Wednesday, 31 October 2018

* *सरदार वल्लभभाई स्मारक - स्टॅचु ऑफ युनिटी का लोकार्पण: नेताराज को एक सवाल?*
               *डॉ. मिलिंद जीवने 'शाक्य',  नागपुर*
               मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

    हिंदुस्तान (विश्व का अस्तित्वहीन देश - असंबद्ध/अनैतिक देश) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (भारत के प्रधानमंत्री नहीं) आज दिनांक ३१ अक्तूबर २०१८ को, गुजरात के सरदार बांध परिसर में, *भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री -गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल* के बहुकाय प्रतिमा का लोकार्पण किया. एवं वह प्रतिमा *"विश्व की सबसे उंची प्रतिमा"* होने का, एक दावा भी किया गया. उस प्रतिमा स्थल को *"Statue of Unity"* यह नामकरण भी किया गया. हमारी सत्ता नीति इससे क्या हासिल करना चाहती है...? प्राचीन अशोक काल का "अखंड भारत", आज *"खंड - खंड भारत"* बन गया है. जाती - धर्मवाद का अतिकरण हो रहा है. एकात्मता - बंधुभाव खोजने पर भी दिखाई नही देती. अगर हमारे राजसत्ता नीति ने *"आर्थिक समतावाद - सामाजिक समतावाद - राजकीय समतावाद"* के दिशा में, एक पहल की होती तो, उस का बडा स्वागत होता. वही उस लोकार्पण समारोह में, नरेंद्र मोदी का भाषण भी विचार अपक्वता का परिचय देते गया. *"नरेंद्र मोदी ने भाषण की सुरुवात ही तो, "हिंदुस्तान", इस अस्तित्वहीन और संविधान विरोधी नाजायज शब्द से की.* जो प्रधानमंत्री इस भारत देश में रहता हो, और जिसे हमारे अपने देश का, संविधानिक नाम मालुम ना हो ते, वो व्यक्ति निश्चित ही किसी पद के लायक नहीं माना जा सकता. आगे जाकर नरेंद्र मोदी ने, सरदार वल्लभभाई पटेल के *"भारत राष्ट्रवाद" (?)* की बडी तारिफ की.
     सरदार पटेल, उस काल में निश्चित ही एक सफल - सशक्त - प्रभावशाली कॉंग्रेस नेता रहे है. इतना ही नहीं, सरदार पटेल, ये प्रधानमंत्री पद के भी सशक्त दावेदार थे. मोहनदास गांधी तो, उस काल में, कॉंग्रेस के सर्वेसर्वा हुआ करते थे. दुसरी अहं बात यह कि, *"मोहनदास गांधी और सरदार पटेल यह दोनों नेता भी गुजरात प्रांत से जुडा करते थे. फिर भी सरदार पटेल का भारत का प्रथम प्रधानमंत्री ना बनना,"* यह कुटनीति इतनी सहज नही है. विशेषतः गुजराती समाज यह प्रांतवाद को, विशेष रुप से प्राधान्य देता रहा है. परंतु यहां *'जवाहरलाल नेहरू का भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बनना...?'* इस इतिहास को हम किस संदर्भ की राजनीति समझे? यह संशोधन का विषय है. खैर छोडो, इस विषय पर हम फिर कभी चर्चा करेंगे. परंतु नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल के संदर्भ में "भारत राष्ट्रवाद" की बातें करना, यह तो बहुत बडा ही जोक हो गया. क्यों कि, इतिहास गवाह है कि, *"तत्कालीन समस्त नेताओं में केवल डॉ. आंबेडकर ही 'भारत राष्ट्रवाद - भारतीयत्व "* की वकालत करते थे. अन्य सभी कॉंग्रेसी नेता लोग तो, *"हिंदु धर्म व्यवस्था"* के पक्षधर थे. सरदार वल्लभभाई पटेल भी...! यही कारण है कि, भारत आजादी के बाद इस ७० लाल में, *"भारत राष्ट्रवाद - भारतीयत्व भावना"* का कभी सुर्योदय ही नही हुआ. ना तो कॉंग्रेस ने, ना ही भारतीय जनता पार्टी ने *"भारत राष्ट्रवाद मंत्रालय एवं संचालनालय "* की स्थापना की है. ना ही केंद्रीय बजेट मे कोई प्रावधान ..! यहां तो " नंगा सत्ताराज" चल रहा है. जहां "नीतिवाद"  को कोई जगह नही है. फिर भी वे कॉंग्रेसी नेता बन गये महान देशभक्त...!!! *संघवादी भी उस विचारों मे अछुते नही रहे. उन्होंने सत्ता मिलते ही, अपने जाती विशेष के लिए "देशभक्ती" किताब की, स्वयं सरकार से व्यवस्था कर डाली.*
    सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक का नामकरण भी *"Statue of Unity "* करना तो, *" अतिवाद"* का एक प्रतिक है. वे कभी भी *"लोकशाही शक्तिवाद"* के पुरस्कर्ता थे ही नहीं..! *"युनिटी"* यह बडा ही उदात्त शब्द है. केवल इस तरह के प्रसार - प्रचार से, वो कभी हासिल नही होगा. समस्त विश्व के विद्वान मुर्ख नही है. 'युनिटी' के पुरस्कर्ता तो बुध्द थे. महात्मा जोतिबा फुले थे. डॉ.  बाबासाहेब आंबेडकर थे. ऐसे महान महामानव पर, यह तो ना-इंसाफी है. वही मोहनदास गांधी को *" स्वच्छता "* के नाम पर ब्रांडिंग किया जा रहा है.  *" पर महाराष्ट्र के उस महान संत गाडगेबाबा का क्या..?"* जिन्हें भारतीय राजनीति गुमनाम कर रही है. *"भारतीय करंसी** पर कॉंग्रेस ने मोहनदास गांधी को बिठाकर, अखंड भारत का *"महान सम्राट - चक्रवर्ती अशोक की राजमुद्रा को छोटा किया गया."* वही भाजपा की सत्ता नीति भी, उसी मोड पर चलती दिखाई देती है..! फर्क क्या है..? दोनो भी चित-पट...! भारत की इस कु-नीति के कारण ही, रूपये के यह अवमूल्यन होते आया है. *"भारतीय राज सत्ता यह ब्राम्ह़ण्यवाद की! (चाहे कॉंग्रेस हो या, भाजपा वा लालवाद..!) भ्रष्टाचार भी ब्राम्हण्यवाद का! भारत पर लादी गयी यह गुलामी भी ब्राम्हण्यवाद की! देशद्रोहीता भी ब्राम्हण्यवाद की! कु-नीतिया भी ब्राम्हण्यवाद की!"* और बदनामी (?) तो, मागासवर्ग के आरक्षण नाम पर...? इसे कहते है, *"चाणक्य की कु-ब्राम्हण नीति...! "* "गर्भ मेरीट" हम से पूछा जाता है. परंतु उनके मांओं के 'गर्भ मेरिट' का क्या...?
   अंत में, नरेंद्र मोदी सरकार ने सरदार पटेल स्मारक पर करोडो रुपये खर्च किये है. इसका भावी आऊट पुट क्या है? यही नहीं, ऐसे कितने सारे करोडो रुपयों की, कु-नीतियों में होली खेली गयी. कांग्रेस भी, इससे कभी अछुती नही रहीं. नेहरू का त्रिमूर्ती भवन स्मारक, इंदिरा गांधी का स्मारक, राहुल गांधी स्मारक से लेकर, करोडों की हेराफेरी कांग्रेस की देन है. वही मागासवर्ग से जुडी मायावती, जब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी, और उसने डॉ. आंबेडकर का स्मारक बनाया तो,  पैसों के अपव्यय पर बडा हंगामा किया गया. अब पैसों के बरबादी का आलम, लगातार हर राजसत्ता में चल रहा है. पर यहा बडा हंगामा नही मच रहा है. अत: इसे कहते है, *"हमाम में भारतीय राजनीति नंगी है...! "*

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *
* *डॉ. मिलिंद जीवने 'शाक्य', नागपुर*
      (भारत राष्ट्रवाद समर्थक)
* राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
* मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

Saturday, 27 October 2018

🐗 *सत्यपाल सिंग (केंद्रिय मंत्री)  नाम का एक समाजद्रोही, देशद्रोही और धर्मांधी सुवर...!*
      मि. सत्यपाल सिंग, जो आज केंद्रीय मंत्री के रुप मे विराजित है, वह कभी एक जमाने मे, नागपुर का 'पोलिस आयुक्त' हुआ करता था. और पोलिस आयुक्त पद पर रहते हुये भी, धर्मांध बाते करना - धर्मांधी भाषण देना,  उसकी बचकानी आदत थी. अब वो महाशय, देश में पनप रहे गुंडागिरी एवं दहशतवाद को खत्म करने के लिए, *"वेदों के ओर जाने की"* नसीहत दे रहा है. इसे क्या कहें??? निश्चित ही उसे पागलखाने मे डालना चाहिए. वह निश्चीत ही मंत्री पद के निर्वाहन करने के लायक नहीं है. क्या यही "गर्भ मेरिट" है, उच्च वर्गीय समूहों का...???

*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य',  नागपुर*
मे. न.  ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२



Wednesday, 24 October 2018

💃 *आजाद (?) भारत के नंगा-नाच व्यवस्था में खुदा कौन...? सत्तावाद पर एक बडा सवाल!*
        *डॉ. मिलिंद जीवने 'शाक्य',  नागपुर*
        मो. न. ९३७०९८४१३८, ९२२२५२२६९२२

    अभी अभी ब्राम्हण संघवाद के एक गुट मुखिया *डॉ. मोहन भागवत* जीने नागपुर में कहा की, *"नक्षलवाद यह पहले से ही शहर में बढते आया है. और शहर में रहनेवाले बुध्दीजीवी, विद्वान, या कुछ उपद्रवी तबकों ने इस कु-विचारों का प्रसार प्रचार किया है. संविधान को न माननेवाले और 'भारत के तुकडे होंगे',  इस प्रकार की घोषणा देनेवाले प्रवृत्ती का बढना भी चिंता का एक विषय है."* आगे जाकर डॉ. भागवत दो अहम बातें कह गये. एक है - "शबरीमाला मंदिर का विवाद, यह न्याय व्यवस्था के कारण उत्पन्न हुआ है. इस तरह का निर्णय लेने के पहले, न्यायालय ने धर्माचार्य से चर्चा करनी चाहिये थी." दुसरा विषय है - "जिन इंग्रज साम्राज्य का सुर्यास्त कभी नहीं होता था, वह महात्मा गांधी ने केवल निशस्त्र आंदोलन से किया है. यह सभी बातें नैतिक बल पर ही संभव हो पायी है."
    वही दुसरी ओर हमारा अपना बिन अकल का गधा *रामदास आठवले* भी नागपुर में अभी अभी कह गया की, *"प्रकाश आंबेडकर इनका भारिप बहुजन संघ एवं सांसद असदुद्दीन ओवेसी इनका एम. आय. एम. यह दो दल एक आने से, उस का असर कॉंग्रेस पर होगा. भाजपा - रिपब्लिकन पार्टी को इसका फायदा होगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा की जा रही शस्त्र पुजा यह परंपरा है. उस का विरोध नही होना चाहिये."*
     मित्रो, इन दो नेताओं के उपरोक्त बयान, हम यूं ही नही छोड सकतें? यह बयान सामाजिक एकात्मता के साथ साथ, भारतीय व्यवस्था - सुरक्षा से भी जुडे हुये विषय है. अत: सब से पहले हम डॉ. भागवत के कथन पर चर्चा करेंगे.
    ब्राम्हण संघवाद के एक गुट प्रमुख डॉ. भागवत के उपरोक्त परस्पर द्वंद्व विरोधी बयान, डॉ. भागवत के अपक्व बुध्दीवाद का परिचय कराता है. वहा मेरीट का अभाव दिखाई देता है. *"अत: आंबेडकरी भावों के माताओं का "गर्भ मेरीट" पुछने का, अब उन्हे कोई नैतिक अधिकार नही है ?"* चाहे वह विषय मागासवर्ग के आरक्षण का हो या, नोकरी/सेवा प्रमोशन का हो या, भारतीय संविधान का हो या, भारत राष्ट्रवाद का हो या,  भारत विकासवाद का...!
    डॉ. मोहन भागवत जी अपने उपरोक्त बयान में, एक ओर भारत के नक्षलवाद पर, बडी चिंता जाहिर करते है. वही दुसरी ओर, हिंदुत्व - देवत्व की बडी वकालत भी करते है. शबरीमाला मंदिर का प्रश्न भी उसी से संबधीत है. न्याय व्यवस्था के उपर भी बडे ही प्रश्न चिन्ह लगते आयें है. और न्याय व्यवस्था भी ब्राह्मणवाद का प्रतिक दिखाई देती है. जहां अन्य समाज घटकों को उचित प्रतिनिधित्व नही दिया गया. अत: यहां भी "गर्भ मेरीट" का प्रश्न उभरकर आना स्वाभाविक है. *"अत: संघवाद के कट्टर हिंदु धर्मांध नक्षलवाद को, हम क्या कहे?"* जो भारत के विकासवाद - समतावाद - संविधानवाद का कट्टर शत्रु है. क्या यह राष्ट्रद्रोह नही है?
    डॉ. मोहन भागवत जी का भारत के आजादी संदर्भ में, मोहनदास गांधी के उपर हो रहे प्रेम का विषय भी?  वही दुसरी ओर - *"आज भारत की मिडीया, नेताजी सुभाषचंद्र बोस को, १९४३ में आजाद भारत का पहिला प्रधानमंत्री घोषित करते हुये, जवाहरलाल नेहरू को द्वितिय स्थान पर रखने का, जो प्रचार हो रहा है, उसे हम किस संदर्भ में ले? "* निश्चित ही भारतीय आजादी में सुभाषचंद्र बोस के योगदान को नकारा नही जा सकता. और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जीने भी " भारत आजादी का जादा श्रेय" यह सुभाषचंद्र बोस को ही दिया है. ना कि मोहनदास गांधी को. डॉ. आंबेडकर जी कहते है, *"सुभाषचंद्र बोस ही आजादी देने के लिए मुख्यत: कारण रहे. हिंदी सैन्य के निष्ठा पर ब्रिटिश सरकार आश्रित थी. बोस इन्होंने उसी निष्ठा को चोट पहुँचा कर, भारतीय सैन्य में असंतोष फैलाया. और आजाद हिंद सेना स्थापित की. यही कारण है कि, अंग्रेजे को देश छोडना पडा. "* (मुंबई,  दिनांक २३ दिसंबर १९५१) भारत को आजादी १५ अगस्त १९४७ को मिलने का इतिहास है.  फिर नेताजी सुभाषचंद्र बोस, यह आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री कैसे?
     भारत की आजादी एवं द्वितीय महायुद्ध में कांग्रेसी नेता मोहनदास गांधी हो या सुभाषचंद्र बोस...! उन नेताओं कें कुछ बडी गलतियों को, हम युं ही नजर अंदाज नही कर सकते. द्वितीय महायुद्ध में बाबासाहेब आंबेडकर जी जब अंग्रेजो के पक्ष में खडे हुये थे, तब तत्कालीन कांग्रेस नेताओं ने बाबासाहेब पर, जो गलत आरोप लगाये थे, क्या हम उसे युं ही भुल जाए ? अगर द्वितीय महायुद्ध में, हिटलर की सेना एवं जापान की झारशाही सेना का विजय हुआ होता तो, *"भारत में लोकतंत्र कभी नही दिखाई देता, बल्कि झारशाही - हिटलरशाही दिखाई दी होती."* क्यौं की, सुभाषचंद्र बोस भी उन के साथ मिलकर, युध्द लढ रहा था. वही अमेरिका - रशिया भी अपनी अलग कुटनीति चला रहे थे. आखिर कांग्रेस को भी उस युध्द में अंग्रेजो के पक्ष में खडा होना पडा. द्वितीय महायुद्ध में अंग्रेजो की आर्थिक हालात खराब होना भी, भारत आजादी का एक कारण रहा है. वही ब्राह्मण संघवाद पर, हिटलरवाद का प्रभाव कभी छुपा नही रहा. अत: मोहन भागवत की महात्मा गांधी की तारीफ, हम किस संदर्भ में ले? यह निश्चित ही संशोधन का विषय है.
     भारत को आजादी मिलने को, आज ७० साल पुरे हुये है. फिर भी भारत में, सामाजिक - आर्थिक समानता प्रस्थापित ना होना, इसके लिए जितना *"गांधी - कांग्रेस ब्राम्हणवाद"* का दोष है, उतना ही *"ब्राह्मण - संघ ब्राह्मणवाद, लाल ब्राह्मणवाद"* का भी दोष है. और यह चिरकाल सत्य भी है. फिर भी हमारा बिन अकल गधा, रामदास आठवले ऐसे बयान देता हो तो, यह बडे ही चिंता का विषय है. मित्रो, तो जरा सोचों. आगे हमारा भविष्य कैसे होगा...???

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *
*डॉ. मिलिंद जीवने 'शाक्य', नागपुर*
     (भारत राष्ट्रवाद समर्थक)
* राष्ट्रीय अध्यक्ष, सिव्हिल राईटस् प्रोटेक्शन सेल
* में. न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

Friday, 19 October 2018

Dr. Milind Jiwane's interview with mission India channel.

📽 *डॉ. मिलिन्द जीवने की मुलाखत मिशन इंडिया चँनल के साथ ...!*
      मिशन इंडिया चँनल के मिलिन्द नरांजे और टीम ने "धम्म चक्र प्रवर्तन दिन" के अवसर पर, बौध्द - आंबेडकरी कवि - लेखक - चिंतक - समिक्षक *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इनकी मुलाखत ली. उस अवसर पर सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल की टीम दिपाली शंभरकर, इंजी. गौतम हेंदरे, डॉ. प्रमोद चिंचखेडे, प्रा. अश्ववीर गजभीये, डॉ. राजेश नंदेश्वर, डॉ. मनिषा घोष, डॉ. भारती लांजेवार, चंदा भानुसे, अँड. निलिमा लाडे आंबेडकर, मिलिंद धनवीज, संजय फुलझेले, अशोक निमसरकार, नेहा गणवीर, पुनम फुलझेले, साक्षी फुलझेले आदी पदाधिकारी उपस्थित थे.




✒ *मुकनायक युथ की ओर से दीक्षाभुमी पर करीयर पुस्तक का विमोचन संपन्न ...!*

      *"मुकनायक युध मल्टीपरपज सोसायटी"* नागपुर की ओर से, दीक्षाभुमी पर "धम्म चक्क पवत्तन दिन" के पावन अवसर पर बुधवार दिनांक १७ अक्तुंबर २०१८ को, *"करियर गाईड लाईन मार्गदर्शिका"* इस पुस्तक का विमोचन माजी प्रशासकिय अधिकारी *मा. किशोर गजभिये* इनके हाथों संपन्न हुआ. उस पावन अवसर पर आंबेडकरी लेखक - कवि - समिक्षक - चिंतक *डा. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*, इंजी. गौतम हेंदरे, जिंदा भगत विशेष रूप से उपस्थित थे. मुकनायक परिवार के युवाओं ने इस मिशन की सफलता लिए बडी मेहनत उठाई है.

Free Medical Camp organised at Deekshabhoomi Nagpur.

🚑 *मुफ्त रोग निदान शिबिर का दीक्षाभुमी नागपुर में सफल आयोजन ...!*

        जीवक वेलफेयर सोसायटी एवं सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल इस संघटन ने सयुंक्त रूप से, "धम्म चक्क पवत्तन दिन" के पावन अवसर पर, दीक्षाभुमी नागपुर मे दिनांक १७ - १८ - १९ अक्तुंबर २०१८ को "मुफ्त रोग निदान शिबिर" का आयोजन सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य"* इनकी अध्यक्षता मे संपन्न हुआ. उस अवसर पर *डॉ. सूर्यकांत भगत, डॉ. अशोक उरकुडे, सूर्यभान श़ेंडे, दिपाली शंभरकर, डॉ. हरिश भिवगडे** यह मान्यवर "मुख्य अतिथि" थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रमोद चिंचखेडे ने किया. एवं आभार इंजी. गौतम हेंदरे ने किया. इस तिन दिन के शिबिर में प्रा. अश्वविर गजभिये, डा. राजेश नंदेश्वर, डॉ. मनिषा घोष, डॉ. भारती लांजेवार, चंदा भानुसे, अँड. निलिमा लाडे आंबेडकर, संजय फुलझेले, नेहा गणवीर, अशोक निमसरकार (घाटंजी - यवतमाल), मिलिन्द धनवीज (जिला अध्यक्ष, यवतमाल) पुनम फुलझेले, साक्षी फुलझेले आदी पदाधिकारी वर्ग ने अपनी सेवाएं प्रदान की.
     उस तिन दिन के शिबिर को माजी प्रशासकिय अधिकारी मा. किशोर गजभिये, नागपुर विद्यापिठ के माजी कुलसचिव पुरण मेश्राम, आकाशवाणी नागपुर के माजी केंद्र निदेशक बबन बेसेकर, भीम टायगर सेना के नेता दादासाहेब शेलके (नांदेड), नामांकित पार्श्व गायिका अंजली भारती, महाराष्ट्र शासन के माजी तंत्र संचालक इंजी. सिध्दार्थ हस्ते, तंत्र स्कुल के प्राचार्य सच्चिदानंद दारुंडे, महाराष्ट्र ऑफिसर फोरम के सचिव शिवदास वासे, विद्युत मंडल के अधिक्षक अभियंता इंजी. राहुल बोरीकर, मिशन इंडिया चँनल के मिलिंद नरांजे आदी मान्यवर - मित्र परिवारों ने भेंट दी.

*इंजी. गौतम हेंदरे*, नागपुर जिला अध्यक्ष
*डॉ. प्रमोद चिंचखेडे*, नागपुर शहर अध्यक्ष
*प्रा. अश्ववीर गजभीये*, नागपुर जिला महासचिव
*नरेश डोंगरे*, नागपुर शहर महासचिव













Ramesh Gajbhiye's book published by the hand of Dr. Milind Jiwane.

✍ *गीतकार - रमेश गजभिये इनके गीत पुस्तक का विमोचन दीक्षाभुमी पर संपन्न ...!*

     लोटस एवं कोब्रा प्रकाशन नागपुर की ओर से, गीतकार रमेश गजभिये इनके "बुध्द भीम गीत" पुस्तक का विमोचन "धम्म चक्क पवत्तन दिन" के पावन अवसर पर, गुरुवार दिनांक १८ अक्तुबर २०१८ को दीक्षाभुमी पर, बौद्ध - आंबेडकरी कवी - लेखक - समिक्षक - चिंतक *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* इनके हाथो संपन्न हुआ. उस अवसर पर प्रकाशन के *प्रा. अश्ववीर गजभिये, इंजी. गौतम हेंदरे, राम माकडे* उपस्थित थे.

*रमेश गजभिये* - गीतकार.



Tuesday, 16 October 2018

Free Medical Camp wil be held at Deekshabhoomi Nagpur on 17th October 2018.

🚑 *दीक्षाभुमी नागपुर में मुफ्त रोग निदान शिबिर का आयोजन १७ अक्तुबर को ...!*

      "अशोका विजया दशमी" के पावन उपलक्ष पर, दीक्षाभुमी नागपुर में आयोजित "धम्म चक्क पवत्तन दिन"  समारोह में *जीवक वेलफेयर सोसायटी एवं सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल* ने, संयुक्त रूप से *"मुफ्त रोग निदान शिबिर"* का आयोजन यह *संत चोखामेला होस्टल परिसर"* में दिनांक १७ - १८ -१९ अक्तुबर २०१८ को किया गया है. सदर शिबिर का उदघाटन दिनांक  १७ अक्तुबर २०१८ को दोपहर १.०० बजे *मा. राजेश ढाबरे*, अतिरिक्त आयुक्त कष्टम एवं महासंचालक, लिडकाम, महाराष्ट्र शासन इनके हाथों तथा *डॉ. पुरण मेश्राम*, माजी कुलसचिव, रा.तु.म. नागपुर विद्यापीठ इनकी प्रमुख उपस्थिती मे होगा. सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'* उसकी अध्यक्षता करेंगे. उस अवसर पर, सि.आर.पी.सी. संघटन के केंद्रिय पदाधिकारी *मा. सुर्यभान शेंडे, दिपाली शंभरकर, वंदना जीवने, प्रा. सुखदेव चिंचखेडे* विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे. अत: संघटन के सभी पदाधिकारी एवं मित्र परिवार उस अवसर पर उपस्थित रहे, यह आवाहन किया जाता है.

*इंजी. गौतम हेंदरे*, अध्यक्ष, नागपुर जिला
*डॉ. प्रमोद चिंचखेडे*, अध्यक्ष, नागपुर शहर
*प्रा. अश्ववीर गजभीये*, महासचिव, नागपुर जिला
*नरेश डोंगरे*, महासचिव, नागपुर शहर

Monday, 15 October 2018

Prof. Ashwaveer Gajbhiye posted as CRPC Nagpur District General Secretary.

🔹 *प्रा. अश्ववीर गजभिये  इनकी सिव्हिल राईट्स के नागपुर जिले के महासचिव पद पर नियुक्ती...*
        सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल (C.R.P.C.) के नागपुर जिले के महासचिव पद पर प्रा. अश्ववीर गजभिये इनकी नियुक्ती नागपुर जिला अध्यक्ष इंजी. गौतम हेंदरे इन्होने नागपुर शहर अध्यक्ष डॉ. प्रमोद चिंचखेडे इनसे चर्चा कर की है. इस नियुक्ती को सेल के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य' इन्होने अनुमती दी है... प्रा गजभिये जी यह बाबासाहेब विचारधारा संघटन मे कृतीशील है...! अभी अभी इंग्लंड से "सम्राट अशोक" पर, उन्होने लिखी बायोग्राफी प्रकाशित हुयी है. जिन्होने "भारतीय संविधान" इस शिर्षक पर किताब का लिखान किया है. उनके नियुक्ती पर आयु. एन.पी. जाधव, प्रा. दिलिप बारसागडे, दिपाली शंभरकर, कवी सुर्यभान शेंडे, प्रा. सुखदेव चिंचखेडे, मिलिन्द बडोले, डॉ. नितिन आयवले, रेणु किशोर, अँड. रविंदर सिंग घोत्रा, मुरली मेश्राम, मिलिन्द धनवीज, अँड. आचल श्रीवास्तव, इंजी. विवेक मवाडे, कांचन वीर, इंजी. गौतम हेंदरे, डॉ. प्रमोद चिंचखेडे, प्रवीण बोरकर, अशोक गणवीर, गौतमादित्य, प्रा. योगेंद्र नगराले, नरेश डोंगरे, प्रा. सुखदेव चिंचखेडे, रजनी थेटे, रणजीत तायडे, अँड. निलिमा लाडे आंबेडकर, डॉ. सौमित्रसेन धिवार, डॉ. देवानंद उबाले, हिना लांजेवार, अँड. राजेश परमार, कमलकुमार चौव्हान, हरिदास जीवने, भोला शेंडे, मिलिन्द आठवले, प्रवीण बोरकर, अजय तुम्मे, धनराज उपरे, मनिष खंडारे, सुरेखा खंडारे, सूझंना पोद्दार, चंदा भानुसे, नरेंद्र खोब्रागडे,  मिलिन्द गाडेकर, डॉ. राजेश नंदेश्वर , अशोक निमसरकार, सिध्दार्थ सालवे, प्रशांत वानखेडे, ब्रिजेश वानखेडे, प्रा. गौतम चाटसे, प्रा. शिलवंत गोपनारायण, अँड. बी.एम. गायकवाड,  विनोद भाई वनकर, धर्मेंद्र गणवीर, प्रा. कपिल धोंगडे, प्रा. रवी इंगले, सुधिर जावले, आलिया खान, डॉ. मनिषा घोष, डॉ. भारती पल्लवी मेश्राम, लांजेवार, मंगला राजा गणवीर, मुन्ना यादव, ह्रदय गोडबोले, चंद्रिका बहन सोलंकी, महेश महिडा,  विनोद भाई वनकर, प्रवीण देवले, सुधिर मेश्राम, गोपाल यादव, राहुल दुधे, प्रियदर्शी सुभुती, रोहित विनुभाई कचरा, संजय फुलझेले, अँड. राहुल तायडे, नागसेन पाझारे, प्रशांत ठाकरे, ओमप्रकाश मेश्राम, भालचंद्र सुर्यवंशी, आदीयो ने अभिनंदन किया है...



Thursday, 11 October 2018

Free Medical Camp at Deeksha Bhoomi Nagpur premises dispute ...!

🤝 *दिक्षाभुमी नागपुर में धम्म चक्क दिन में आयोजित "मोफत रोग निदान शिबिर" का आयोजन चोखामेला होस्टेल परिसर में पहले की जगह मिशन पर सफलता ...!*

     "धम्म चक्क पवत्तन दिन" के उपलक्ष में, डॉ. आंबेडकर मेडीकोज असोशिएशन शाखा - शासकिय मेडिकल कॉलेज, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शासकिय आयुर्वेद कॉलेज, श्री आयुर्वेद कॉलेज, डेंटल कॉलेज, होमिओपॅथी कॉलेज तथा जीवक वेलफेअर सोसायटी / सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल, डॉ. बी. आर. आंबेडकर डॉक्टर्स असोशिएशन की ओर से, हर साल चोखामेला होस्टेल परिसर, नागपुर में "मोफत रोग निदान शिबिर" का आयोजन होते आया है. परंतु इस साल माजी मंत्री / काँग्रेस नेता डॉ. नितिन राऊत ने, सामाजिक न्याय विभाग के उपायुक्त डॉ. सिध्दार्थ गायकवाड से अंदरुनी मेल कर, मोफत रोग शिबिर को उस जगह से हटाने प्रयास किया. जब मुझे सुबह ९.३० बजे यह सुचना मिली, तब मैने हमारे डॉक्टर्स - मेडिकोज को दोपहर ३.०० बजे, उसी जगह पर, मिलने को सुचना दी. अत: दोपहर ३.०० बजे ४५ - ५० डॉक्टर साथी इकठ्ठा हुये. और सामाजिक न्याय उपायुक्त डॉ. सिध्दार्थ गायकवाड, निवासी जिलाधिकारी मा. रविंद्र खजांजी से मिले. निवासी जिलाधिकारी ने विषय की गंभिरता समझकर, जिलाधिकारी मा. अश्विन मुदगल जी से हमारी मुलाकत कराई. अंत मे डॉ. नितिन राऊत के कार्यकर्ताओं को हमारी शक्ती का अहसास हुआ. और उन्होने हमारे पुर्ववत जगह से हटना ही उचित समझा. हम ने भी हमारे मेडिकल कँम्प के बाजु में खाली रही जगह पर, उन लोगों को "मोफत भोजन दान" कार्यक्रम आयोजन को अनुमती दी. इस तरह मध्यम मार्ग से उस कुटिल समस्या का हल किया गया.

*डॉ. मिलिंद जीवने 'शाक्य'*
राष्ट्रिय अध्यक्ष,
सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२







🐗 *दिक्षाभुमी, नागपुर में धम्मचक्र दिन पर आयोजित "मोफत रोग निदान शिबिर" को चोखामेला होस्टेल परिसर से हटाने का प्रयास करनेवाले महा - हरामखोर ? जिलाधिकारी - नितिन राऊत - सिध्दार्थ गायकवाड ...!!!*

        नागपुर के आज के जिलाधिकारी, समाज कल्याण आयुक्त सिध्दार्थ गायकवाड, माजी मंत्री एवं काँग्रेस नेता नितिन राऊत का संकल्प संघटन, इन लोगों का दिक्षाभुमी नागपुर परिसर में, कोई भी अस्तित्व नयी था, तब आज से ४० -४५ साल पहले, हमारी युवा डॉक्टर टीम - *"डॉ. हरिष भिवगडे,  डॉ. मिलिंद जीवने 'शाक्य',  डॉ. सुर्यकांत भगत, डॉ. के. एस. उमरे, डॉ. माया कांबले, डॉ. इंदिरा सोमकुवर"* समान कुछ मित्रों ने पहले बार चोखामेला होस्टेल परिसर में *"मोफत रोग निदान शिबिर"* का आयोजन सुरु किया था. हमारे प्रयास से शुरु किया गया वो अंकुर ने, आज बडे वृक्ष का आकार ले लिया है. संत चोखामेला होस्टेल का वह मेडीकल परिसर, अब तो हमारी पहचान बन गयी है. हजारो लोक उस शिबिर का लाभ लेते है. और सभी लोगों को मेडीकल युनिट की जगह यह, चोखामेला होस्टेल परिसर के रूप में ज्ञात है. परंतु नागपुर के जिलाधिकारी के नाम पर, विभागिय समाज कल्याण उपायुक्त सिध्दार्थ गायकवाड ने, अब उस जगह पर *"मोफत रोग निदान शिबिर"* लेने पर मनाई कर डाली. और उस जगह माजी मंत्री एवं काँग्रेस नेता नितिन राऊत के "संकल्प संघटन" को "मोफत भोजन दान" के लिए जगह आवंटन की बात की है...!!! महत्व की बात यह कि, नितिन राऊत ने हमारे "मोफत रोग निदान शिबिर" के आयोजन यह २०- २२ साल अंतराल के बाद, आय टी. आय. के सामने अंध विद्यालय मे, हर साल "मोफत भोजन दान" का आयोजन शुरु किया है. *अब संत चोखामेला होस्टेल परिसर से, मेडिकल कँम्प को हटाना यह जिलाधिकारी, नितिन राऊत, सिध्दार्थ गायकवाड की एक सोची समझी हरामखोरी दिखाई पडती है. इतना ही नही, वो हरामखोर सिध्दार्थ गायकवाड ने चोखामेला होस्टेल का मेन गेट बंद करने की भी बात कर रहा है. जैसे कि चोखामेला होस्टेल की जगह, उसके स्वयं बाप की है. सिध्दार्थ गायकवाड़ को यह कभी नही भुलना चाहिए की, वो एक सरकारी नौकर है, सामाजिक न्याय विभाग का कोई मालक नही ...!!!* वही सिध्दार्थ गायकवाड समान ना-लायक लोगों को, बौध्द धम्म का पावन पुरस्कार भी दिया जाता है ! तो सोचों, जिन लोगों ने सिध्दार्थ गायकवाड का नाम - धम्म पुरस्कार मिलने की शिफारिश थायलंड - बांग्लादेश के बौध्द संघटन को की थी, वो कु -शिफारिश करनेवाले नागपुर के लोक भी, कितने नालायक होंगे ...??? अत: विदशो़ के उस संघटन को सिध्दार्थ गायकवाड को दिया गया - वो धम्म पुरस्कार वापस लेने की माँग करना भी, अब बहुत जरुरी हो गया है...!!!!
      प. पु. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मेडीकोज असोशिएशन - शासकिय मेडिकल कॉलेज , इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, श्री आयुर्वेद कॉलेज, शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, होमीओपँथी कॉलेज, डेंटल कॉलेज, जीवक वेलफेयर सोसायटी, डॉ. आंबेडकर डॉक्टर्स असोशिएशन आदी संघटन के डॉक्टर - मेडीकोज वर्ग की एक मिटिंग आज होने जा रही है. जहाँ जिल्हाधिकारी नागपुर को, संत चोखामेला होस्टल परिसर यह मेडिकल युनिट परिसर होने की, बातें भी बताई जाऐगी. और वह मेडिकल युनिट हटाने का प्रयास करने पर, डॉक्टर्स - मेडिकोज का एक बडा मोर्चा जिलाधिकारी कार्यालय पर जाऐगा. तथा धरणा आंदोलन भी किया जाऐगा. आवश्यकता पडने पर, मा. उच्च न्यायालय मे भी जनहित याचिका दाखल की जाऐगी. दोस्तो, जरा सोंचो ...! हमारे समाज में नितिन राऊत, सिध्दार्थ गायकवाड़ के समान ना-लायक, समाजद्रोही लोग हो तो, समाज की अधोगती यह निश्चित है. हम तो केवल ब्राह्मण संघवाद पर ही आरोप करते है. पर हमारे अपने आंबेडकरी समाज के, इन तथाकथित आंबेडकरी (?) ब्राम्हणवादीयो़ का क्या ...???

*डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
राष्ट्रिय अध्यक्ष,
सिव्हिल राईट्स प्रोटेक्शन सेल
मो.न. ९३७०९८४१३८, ९२२५२२६९२२

Monday, 8 October 2018

Aleix Jiwane, a karate Gold Winner 2018 alongwith his coach Krishna Bhalavi & Riya Joseph.

🎖 *मा. अँलेक्स जीवने को राष्ट्रिय कराटे चँम्पियन स्पर्धा मे गोल्ड मेडल ...!*

      बिशप कॉटन स्कुल का छात्र *मा. अँलेक्स मिलिन्द जीवने* इन्हे, दिनांंक ७ अक्तुबर २०१८ को भोपाल, मध्य प्रदेश में, केशिंग दो शोटोकान कराटे आर्गनायझेशन द्वारा आयोजित *"४ थी राष्ट्रिय इंटर स्कुल कराटे चँम्पियन स्पर्धा"* मे, १२ -१५ वर्ष आयु गट में *"गोल्ड मेडल"* प्राप्त हुआ है.
      अँलेक्स यह *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मिशन"*, लष्करीबाग नागपुर में, कराटे कोच *सेंसई क्रिष्णा भलावी तथा सेंसई रिया जोसेफ* इनके कुशल मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहा है. तथा केंशिग दो शोटोकान कराटे आर्गनायझेशन के प्रमुख मा. सुमित नागदवने का भी मार्गदर्शन मिल रहा है. उस स्पर्धा में डॉ. आंबेडकर मिशन को भी कराटे ट्राफी मिली है.
      बिशाप कॉटन स्कुल की प्राचार्या, अधिक्षक मा. शेंडे मँडम, क्रिडा शिक्षक मा. मानवटकर मँडम ने भी अँलेक्स को मार्गदर्शन किया. अँलेक्स के इस सफलता पर, स्कुल के समस्त शिक्षक - कर्मचारी वर्ग तथा मिशन के श्रीधर मेश्राम, बी. टी. वहाने आदी पदाधिकारी वर्ग ने, ट्युशन कोच कु. श्वेता गोयल मँडम, मित्र परिवार तथा सिव्हील राईट्स प्रोटेक्शन सेल के पदाधिकारीओं वर्ग ने भी उसका अभिनंदन किया है.

Aleix Jiwane won Gold Medal in National Inter School Karate Championship 2018 at Bhopal, MP

🎖 *मा. अँलेक्स जीवने को राष्ट्रिय कराटे चँम्पियन स्पर्धा मे गोल्ड मेडल ...!*

      बिशप कॉटन स्कुल का छात्र *मा. अँलेक्स मिलिन्द जीवने* इन्हे, दिनांंक ७ अक्तुबर २०१८ को भोपाल, मध्य प्रदेश में, केशिंग दो शोटोकान कराटे आर्गनायझेशन द्वारा आयोजित *"४ थी राष्ट्रिय इंटर स्कुल कराटे चँम्पियन स्पर्धा"* मे, १२ -१५ वर्ष आयु गट में *"गोल्ड मेडल"* प्राप्त हुआ है.
      अँलेक्स यह *"डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मिशन"*, लष्करीबाग नागपुर में, कराटे कोच *सेंसई क्रिष्णा भलावी तथा सेंसई रिया जोसेफ* इनके कुशल मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहा है. तथा केंशिग दो शोटोकान कराटे आर्गनायझेशन के प्रमुख मा. सुमित नागदवने का भी मार्गदर्शन मिल रहा है. उस स्पर्धा में डॉ. आंबेडकर मिशन को भी कराटे ट्राफी मिली है.
      बिशाप कॉटन स्कुल की प्राचार्या, अधिक्षक मा. शेंडे मँडम, क्रिडा शिक्षक मा. मानवटकर मँडम ने भी अँलेक्स को मार्गदर्शन किया. अँलेक्स के इस सफलता पर, स्कुल के समस्त शिक्षक - कर्मचारी वर्ग तथा मिशन के श्रीधर मेश्राम, बी. टी. वहाने आदी पदाधिकारी वर्ग ने, ट्युशन कोच कु. श्वेता गोयल मँडम, मित्र परिवार तथा सिव्हील राईट्स प्रोटेक्शन सेल के पदाधिकारीओं वर्ग ने भी उसका अभिनंदन किया है.





Sunday, 7 October 2018

🌹 *हार नही मानता हुँ ...!!!*
           *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
            मो.न. ९३७०९८४१३८

इन फुलों के परछाँई मे, बुध्द को याद कर
नयी प्रेरणा जगाने से, हार नही मानता हुँ ...

कभी अपनों के वो दर्द ने, घायल युं होकर
वे आंसुओं की धारा को, प्यार से गले लगाता हुँ
मनमीत भावनाओं का, दर्द गीत लिख कर
भीम के उस संघर्ष से, नयी उडान लेता हुँ ...

इन काँटो के राह में, यु हीं जख्म मिलने पर
लहु के उन नदीयों मे, वो नावं को धुंडता हुँ
जो हमे किनारा दे, आशियाना के सतह पर
वह कभी ना मिलने पर, फिर भी युं जीता हुँ ...

सत्ता के इस मद मे, रक्त शोषण होने पर
भीम संघर्ष विचारों का, नया गीत लिखता हुँ
वो कोई गाये ना गाये, उसे मै बेफिक्र होकर
अपने ही ताल में, मदहोष होकर गाता हुँ ...

* * * * * * * * * * * * * * * * * *
( यह हमारे तमाम इमानदार, सक्रिय, बेदखल कार्यकर्ताओ़ की वेदनाएँ, शब्दबध्द रूप में ....!!!)

Tuesday, 2 October 2018

🐕 *रॉकी : मेरा कुत्ता ...!*
             *डॉ. मिलिन्द जीवने 'शाक्य'*
             मो.न. ९३७०९८४१३८

जब कभी हम
हमारे अपने घर में
कुत्ता पालने का अहम् विषय
मन मे ठान लेते है
तो वफादारी के लिए
हम विदेशी कुत्तों को
युं ही याद कर जाते है ...!
हमारे अपने गावरानी कुत्ते
केवल आवारा गर्दी करने
कोई हड्डी का तुकडा
वो मिल जाएँ तो
उसे खाने के लिए
एकमेक पर तुटकर गिरते हुये
हमे नजर आते है
इस लिए हम भुल जाते है
प्रचारीत स्वदेशी विचार ...!
रॉकी : मेरा कुत्ता
रात में कभी भी
मै या मेरे परिवार के सदस्य
कुछ कारणवश उठ जाएँ तो
वह पिछे पिछे आ जाता है
और बैठे रहता है तब तक
जब तक हम सो न जाएँ ...!
एक आवाज देने पर
वो दौडे दौडे आ जाता है
कही बाहर जाने का
उसने प्रयास करने पर
एक आवाज भी दी जाएँ तो
वो लौटकर वापस आता है
और पैर के पास बैठ जाता है ...!
पर यह आदमी तो
उन विदेशी कुत्तों से
बिलकुल ही विपरीत है
ना वो पुर्ण रूप से
वफादार दिखाई देता है
या पुर्ण रुप से किसी की सुनता है
कहीं न कही वो अपनी मनमर्जी
चला ही जाता है ...!
वही मै अपने वतन - भारत के
उस प्राचिन इतिहास मे
युं ही अंतर्मुख हो जाता हुँ
जहाँ हमारे महार पुरखों ने
अपने वफादारी के
कई इतिहास रच डालें है...!
शिवाजी महाराज की सुरक्षा हो
या जेल से छुडाना हो
भीमा कोरेगाव का इतिहास हो
और ऐसे कितने इतिहास बतायें ?
वो पुरखोंवाली वफादारी
आज मै खोज रहा हुँ
जो हम कहीं ना कही खो गये है ...!
आज तो
हमारी युवा पिढी हो या नेते
किसी सत्ता व्यवस्था के
पैर चाटने में धुंद है
तो कोई हिजडों की फौज में
अपने को भरती कर
नये गुलामी का अंकुर
स्वयं पर लादकर
धन्यता मानते नजर आते है ...!
अब मै सोंचता हुँ
तथागत
महात्मा ज्योतीबा फुले
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
आदी महा महिम
क्या इस भारतीय धरती पर
एक बार फिर पुनर्जन्म लेंगे ?
हमें संघटीत करने के लिए
नयी दिशा देने के लिए
यह प्रश्न अब भी अनुत्तरित है ...!!!

* * * * * * * * * * * * * * *

Monday, 1 October 2018

Aleix Jiwane participated in Karate Tournaments of Nagpur District Sports at Mankapur Stadium.

Aleix Jiwane participated in Karate Competition organized by Nagpur District Sports at Mankapur Stadium Nagpur. And representation of Bishop Cotton School, Sadar Nagpur.