है

अंत: तुम बहुत दुर हो जाते हो

पहचान को भी भुल जाते हो 

उस खाई को भरना कठिण होता है

बुध्द की प्रेम मैत्री बंधुता करुणा ही

एक जीवन सत्य है

एक जीवन सत्य है

एक जीवन सत्य है ...!!!


* * * * * * * * * * * * * * * * *

नागपुर, दिनांक १० फरवरी २०२४

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